मिज़ोरम के बाद असम-मेघालय सीमा पर विवाद, दोनों राज्यों की पुलिस और लोग आमने-सामने आए

असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग ज़िले और मेघालय के री-भोई ज़िले के बीच का क्षेत्र 24 अगस्त से तनावपूर्ण है और बीते 25 अगस्त को स्थिति तब गंभीर हो गई, जब मेघालय के कुछ लोगों ने स्थानीय पुलिस के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग के उमलाफेर इलाके के पास कथित रूप से असम सीमा के अंदर घुसने की कोशिश की.

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असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग ज़िले और मेघालय के री-भोई ज़िले के बीच का क्षेत्र 24 अगस्त से तनावपूर्ण है और बीते 25 अगस्त को स्थिति तब गंभीर हो गई, जब मेघालय के कुछ लोगों ने स्थानीय पुलिस के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग के उमलाफेर इलाके के पास कथित रूप से असम सीमा के अंदर घुसने की कोशिश की.

दीफू/शिलांग: मिजोरम के साथ सीमा विवाद को अभी कुछ ही दिन बीते थे कि असम की मेघालय से लगी सीमा पर स्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं. दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई थीं. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है.

असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले और मेघालय के री-भोई जिले के बीच का क्षेत्र 24 अगस्त से तनावपूर्ण है और बीते 25 अगस्त को स्थिति तब गंभीर हो गई, जब मेघालय के कुछ लोगों ने स्थानीय पुलिस के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग के उमलाफेर इलाके के पास कथित रूप से असम सीमा के अंदर घुसने की कोशिश की.

इससे दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई थीं. हालांकि असम पुलिस के दल ने मेघालय से आए समूह को वापस भेज दिया.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 अगस्त की रात मेघालय के री-भोई जिले के तीन लोगों को असम पुलिस की एक टीम ने राज्य की सीमा पर कथित रूप से पीटा था. घटना के बाद मेघालय के लोगों के एक समूह ने अगले दिन उमलाफेर इलाके में असम पुलिस की एक पुलिस चौकी को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया.

पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक एसपी अजगवरन बसुमतारी ने कहा है कि 23 अगस्त की घटना पर बैठक की मांग को लेकर मेघालय के 100 से अधिक लोगों और पुलिसकर्मियों के असम में प्रवेश करने के बाद बीते 24 अगस्त को स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी.

बसुमतारी ने बताया, ‘असम की ओर से भी कई लोग मौके पर जमा हो गए थे. बाद में हमारे पुलिसकर्मियों और नागरिकों द्वारा मेघालय पुलिसकर्मियों और नागरिकों को वापस भेजने में कामयाब होने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. लेकिन कुछ घंटों बाद मेघालय का एक पुलिस दल असम में करीब 15 किमी अंदर घुस गया और स्थानीय निवासियों ने मेघालय पुलिस के वाहनों को रोक लिया. दोनों समूहों के बीच कुछ धक्का-मुक्की हुई और बाद में मेघालय पुलिस को वापस ले जाया गया.’

पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के एसपी ने आगे कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है.

दूसरी ओर, री-भोई जिला पुलिस ने दावा किया कि मेघालय पुलिस का एक अधिकारी बुधवार को स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में घायल हो गए.

री-भोई जिले के एसपी एन. लामारे ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं. लामारे ने कहा कि इस दौरान हुई हाथापाई में एक डिप्टी एसपी घायल हो गए. उन्हें एक नजदीकी चिकित्सा इकाई ले जाया गया और वह अब खतरे से बाहर हैं.

असम और मेघालय के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दोनों ओर के बल मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है.

अंतरराज्यीय सीमा पर एक विवादित ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले 18 गांवों में से एक, उमलाफेर की स्थिति तब दोनों पूर्वोत्तर पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद शांत हो गई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मेघालय को 1972 में असम से अलग करके राज्य बनाया गया था. दोनों राज्यों के बीच समस्या तब शुरू हुई जब मेघालय ने 1971 के असम पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती दी, जिसने मिकिर हिल्स या वर्तमान कार्बी आंगलोंग क्षेत्र के ब्लॉक एक और दो को असम को दे दिया.

मेघालय का तर्क है कि ये दोनों ब्लॉक तत्कालीन यूनाइटेड खासी और जयंतिया हिल्स जिले का हिस्सा थे, जब इसे 1835 में अधिसूचित किया गया था. वर्तमान में 733 किलोमीटर असम-मेघालय सीमा पर विवाद के 12 बिंदु हैं.

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जुलाई से अब तक दो दौर की बातचीत की है और जटिल सीमा विवादों को चरणबद्ध तरीके से हल करने के लिए दो क्षेत्रीय समितियों का गठन करने का निर्णय लिया गया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 6 अगस्त को गुवाहाटी में हुई पिछली बैठक में असम और मेघालय दोनों सरकारों ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद को चरणबद्ध तरीके से सुलझाने का फैसला किया था.

दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में तीन समितियों का गठन किया जाएगा और 12 विवादित क्षेत्रों में से छह को प्राथमिकता के आधार पर समाधान के लिए चिह्नित किया गया है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और मेघालय के उनके समकक्ष कोनराड संगमा ने कहा था कि दोनों राज्यों ने कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में प्रत्येक पक्ष से तीन समितियां बनाने का फैसला किया है. समितियां छह चिह्नित स्थानों का दौरा करेंगी और 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगी.

पहले चरण में छह स्थानों- ताराबारी, गिज़ांग, फहाला, बकलापारा, खानापारा (पिलिंगकाटा) और रातचेरा में मतभेदों को हल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. ये क्षेत्र असम के कछार, कामरूप और कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिलों और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स के अंतर्गत आते हैं.

दोनों राज्यों ने छह चिह्नित क्षेत्रों में मतभेदों को दूर करने के लिए संयुक्त रूप से काम करना शुरू करने के लिए तीन पांच सदस्यीय क्षेत्रीय समितियों का गठन करने का फैसला किया है.

इनमें से प्रत्येक समिति का नेतृत्व संबंधित राज्यों के कैबिनेट मंत्री करेंगे और यदि आवश्यक हो तो इसमें नौकरशाह और स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

मालूम हो कि बीते 26 जुलाई को असम कछार जिले के लैलापुर और मिजोरम के कोलासिब जिले के वैरेंग्टे गांव जो दोनों राज्यों की सीमा पर पड़ते हैं, में पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें असम पुलिस के छह पुलिसकर्मी और एक निवासी की मौत हो गई थी. जबकि 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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