आयकर विभाग ने मीडिया समूह पर 700 करोड़ की कर चोरी, फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया

दैनिक भास्कर समूह के खिलाफ बीते गुरुवार से जारी छापेमारी के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रविवार को दावा किया कि उसे मीडिया समूह के 2200 करोड़ रुपये के कथित फर्जी लेन-देन का पता चला है. इसके साथ ही उसने भारत समाचार एवं उससे जुड़े व्यवसाय पर करीब 200 करोड़ रुपये का बिना हिसाब का लेनदेन होने का आरोप लगाया है.

/
(फोटो: रॉयटर्स)

दैनिक भास्कर समूह के ख़िलाफ़ बीते 22 जुलाई को जारी छापेमारी के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने दावा किया है कि उसे मीडिया समूह के 2,200 करोड़ रुपये के कथित फ़र्ज़ी लेन-देन का पता चला है. इसके साथ ही उसने टीवी चैनल भारत समाचार एवं उससे जुड़े व्यवसाय पर करीब 200 करोड़ रुपये का बिना हिसाब का लेन-देन होने का आरोप लगाया है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को दावा किया कि उसे मीडिया समूह के 2,200 करोड़ रुपये के कथित फर्जी लेन-देन का पता चला है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी ने समूह पर पिछले छह वर्षों में 700 करोड़ रुपये की कर चोरी का भी आरोप लगाया है.

बयान में समूह के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है. हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने इस समूह की पहचान भोपाल के मुख्यालय वाले और एक 6,000 करोड़ रुपये के प्रमुख समूह दैनिक भास्कर के रूप में की है जो कि मीडिया, ऊर्जा, कपड़ा और रियल एस्टेट जैसे कारोबार करता है.

आयकर विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में मीडिया समूह दैनिक भास्कर पर छापेमारी की थी.

सीबीडीटी ने कहा कि 22 जुलाई को भोपाल, इंदौर, दिल्ली, अहमदाबाद, नोएडा और कुछ अन्य शहरों में शुरू की गई तलाशी अभी जारी है और आगे की जांच प्रगति पर है.

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘तलाशी अभियान के दौरान प्राप्त विशाल सामग्री की पड़ताल की जा रही है.’

सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करता है.

बयान में आरोप लगाया गया है, ‘असंबंधित व्यवसायों में लगी इस समूह की कंपनियों के बीच करीब 2,200 करोड़ रुपये के चक्रीय कारोबार और पैसे का लेन-देन पाया गया है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि वास्तविक तौर पर सामान की आवाजाही या आपूर्ति के बिना ही फर्जी लेन-देन किया गया. कर प्रभाव एवं अन्य नियमों के उल्लंघन की पड़ताल की जा रही है.’

बता दें कि बीते 22 जुलाई को आयकर विभाग ने मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, नोएडा और अहमदाबाद सहित नौ शहरों में फैले 20 रिहायशी और कारोबारी परिसरों में स्थित दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर छापेमारी शुरू की थी.

छापेमारी वाले दिन मीडिया समूह ने अपनी वेबसाइट पर संदेश जारी कर दावा किया था कि सरकार उसकी सच्ची पत्रकारिता से डरी हुई है. दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर एक संदेश लिखा था, ‘मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं भास्कर हूं. भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी.’

22 जुलाई को दिव्य भास्कर गुजरात के संपादक देवेंद्र भटनागर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा था, ‘सबसे पहले उन्होंने विभिन्न तरीकों से दबाव बनाने की कोशिश की. पिछले ढाई महीने से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने विज्ञापन (अखबार में) बंद कर दिया है. यह उनकी मर्जी है, वे रोक सकते हैं. इसके बावजूद जब भी सरकार ने कुछ अच्छा किया, हमने उसे प्रकाशित किया और जब उन्होंने कुछ गलत किया तो हमने उसे भी प्रकाशित किया. ये छापे गलतियों को उजागर करने वाले भास्कर की लगातार रिपोर्टिंग का परिणाम हैं.’

सीबीडीटी ने बयान में आरोप लगाया है कि समूह में उसके स्वामित्व और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियां हैं और वे अपने कर्मचारियों के नाम पर कई कंपनियों का संचालन कर रहे हैं, जिनका उपयोग ‘फर्जी’ खर्चों के लिए किया गया है.

बयान में आरोप लगाया गया, ‘तलाशी के दौरान ऐसे कई कर्मचारियों ने यह स्वीकार किया है कि वे ऐसी कंपनियों के बारे में नहीं जानते थे और उन्होंने नियोक्ता को अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर भरोसे पर दिए थे.’

सीबीडीटी ने कहा कि समूह की रियल एस्टेट इकाई मीडिया, बिजली, कपड़ा सहित व्यवसायों में शामिल है और उसका सालाना 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है. उसने एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से एक सहयोगी कंपनी को 597 करोड़ रुपये के ऋण में से 408 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी.

उसने कहा, ‘रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी कर योग्य लाभ में से ब्याज के खर्च का दावा किया है, लेकिन उसने होल्डिंग कंपनी (किसी कंपनी के आधे से अधिक शेयरों पर नियंत्रण वाली कंपनी) के निजी निवेश में हेराफेरी की.’

कर विभाग बेनामी लेन-देन निषेध अधिनियम के आवेदन की जांच के साथ-साथ सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी द्वारा निर्धारित कंपनी अधिनियम और लिस्टिंग समझौते के खंड 49 के उल्लंघन को स्थापित करने की मांग कर रहा है.

भारत समाचार पर 200 करोड़ रुपये के ‘बिना हिसाब के लेन-देन’ की जांच: सीबीडीटी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को दावा किया कि लखनऊ के हिंदी समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ एवं उससे जुड़े व्यवसाय पर इस हफ्ते की शुरुआत में छापेमारी के बाद जब्त दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड से पता चलता है कि करीब 200 करोड़ रुपये का ‘बिना हिसाब का’ लेन-देन हुआ.

छापेमारी 22 जुलाई को लखनऊ, बस्ती, वाराणसी, जौनपुर और कोलकाता में तथा प्रधान संपादक ब्रजेश मिश्रा, राज्य प्रमुख वीरेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के हरैया (बस्ती जिला) विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय सिंह एवं कुछ अन्य के आवासीय परिसरों पर हुई थी.

सीबीडीटी ने बयान में समूह की पहचान उजागर नहीं की और कहा कि समाचार के अलावा यह समूह खनन, आवभगत, शराब और रियल इस्टेट का भी व्यवसाय करता है.

अधिकारियों ने इसे भारत समाचार पर छापेमारी से जुड़ा मामला बताया.

सीबीडीटी ने दावा किया, ‘तीन करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि बरामद की गई और 16 लॉकर को जब्त किया गया है. डिजिटल रिकॉर्ड सहित दस्तावेजों से पता चलता है कि करीब 200 करोड़ रुपये का अघोषित लेन-देन हुआ.’

छापेमारी के बाद मिश्रा ने कहा था कि वे कर का भुगतान करने वाले नागरिक हैं और वे पिछले दो दशक से बकाया कर का भुगतान करते रहे हैं.

सीबीडीटी के बयान में दावा किया गया कि छापेमारी के दौरान साक्ष्यों से पता चलता है कि यह व्यावसायिक समूह खनन, प्रसंस्करण और शराब, रियल एस्टेट आदि के माध्यम से काफी बेनामी आय अर्जित कर रहा है.

छापेमारी में पता चला कि कोलकाता में बनी 15 से अधिक कंपनियां ‘अस्तित्व में ही नहीं हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq