ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया

क़र्ज़ वसूली से जुड़े मामले में 13 बैंकों के समूह याचिकाकर्ता हैं. याचिकाकर्ता एक अरब ब्रिटिश पाउंड के क़र्ज़ के संदर्भ में दिवालिया आदेश के क्रियान्वयन को लेकर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं. भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के ख़िलाफ़ करीब 9,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. माल्या ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद 2016 में देश छोड़ दिया था.

/
विजय माल्या (फोटोः पीटीआई)

क़र्ज़ वसूली से जुड़े मामले में 13 बैंकों के समूह याचिकाकर्ता हैं. याचिकाकर्ता एक अरब ब्रिटिश पाउंड के क़र्ज़ के संदर्भ में दिवालिया आदेश के क्रियान्वयन को लेकर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं. भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के ख़िलाफ़ करीब 9,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. माल्या ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद 2016 में देश छोड़ दिया था.

विजय माल्या (फोटोः पीटीआई)

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने का आदेश जारी किया. इससे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में भारतीय बैंकों के समूह के लिए बंद पड़ी एयरलाइन किंगफिशर के ऊपर बकाया कर्ज की वसूली को लेकर वैश्विक स्तर पर उनकी संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई कराने का रास्ता साफ हो गया है.

लंदन हाई कोर्ट के उच्चतम न्यायालय प्रभाग के मुख्य ऋण शोधन और दिवाला तथा कंपनी मामलों के न्यायालय (आईसीसी) के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अपने फैसले में कहा, ‘मैं डॉ. माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं.’

विधि कंपनी टीएलटी एलएलपी और अधिवक्ता मार्सिया शेकरडेमियन ने भारतीय बैंकों का प्रतिनिधित्व किया और दिवालियापन के आदेश को लेकर अपने तर्क रखे.

65 साल के कारोबारी माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर हैं. ऐसा समझा जाता है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया से जुड़े एक अलग मामले में देश में शरण देने के मुद्दे पर गोपनीय कानूनी कार्रवाई का समाधान होने तक वह जमानत पर रह सकते हैं.

उनके वकील फिलिप मार्शल ने मामले में स्थगन के साथ-साथ आदेश को स्थगित करने का आग्रह किया.

हालांकि, न्यायाधीश ने आग्रह ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि इस बात के ‘अपर्याप्त सबूत’ है कि याचिकाकर्ताओं को ऋण उचित समय के भीतर पूरी तरह से वापस कर दिया जाएगा.

उन्होंने दिवालियापन के आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगने वाला एक आवेदन भी रखा, जिसे न्यायाधीश ब्रिग्स ने अस्वीकार कर दिया.

कर्ज वसूली से जुड़े मामले में 13 बैंकों के समूह याचिकाकर्ता हैं. याचिकाकर्ता एक अरब ब्रिटिश पाउंड के कर्ज के संदर्भ में दिवालिया आदेश के क्रियान्वयन को लेकर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं.

माल्या के वकीलों की टीम ने तर्क दिया कि कर्ज विवादित बना हुआ है और भारत में चल रही कार्यवाही ब्रिटेन में दिवालियापन के आदेश को निषेध करता है.

मालूम हो कि इससे पहले अप्रैल 2020 में विजय माल्या को राहत देते हुए लंदन हाईकोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई थी, ताकि उससे तकरीबन 1.145 अरब पाउंड (10,837 करोड़ रुपये) का कर्ज वसूला जा सकें.

हाईकोर्ट की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा था कि जब तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

बता दें कि माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी किंगफिशर एयरलाइन कंपनी के लिए बैंकों से कर्ज लिया था और उसे बिना चुकाए फरार हो गए.

माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. माल्या ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद देश छोड़ दिया था.

विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने साल 2004 से 2012 के बीच 17 बैंकों से कुल 7,800 करोड़ रुपये का लोन लिया था. माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लोन मांगते वक्त बैंकों को पर्सनल गारंटी दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25