पंजाब: विदेश में बसने की होड़ राज्य के युवाओं को क्यों भारी पड़ रही है

पंजाब में कुछ लड़के विदेश में बसने के लिए ऐसी लड़की से शादी करते हैं, जो विदेश में पढ़ने के लिए पात्रता रखती हो. दोनों के बीच तय होता है कि लड़का व उसका परिवार उसे विदेश भेजने का पूरा ख़र्च उठाएंगे और फिर लड़की स्पाउस यानी जीवनसाथी को मिलने वाला वीज़ा भेजकर उसे भी विदेश बुला लेगी. हाल ही में ऐसे कुछ सौदों की नाकामयाबी कई परिवारों के लिए बहुत महंगी साबित हुई है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

पंजाब में कुछ लड़के विदेश में बसने के लिए ऐसी लड़की से शादी करते हैं, जो विदेश में पढ़ने के लिए पात्रता रखती हो. दोनों के बीच तय होता है कि लड़का व उसका परिवार उसे विदेश भेजने का पूरा ख़र्च उठाएंगे और फिर लड़की स्पाउस यानी जीवनसाथी को मिलने वाला वीज़ा भेजकर उसे भी विदेश बुला लेगी. हाल ही में ऐसे कुछ सौदों की नाकामयाबी कई परिवारों के लिए बहुत महंगी साबित हुई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

चंडीगढ़: 2018 में जब पंजाब के बरनाला जिले के धनौला गांव के एक किसान बलविंदर सिंह को लगा कि उनकी पांच एकड़ जमीन उनके बेटे लवप्रीत को सुरक्षित भविष्य देने के लिए पर्याप्त नहीं है, तब उन्होंने उसे कनाडा में बसाने के बारे में सोचा.

यह कोई चौंका देने वाली बात नहीं थी. पिछले कुछ दशकों में पंजाब के लोग बड़ी संख्या में कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अपने लिए राह बना रहे हैं, जिससे विदेशों में एक बड़ा पंजाबी प्रवासी वर्ग पैदा हुआ है.

लेकिन लवप्रीत ने केवल हाईस्कूल पास किया था और उनमें कनाडा में छात्र वीज़ा आवेदन करने के लिए अंग्रेजी भाषा कौशल और अन्य आवश्यक योग्यताएं नहीं थीं इसलिए परिवार ने एक दूसरा रास्ता अख्तियार किया.

पास के गांव खुदी कलां में उन्हें लवप्रीत से शादी करने के लिए एक लड़की मिली. बेअंत कौर एक दूर की रिश्तेदार थीं और उनके पास सभी आवश्यक योग्यताएं थीं. इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम यानी आईईएलटीएस मूल रूप से गैर अंग्रेजी भाषी देशों के लोगों के लिए अंग्रेजी भाषा की दक्षता मापने की एक अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षा है, जिससे कनाडा में आसानी से स्टूडेंट वीज़ा मिल जाता है.

बेअंत का इसमें अच्छा स्कोर था. छात्र वीज़ा से उनको वर्क परमिट मिलता और फिर स्पाउस (जीवनसाथी) वीज़ा से लवप्रीत को कनाडा जाने की अनुमति. उसके बाद बेअंत और लवप्रीत चाहें तो अलग हो सकते थे या तलाक ले सकते थे.

इसकी शुरुआत ठीक हुई. लवप्रीत के परिवार ने बेअंत को विदेश भेजने के लिए करीब 25 लाख रुपये दिए और बेअंत कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के लिए 19 अगस्त 2018 को ओंटारियो के लिए निकलीं. एक साल बाद वो बरनाला वापस आईं और सात अगस्त को लवप्रीत से शादी करके दस दिन बाद वापस चली गईं. वादा हुआ था कि जल्द ही वो लवप्रीत को बुला लेंगी. लेकिन वापस कनाडा पहुंचने के कुछ दिन बाद ही बेअंत ने लवप्रीत के मैसेज को अनदेखा करना शुरू कर दिया.

जैसे-जैसे समय बीता, लवप्रीत को अंदाज़ा होने लगा कि बेअंत का उनके बीच हुए सौदे को निभाने का कोई इरादा नहीं था. 23 जून 2021 की भोर में लवप्रीत की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. उनका शव उनके खेत में मिला. उनके माता-पिता हैरान हैं कि क्या बेअंत के साथ हुए क़रार के नाकाम होने के चलते उनके बेटे ने अपनी जान ले ली.

कहां से शुरू होती है कहानी 

कई पंजाबी पुरुषों के लिए आईईएलटीएस इम्तिहान पास करना कठिन है, जिसके बिना वे किसी भी अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी में आवेदन नहीं कर सकते हैं. ऐसे में अगर वे विदेश में बसने के लिए दृढ़ हैं, तो पश्चिम की किसी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने की सभी जरूरी योग्यताएं रखने वाली लड़की से इस तरह के ‘कॉन्ट्रैक्ट विवाह’ एक नियमित अभ्यास की तरह हो गया है. इससे न केवल पंजाब में कानून और व्यवस्था की समस्याएं खड़ी हो रही हैं, बल्कि विदेशों में प्रवास (इमिग्रेशन) के कानूनी प्रावधानों को दरकिनार करने का एक रास्ता भी तैयार हो गया है.

बेअंत और लवप्रीत दोनों के परिवारों का कहना है कि इन दोनों की शादी ‘अनुबंध’ वाली शादी नहीं थी. लवप्रीत के चाचा परमजीत सिंह ने द वायर  से फोन पर बात की, जहां उन्होंने इस बात  से इनकार किया कि यह शादी फर्जी थी. लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि इसके पीछे का इरादा लवप्रीत को विदेश में बसाना सुनिश्चित करना था.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘ये गलत नहीं था. हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से सेटल हो जाए. यहां की केवल पांच एकड़ जमीन के साथ लवप्रीत का यहां कोई भविष्य नहीं था. लेकिन इस लड़की ने बाहर बस जाने के बाद लवप्रीत को धोखा दिया, जिसके चलते उसने ख़ुदकुशी कर ली.’

परमजीत को लवप्रीत के आत्महत्या करने की बात पर इतना यकीन इसलिए है क्योंकि उनकी मौत के कुछ दिनों बाद परिजनों ने लवप्रीत के फोन के मैसेजिंग ऐप खंगालने शुरू किए.

परमजीत बताते हैं, ‘लवप्रीत और बेअंत कौर के बीच वॉट्सऐप पर लंबी बातचीत हुई थी, जिसमें साफ नजर आ रहा था कि बेअंत कौर का लवप्रीत के लिए स्पाउस वीज़ा भेजने का कोई इरादा नहीं था. इसके चलते वो अवसाद में चला गया और आखिरकार अपनी जिंदगी ख़त्म कर ली.’

उन्होंने आगे बताया, ‘लवप्रीत के माता-पिता बेअंत कौर के खिलाफ एफआईआर करवाना चाहते थे लेकिन जब पुलिस ने इसमें ढिलाई बरती तब परिवार यह वॉट्सऐप चैट मीडिया में लीक कर दी, जो बाद में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल भी हुई.’

इसके बाद बेअंत ने मीडिया को बताया था कि वे निर्दोष हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम किया जा रहा है. पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने धनौला में लवप्रीत के परिवार से मुलाकात की थी और उन्हें इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया.

पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने का दबाव पड़ने के बाद 27 जुलाई को बेअंत कौर के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया. लवप्रीत के परिवार ने बेअंत के खिलाफ एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप जोड़ने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया है.

परमजीत कहते हैं, ‘हमारी मांग है कि पुलिस लड़की पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी जोड़े और भारत में मुकदमे के लिए कनाडा से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करे. हम 23 अगस्त को बरनाला के पुलिस अधीक्षक से मिले और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि अगर लवप्रीत की विसरा रिपोर्ट में आत्महत्या की संभावना दिखाई देती है तो पुलिस कार्रवाई करेगी.’

तीन साल 186 शिकायतें 

पंजाब पुलिस के एनआरआई विंग के अनुसार, 2019 से राज्य में कॉन्ट्रैक्ट विवाह के संबंध में 186 शिकायतें आई हैं, जिनमें से प्रत्येक का दावा है कि महिला ने विदेश जाने के बाद पुरुष को धोखा दिया. इन शिकायतों के आधार पर अब तक 30 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं.

लेकिन कई बार कॉन्ट्रैक्ट विवाह की शिकायतें संबंधित पक्षों के बीच हुए समझौते के साथ खत्म हो जाती हैं, जैसा बरनाला के एक युवक जसविंदर धालीवाल के साथ हुआ, जिन्होंने 2020 में कनाडा में बसने के उद्देश्य से आईईएलटीएस योग्यता वाली एक महिला से शादी की थी, लेकिन लवप्रीत की ही तरह उन्हें भी धोखा मिला.

जसविंदर ने द वायर  को बताया, ‘मेरे परिवार ने लड़की को कनाडा भेजने के लिए लगभग 25 लाख रुपये खर्च किए थे. लेकिन कुछ महीने बाद उसने मुझे नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया और मेरे कॉल उठाना बंद कर दिया. जब मैंने लड़की के पिता से बात की, तो उन्होंने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. फिर लड़की के परिवार ने हमारे खिलाफ उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई और बदले में हमने उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवा दिया. आखिर में समझौता हुआ और लड़की के परिवार ने हमारे दिए नौ लाख रुपये लौटाए.’

इस फरवरी में दोनों परिवारों के बीच समझौता हो गया और जसविंदर और उनकी पत्नी के बीच तलाक फैमिली कोर्ट में लंबित है.

जसविंदर ने कॉन्ट्रैक्ट विवाह के लिए सहमति इसलिए दी थी कि उन्हें विदेश में बसने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा था. वे समझाते हैं, ‘कनाडाई विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आपको आईईएलटीएस परीक्षा में कुल मिलाकर 6.5 स्कोर बैंड की जरूरत होती है, लेकिन परीक्षा में बार-बार प्रयास करने के बावजूद कई पुरुष इसे पाने में विफल रहते हैं. फिर उनके परिवार अपने बच्चों को विदेश भेजने के अन्य तरीके तलाशने लगते हैं, जिससे अक्सर अलग-अलग समस्याएं होती हैं.’

देश छोड़ने की बेताबी 

कॉन्ट्रैक्ट विवाह में हो रही धोखाधड़ी पंजाब के युवाओं के बीच दुनिया में कहीं और बसने की बेताबी के कारण बढ़ रही है. चंडीगढ़ के सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रंजीत सिंह घुमन के अनुसार, विदेश जाने की यह लालसा राज्य में नौकरी के अवसरों की कमी के कारण है.

रंजीत सिंह बताते हैं, ‘पंजाब को भारत के अन्य राज्यों की तरह एक आर्थिक हब के रूप में विकसित नहीं किया जा सका इसलिए पंजाब में युवाओं के पास उस तरह की नौकरी और व्यवसाय के अवसर नहीं हैं, जो वे चाहते हैं. ऐसे में जब वे विदेशों में बसे अमीर पंजाबियों की कामयाबी की कहानियां सुनते हैं, तो स्वाभाविक तौर पर वे विदेश में बसना चाहते हैं, भले ही ऐसा कानूनी रूप से हो या किसी अवैध तरीके से.’

पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक वीरेश कुमार भावरा द्वारा 2013 में किए गए एक अध्ययन- ‘माइग्रेशन फ्रॉम इंडिया टू ईयू: एविडेंस फ्रॉम द पंजाब’ के अनुसार, पंजाबियों के पलायन की इस तमन्ना की जड़ें औपनिवेशिक इतिहास में छिपी हैं. अध्ययन दिखाता है कि पंजाब से पलायन का एक नियमित पैटर्न 1849 में पंजाब में ब्रिटिश कब्जे के बाद भारतीय सेना में सिखों के शामिल होने के साथ शुरू हुआ था.

ब्रिटिश शासन के तहत सिख सैनिकों को दूर स्थानों पर ले जाया गया. अध्ययन में कहा गया है कि वापस लौटे सैनिक विदेशी जमीन के बारे में कहानियां लेकर लौटे, जिसके चलते ढेरों युवा अपनी किस्मत आजमाने ब्रिटिश उपनिवेशों की ओर निकल पड़े.

पिछले कुछ वर्षों में जैसे-जैसे दुनिया भर की सीमाओं को लेकर नियम कड़े हुए हैं, पंजाब से होने वाले पलायन कानून के दायरे से बाहर चले गए हैं. विदेशों में अवैध रूप से प्रवेश करने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध तरीका ‘डंकी सिस्टम‘ है, जिसमें प्रवासी उस देश में आने के लिए कई दूसरे देशों में पड़ाव डालते हुए पहुंचते हैं. यह एक लोकप्रिय लेकिन खतरनाक तरीका है, जिसमें कई पंजाबी युवा अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने की कोशिश में मेक्सिको के जंगलों में मारे गए हैं.

आईईएलटीएस कॉन्ट्रैक्ट विवाह अब कानूनी इमिग्रेशन प्रणाली को बायपास करने का एक और तरीका है. जोड़े की कानूनी रूप से शादी होने से पहले ही इनमें से एक चुने हुए देश में चला जाता है और उसके कुछ समय बाद दूसरे को भी इस देश में आने की क़ानूनी इजाज़त मिल जाती है.

हालांकि यह संभव है कि आईईएलटीएस कोचिंग सेंटर, ट्रैवल एजेंट या इमिग्रेशन फर्म ऐसी शादियां तय करने में शामिल हों, लेकिन अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह एक रैकेट है, जो बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. इसके बजाय, शादियों के ये कॉन्ट्रैक्ट आमतौर पर व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से तलाशे जा रहे हैं, साथ ही खुले तौर पर पंजाबी अख़बारों में वैवाहिक विज्ञापनों में भी दिखते हैं.

मसलन, पंजाबी के एक अखबार में बीते दिनों एक वैवाहिक विज्ञापन में कहा गया है, ‘वधू चाहिए, जिसके पास 6 बैंड आईईएलटीएस स्कोर हो, पिता सरकारी नौकरी में.’

एक अन्य विज्ञापन में कहा गया है, ‘विदेश में बसने के लिए इच्छुक लड़की चाहिए. सारा खर्च लड़के के परिवार द्वारा उठाया जाएगा.’

एक और वैवाहिक विज्ञापन में कहा गया है, ‘आईईएलटीएस लड़की की जरूरत है, लड़का जट है, पैसे हम खर्च करेंगे.’

कोई समाधान नहीं 

जसविंदर धालीवाल अब एक कॉन्ट्रैक्ट विवाह विशेषज्ञ बन गए हैं जो अब उन पुरुषों के लिए एक अनौपचारिक सहायता समूह चलाते हैं, जो उन्हीं के जैसी स्थिति से दो-चार हो रहे हैं.

उन्होंने द वायर  को बताया, ‘जब भी हम कॉन्ट्रैक्ट शादी में हुई धोखाधड़ी के किसी नए मामले के बारे में सुनते हैं, तो हम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं में लड़के की मदद करते हैं. लवप्रीत का मामला वायरल होने से पहले मेरे समूह में 10-12  ही लोग थे, लेकिन अब हमारे पास 60 से अधिक सदस्य हैं.’

जसविंदर ने बताया कि ऐसी शादियों में विवाह समारोह अक्सर बहुत सामान्य-सा होता है, ‘केवल कुछ मुट्ठी भर लोग ही शामिल होते हैं. शादी के बाद लड़की लड़के के परिवार के साथ नहीं रहती है. इस बीच, लड़के के परिवार ने लड़की को विदेश भेजने की व्यवस्था कर देते हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो लड़के को स्पाउस वीज़ा मिल जाता है और दंपति बाद में तलाक की अर्जी दे देते हैं.’

जसविंदर कहते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के बिगड़ने वाले हर मामले के लिए धोखाधड़ी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. वे कहते हैं, ‘शायद कुछ लड़कियां विदेश में किसी सीरियस रिलेशनशिप में आ जाती हैं और ऐसे में उनकी कथित शादियां उनके लिए शर्मिंदगी की वजह बनती हैं. मसलन, लवप्रीत की पत्नी किसी के साथ रिलेशनशिप में थीं.’

जसविंदर बताते हैं, ‘लेकिन जब धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जाते हैं, तब भी पुलिस और अदालती प्रक्रियाएं लंबी और थकाऊ होती हैं. चूंकि संबंधित लड़की का प्रत्यवर्तन लगभग असंभव है, ऐसे में हमारा एकमात्र कानूनी सहारा यह है कि मुकदमे में उसे अपराधी घोषित करने के बाद उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए.’

जिस देश में अरेंज मैरिज का चलन है, वहां कॉन्ट्रैक्ट मैरिज जैसी प्रथा को रोकना मुश्किल है. पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमरदीप सिंह राय, जो एनआरआई मामलों के प्रभारी भी हैं, का एकमात्र सुझाव यह है कि लोगों को अवैध इमिग्रेशन के खतरों के बारे में जागरूक किया जाए.

राय ने बताया कि सरकार समय-समय पर लोगों को विदेश में बसने के लिए अवैध साधनों के इस्तेमाल न करने के परामर्श जारी करती रहती है. वे बताते हैं, ‘पंजाब सरकार ने एक विदेशी प्लेसमेंट और विदेशी अध्ययन केंद्र भी बनाया है जहां हम छात्रों को ऑनलाइन मार्गदर्शन देते हैं कि वे कैसे विदेश में बस सकते हैं, सही पढ़ाई और नौकरी पा सकते हैं. यह विदेशों में अवैध तरीके से बसने के चलन को हतोत्साहित करने की एक सरकारी पहल है.’

यहां तक ​​​​कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी इस समस्या का बेहतर समाधान नहीं दे सके. उन्होंने भी बस यही कहा कि कनाडा में बसने के इच्छुक अप्रवासियों को खुद को धोखाधड़ी से बचाना चाहिए.

ट्रूडो ने पिछले महीने कनाडा में एक मीडिया ब्रीफिंग में पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी के एक पत्र के जवाब में यह बात कही. गुलाटी ने कनाडा की नागरिकता के नाम पर पंजाबी युवाओं के शोषण का मुद्दा उठाते हुए ट्रूडो से जल्द कोई कदम उठाने का आग्रह करते हुए इस शोषण को रोकने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

राज्य पर असर 

रंजीत सिंह ने द वायर  को बताया कि कोई पंजाब से विदेशों में क़ानूनी तरह से बसने जा रहा है या अवैध तरीके से, इससे राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है. उन्होंने कहा, ‘पंजाब अपनी आबादी और जनसांख्यिकीय डिविडेंड (लाभांश) खो देता है. इसके अलावा विदेशों में फीस और अन्य खर्च के रूप में बहुत सारा पैसा विदेशों में जाता है.’

वे आगे जोड़ते हैं, ‘फिर भी पंजाब पर अवैध इमिग्रेशन का कानूनी इमिग्रेशन की तुलना में अधिक ख़राब प्रभाव पड़ता है. अगर यह कानूनी है, तो राज्य के लिए अपने विदेशी निवासियों से विदेशी रेमिटेंस पाने का एक मौका है, लेकिन अवैध आप्रवासियों को बसने और कानूनी रूप से पैसा कमाने के लिए कानूनी दर्जा पाने में सालों लग जाते हैं. और अगर उन्हें गिरफ्तार कर वापस पंजाब भेज दिया जाता है, तो यह राज्य के लिए कई सामाजिक और आर्थिक समस्याएं पैदा करता है.’

समाजशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर मंजीत सिंह के अनुसार, कई अध्ययनों से पता चला है कि छात्र और कानूनी तरीके से गए आप्रवासी विदेश में पढ़ने या वहां सेटल होने के लिए हर साल 20,000-30,000 करोड़ रुपये खर्च करते हैं. यह पैसा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर सकता है. मसला यह है कि इसके बजाय यह विदेशों में जाता है और ऐसा होना राज्य के ऐसा वातावरण बनाने में विफलता को दर्शाता है, जहां युवाओं को रहने और अर्थव्यवस्था को विकसित करने में मदद करने के लिए प्रेरित किया जा सके.

मंजीत सिंह कहते हैं, ‘पंजाब में रोजगार की कमी है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी नहीं है. व्यापार के अवसर सीमित हैं. इसके अलावा, माता-पिता को चिंता है कि अगर यहां रहे, तो उनके बच्चे नशे के चक्कर में पड़ जाएंगे इसलिए बहुत से पंजाबी किसी भी तरह से विदेश में बसना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर लोगों को उनके घर में ही अच्छे अवसर मिलेंगे, तो विदेश में बसने के लिए इस तरह की दीवानगी नहीं रहेगी.’

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq