1993 मुंबई बम ब्लास्ट में ताहिर और फ़िरोज़ को फांसी, अबू सलेम व करीम को उम्रक़ैद

12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

abu salem reuters
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

1993 के मुंबई धमाकों के मामले में टाडा कोर्ट ने सजा पर फैसला सुना दिया है. इस मामले में फ़िरोज़ अब्दुल रशीद ख़ान और ताहिर मर्चेंट को फांसी की सजा सुनाई गई है.

वहीं, माफिया डॉन अबू सलेम और करीमुल्लाह खान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. दोनों पर 2-2 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा हुई है.

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इस मामले में कुल सात आरोपी थे, जिनमें से एक अब्दुल कयूम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जबकि छह को दोषी पाया था. छह दोषियों में एक मुस्तफा डोसा की मौत हो चुकी है. गौरतलब है कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

विशेष सरकारी वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम ने कहा कि अबु सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वो 12 साल जेल में गुजार चुका है. ऐसे में भारत और पुर्तगाल मिलकर तय करेंगे कि सलेम को जेल में कितने दिन रहना होगा. कहा जा रहा है कि पुर्तगाल के कानून के मुताबिक, उम्रकैद का मतलब 25 साल होता है. ऐसे में सलेम को जेल में और 13 साल गुजारने होंगे. आपको बता दें कि सलेम 2005 से जेल में बंद है.

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