मेरे बयान को अपने गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाएं: नीरज चोपड़ा

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि सात आगस्त को टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में अपनी पहली थ्रो से पहले वह अपना भाला ढूंढ रहे थे, लेकिन उनका भाला पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम के पास था. इस बयान के बाद भारत में कुछ लोगों ने पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चोपड़ा के भाले से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहा था.

टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा. (फोटोः पीटीआई)

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि सात आगस्त को टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में अपनी पहली थ्रो से पहले वह अपना भाला ढूंढ रहे थे, लेकिन उनका भाला पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम के पास था. इस बयान के बाद भारत में कुछ लोगों ने पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चोपड़ा के भाले से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहा था.

टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक के भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि ओलंपिक के दौरान पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम द्वारा उनके भाले के इस्तेमाल को लेकर की गई उनकी टिप्पणी से उपजे विवाद से वह दुखी हैं.

नीरज ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर सभी से विनती की है कि उनकी टिप्पणी को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाया जाए.

भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक (टोक्यो स्वर्ण पदक) दिलाने वाले सेना के 23 साल के भाला फेंक खिलाड़ी ने कहा कि किसी को उनके नाम का इस्तेमाल किसी विवाद को खड़ा करने में नहीं करना चाहिए.

ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी चोपड़ा ने बीते 26 अगस्त को ट्वीट कर कहा, ‘मेरी आप सभी से विनती है कि मेरी टिप्पणियों को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाएं. खेल हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कुछ भी टिप्पणी करने से पहले खेल के नियम जानना जरूरी होता है. मेरी हालिया टिप्पणी पर लोगों की कुछ प्रतिक्रियायें देखकर बहुत निराश हूं.’

चोपड़ा ने कहा, ‘पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम द्वारा तैयारी के लिए मेरा भाला लेने में कुछ गलत नहीं था. यह नियमों के भीतर था. कृपया मेरे नाम का इस्तेमाल अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए न करें.’

नीरज चोपड़ा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि सात आगस्त को टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में अपनी पहली थ्रो से पहले वह अपना जैवलिन (भाला) ढूंढ रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि उनका भाला पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम के पास था.

चोपड़ा ने कहा, ‘मैंने उससे (नदीम) कहा कि भाई यह जैवलिन मुझे दे दे. यह मेरा जैवलिन है. मुझे इससे थ्रो करना है. उन्होंने (नदीम) मुझे मेरा भाला वापस दिया इसलिए आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो बहुत जल्दी में फेंका था.’

नीरज के इस साक्षात्कार के बाद भारत में कुछ लोगों ने पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चोपड़ा के जैवलिन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे थे.

हालांकि, नियमों के अनुसार किसी प्रतिस्पर्धी द्वारा अधिकारियों को सौंपा गया भाला कोई भी अन्य प्रतिभागी इस्तेमाल कर सकता है. यह नियम ‘पोल वॉल्ट’ को छोड़कर सभी फील्ड स्पर्धाओं में लागू होता है.

चोपड़ा ने फाइनल में नोर्डिक ब्रांड के भाले का इस्तेमाल किया था और उन्होंने स्पष्ट किया कि नदीम ने ऐसा करके कुछ भी गलत नहीं किया.

उन्होंने कहा, ‘एक मुद्दा (विवाद) उठ रहा है कि मैंने एक साक्षात्कार में कहा कि फाइनल (सात अगस्त को) में पहला थ्रो करने से पहले मैंने पाकिस्तानी प्रतिभागी अरशद नदीम से भाला लिया. उसका काफी बड़ा मुद्दा बन रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘यह इतनी बड़ी बात नहीं है. मुझे बहुत दुख है कि मेरा सहारा लेकर इस बात को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. आप सभी से विनती है कि ऐसा नहीं करें. खेल सभी को मिलकर चलना सिखाता है. हम सभी जैवलिन थ्रोअर आपस में प्यार से रहते हैं, सभी आपस में अच्छे से बात करते हैं तो कोई भी ऐसी बात नहीं कहें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे.’

इस मामले पर कुश्ती पहलवान और टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने नीरज चोपड़ा का समर्थन किया है.

एएनआई के मुताबिक, पुनिया ने कहा, ‘पाकिस्तान के भालाफेंक एथलीट अरशद नदीम को लेकर नीरज चोपड़ा के साथ मुद्दा बनाया जा रहा है. एथलीट चाहे पाकिस्तान से हो या किसी अन्य देश से, वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करता है. हम भले ही मैट पर या मैदान में प्रतिद्वंद्वी हो, लेकिन बाहर हम भाई-भाई हैं. खेल हमें आपस में बैर रखना नहीं और न ही किसी के साथ भेदभाव करना सिखाता है. यह हमें एकजुट रहना सिखाता है.’

एक पूर्व कोच ने भी नीरज चोपड़ा का समर्थन करते हुए कहा, ‘कोई विवाद नहीं है. ऐसा नहीं है कि आप अपना निजी भाला लेकर आए हो तो कोई इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता. जब आपने इसे जमा कर दिया तो कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है. ‘होल्डिंग रैक’ में जो भी भाले होते हैं, कोई भी प्रतिभागी इनका इस्तेमाल कर सकता है.’

इस मामले पर पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम ने पाकिस्तान के समाचार चैनल से बातचीत में पुष्टि की है कि नीरज के उनसे जैवलिन लेने की बात सही है.

उन्होंने कहा, ‘यह संभव है कि प्रैक्टिस के दौरान यह नीरज का फेवरिट जैवलिन रहा हो और इसी वजह से उन्होंने यह जैवलिन मुझसे लिया. प्रतिस्पर्धा के दौरान यह काफी सामान्य बात है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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