असम और मिज़ोरम के पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष के 13 दिन बाद रविवार को देश के बाकी हिस्सों से पहुंचने वाले ट्रक असम के साथ लगी विवादित सीमा से मिज़ोरम में प्रवेश कर पाए. असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा है कि पटरियों की मरम्मत के बाद रेल सेवा भी बहाल कर दी जाएगी.
आइजोल/सिल्चर/हैलाकांडी/गुवाहाटी: असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष के 13 दिन बाद रविवार को देश के बाकी हिस्सों से ट्रक पड़ोसी राज्य असम के साथ लगी विवादित सीमा के पार मिजोरम में प्रवेश कर पाए.
पुलिस द्वारा सुरक्षा को लेकर शनिवार को दिए गए आश्वसन के बाद विवादित सीमा के पास धौलाई से ट्रक आगे बढ़ने लगे.
ट्रक चालकों ने सीमा के पास धौलाई में अपने ट्रक खड़े किए थे और स्थानीय लोगों द्वारा लागू की गई अनौपचारिक नाकाबंदी हटने के बाद भी वहां से आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था.
उन्होंने शनिवार को असम के दो मंत्रियों अशोक सिंघल और परिमल शुक्लाबैद्य की तरफ से सीमा पार कर मिजोरम जाने को सुरक्षित बताने का आश्वासन मिलने के बाद दवाओं, डीजल और रसोई गैस सहित आवश्यक आपूर्तियों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया.
शुक्लावैद्य ने कहा कि हैलाकांडी जिले से मिजोरम में जरूरी सामानों की आपूर्ति भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि पटरियों की मरम्मत के बाद रेल सेवा भी बहाल कर दी जाएगी.
कोलासिब के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वनलाफाका रालते ने कहा कि शनिवार रात से रविवार सुबह तक 50 से ज्यादा वाहनों ने मिजोरम में प्रवेश किया.
वैरेंग्टे में डेरा डालकर रह रहे एसपी ने बताया, ‘दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच यातायात की आवाजाही फिलहाल सुचारू रूप से चल रही है. हालांकि, हम फिर भी चौकेन्ने हैं क्योंकि अप्रिय घटना किसी भी वक्त हो सकती है.’
कछार की पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने भी पुष्टि की कि वाहन भारी पुलिस सुरक्षा के तहत आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि, शुरुआत में स्थानीय लोगों की तरफ से कुछ प्रतिरोध था लेकिन दोनों मंत्रियों की बातचीत के बाद वाहनों ने आगे बढ़ना शुरू किया.’
सिल्चर स्थित मिजोरम हाउस के जनसंपर्क अधिकारी काप्तलुआंगा ने बताया कि ट्रकों की आवाजाही शुरू होने से पहले मिजोरम जाने वाले करीब नौ वाहनों को लैलापुर के पास शनिवार शाम शरारती तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया.
हालांकि, कुछ चालक फिर भी अपने वाहन सीमा पार ले जाने में हिचकिचा रहे थे और उन्होंने सुरक्षा के लिए लिखित में आश्वासन मांगा.
यह घटना असम और मिजोरम के मंत्रियों की पिछले हफ्ते की मुलाकात के बाद हुई, जिन्होंने सौहार्दपूर्ण ढंग से मतभेद दूर कर सीमा पर विवाद को शांत करने पर सहमति जताई थी.
बैठक के बाद असम के विकास मंत्री अतुल बोरा ने कहा था कि असम सरकार मिजोरम की यात्रा के खिलाफ जारी किए गए परामर्श को वापस ले लेगी और दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही बहाल करने के लिए कदम उठाएगी.
उल्लेखनीय है कि असम की बराक घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर कई समूहों के आर्थिक नाकेबंदी करने के बाद मिजोरम के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
शनिवार को मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर लालथंगलियाना ने बताया कि असम से जरूरी सामान लिए ट्रक मिजोरम में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं.
उन्होंने बताया था, असम सरकार की ओर से अपने नागरिकों को जारी की गई एडवाइजरी के वापस लिए जाने के बाद भी जरूरी सामान युक्त ट्रक असम से मिजोरम आने में असमर्थ हैं.
बता दें कि दोनों राज्यों की पुलिस के बीच 26 जुलाई को हिंसक झड़प में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
दोनों राज्य असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों तथा मिजोरम के कोलासिब, मामित और आइजोल जिलों के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं.
दरअसल दोनों राज्यों की क्षेत्रीय सीमा को लेकर अलग-अलग व्याख्याएं हैं. मिजोरम का मानना है कि उसकी सीमा तराई क्षेत्र के लोगों के प्रभाव से आदिवासियों को बचाने के लिए 1875 में खींची गई इनर लाइन तक है, जबकि असम 1930 के दशक में किए गए जिला रेखांकन सर्वेक्षण को मानता है.
वहीं, केंद्र सरकार ने अंतर-राज्यीय सीमा विवादों को निपटाने के लिए सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं का सीमांकन करने का निर्णय लिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)