बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर लगाई जा रहीं अटकलों को विराम देते हुए बीते सोमवार को इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफ़ा ऐसे दिन दिया जब उनकी सरकार को दो साल पूरे हुए थे. बसवराज बोम्मई उनकी जगह लेने वाले शीर्ष दावेदारों में से थे. उत्तर कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के नेता बोम्मई को येदियुरप्पा का क़रीबी माना जाता है.

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कर्नाटक मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई. (फोटो: पीटीआई)

बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर लगाई जा रहीं अटकलों को विराम देते हुए बीते सोमवार को इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफ़ा ऐसे दिन दिया जब उनकी सरकार को दो साल पूरे हुए थे. बसवराज बोम्मई उनकी जगह लेने वाले शीर्ष दावेदारों में से थे. उत्तर कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के नेता बोम्मई को येदियुरप्पा का क़रीबी माना जाता है.

बसवराज बोम्मई. (फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने राजधानी बेंगलुरु स्थित राज भवन में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

कर्नाटक में भाजपा के विधायक दल ने मुख्यमंत्री पद पर असमंजस को खत्म करते हुए मंगलवार शाम को 61 वर्षीय बोम्मई को अपना नया नेता चुना. बोम्मई ने कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा का स्थान लिया है.

उत्तर कर्नाटक से लिंगायत समुदाय के नेता बोम्मई को येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाने में वरिष्ठ भाजपा नेता की पूरी सहमति है.

दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के बेटे बोम्मई सोमवार को भंग हुई येदियुरप्पा की मंत्रिपरिषद में गृह मामलों, कानून, संसदीय मामलों और विधायी मामलों के मंत्री थे. कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी के बाद यह पिता-पुत्र की दूसरी जोड़ी है, जो मुख्यमंत्री बने हैं.

बोम्मई हावेरी जिले में शिगगांव से तीन बार के विधायक हैं तथा दो बार वह पार्षद रहे हैं.

उनके शपथ ग्रहण समारोह में येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री प्रधान और जी किशन रेड्डी, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि मौजूद रहे. प्रधान और रेड्डी को विधायक दल की बैठक के लिए भाजपा के संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.

शपथ ग्रहण समारोह से पहले बोम्मई ने येदियुरप्पा, प्रधान, रेड्डी और सिंह से मुलाकात की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री का पद संभालने से पहले विधान सौध में पूजा की.

शपथ ग्रहण के बाद बसवराज ने कहा कि बाढ़ और कोविड-19 ऐसी चुनौतियां हैं, जिन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. उनकी सरकार महामारी के बीच गरीबों, किसानों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के उत्थान के लिए एक टीम के रूप में काम करेगी.

उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक के लोगों का मुझ पर जो भी विश्वास और भरोसा है, मैं उसे कायम रखूंगा.’

जब से येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बारे में अटकलें लगाई जाने लगीं, तब से बोम्मई हमेशा उनकी जगह लेने वाले शीर्ष दावेदारों में से थे. बोम्मई भाजपा की विचारधारा से कोई नाता नहीं रहा है, वह समाजवादी विचारधारा वाले नेता रहे हैं, जो अपने पिता एसआर बोम्मई के नक्शेकदम पर चलते हैं, जो जनता पार्टी के एक नेता थे और जो 1988 में मुख्यमंत्री बनाए गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी पार्टी और कर्नाटक के विकास के लिए बीएस येदियुरप्पा के महान योगदान के लिए कोई भी शब्द नहीं है. दशकों तक उन्होंने कड़ी मेहनत की, कर्नाटक के सभी हिस्सों की यात्रा की और लोगों के साथ तालमेल बिठाया. सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई. वह समृद्ध विधायी और प्रशासनिक अनुभव से संपन्न हैं. मुझे विश्वास है कि वह राज्य में हमारी सरकार द्वारा किए गए असाधारण कार्यों को आगे बढ़ाएंगे. फलदायी कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं.’

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी. मैं निश्चित तौर पर बीएस येदियुरप्पा के सक्षम नेतृत्व में किए गए राज्य सरकार के अच्छे कार्यों को जारी रखूंगा. हम एक टीम के रूप में अपने सभी वरिष्ठ नेताओं के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य और राष्ट्र के विकास के लिए काम करेंगे.’

https://twitter.com/BSBommai/status/1420287219886018562

येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर महीनों से लगायी जा रहीं अटकलों को विराम देते हुए सोमवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफा ऐसे दिन दिया जब उनकी सरकार को दो साल पूरे हुए थे.

बता दें कि राज्य में आगामी चुनाव साल 2023 में होंगे. इससे पहले साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 224 सदस्यों वाले विधानसभा में सामान्य बहुमत हासिल कर पाने में विफल रही थी, जिसके कारण कांग्रेस और जेडीएस ने साथ आकर सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे.

हालांकि, एक साल बाद ही जुलाई, 2019 में कुछ कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के कारण वह सरकार गिर गई. इसके तुरंत बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में लड़कर येदियुरप्पा सरकार में इन्हें जगह मिल गई.

सबके फायदे के लिए काम करने को कहूंगी: मुख्यमंत्री की पत्नी 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर मंगलवार को बसवराज बोम्मई को चुने जाने के बाद उनकी पत्नी चेनम्मा बसवराज ने कहा कि उनके कठिन परिश्रम का यह परिणाम है और वह उनसे सबके फायदे के लिए काम करने को कहेंगी.

चेनम्मा ने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, ‘एक मुख्यमंत्री की पत्नी होने के नाते मैं उनसे वह काम करने को कहूंगी, जिससे सबको फायदा हो.’

बोम्मई के राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह भगवान के आशीर्वाद से हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि बसवराज की मेहनत रंग लाई है. हमें लगता है कि वह अच्छा काम करेंगे जैसा उन्होंने कोविड महामारी के दौरान किया.’’

चेनम्मा ने येदियुरप्पा सरकार में मंत्री के रूप में बोम्मई के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि उनके पति एक सफल मुख्यमंत्री होंगे.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बोम्मई ने अपने पिता को एक मुख्यमंत्री के रूप में देखा है, जो उन्हें अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. बसवराज बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई 1988-1989 के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)