कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में 68 जजों की सिफ़ारिश की, इसमें से 12 पर केंद्र ने जताई थी आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए 12 ऐसे नामों को दोहराया है, जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. नियम के मुताबिक यदि कॉलेजियम किसी सिफ़ारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.

/
(फोटो: पीटीआई)

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए 12 ऐसे नामों को दोहराया है, जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. नियम के मुताबिक यदि कॉलेजियम किसी सिफ़ारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने एक अप्रत्याशित फैसले के तहत इलाहाबाद, राजस्थान एवं कलकत्ता समेत 12 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक बार में 68 नामों की सिफारिश की है. इन उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की काफी कमी है.

खास बात ये है कि कॉलेजियम ने इसमें से 12 ऐसे नामों को दोहराया है जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. इसके बाद भी कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए इन्हें हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है.

नियम के मुताबिक, यदि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम किसी सिफारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए कॉलेजियम ने तीन न्यायिक अधिकारियों ओम प्रकाश त्रिपाठी, उमेश चंद्र शर्मा और सैयद वाइज़ मियां को नियुक्त करने की अपनी सिफारिश दोहराई है.

इसी साल चार फरवरी को आठ अन्य न्यायिक अधिकारियों समेत इन तीनों की नियुक्ति की सिफारिश की गई थी. लेकिन केंद्र ने इस सूची में से सिर्फ सात लोगों को ही नियुक्त किया था.

ओम प्रकाश त्रिपाठी, उमेश चंद्र शर्मा और सैयद वाइज़ मियां वर्तमान में वाराणसी, इटावा और अमरोहा में जिला और सत्र न्यायाधीश हैं.

इसी तरह सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम ने नौ ऐसे वकीलों को हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने की अपनी सिफारिश को दोहराया है, जिस पर केंद्र ने आपत्ति जताई थी.

राजस्थान हाईकोर्ट के लिए कॉलेजियम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली को नियुक्त करने के अपने निर्णय को दोहराया है. अली के नाम की सिफारिश पहली बार जुलाई 2019 में की गई थी.

कलकत्ता हाईकोर्ट के लिए कॉलेजियम ने चार अधिवक्ताओं जयतोष मजूमदार, अमितेश बनर्जी, राजा बसु चौधरी और लपिता बनर्जी की सिफारिश करने के अपने निर्णय को दोहराया है.

इन नामों की सिफारिश पहली बार दिसंबर 2018 में एक अन्य अधिवक्ता शाक्य सेन के साथ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई थी. हालांकि केंद्र ने इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया था, जिसके चलते कॉलेजियम ने इसे दोहराया है.

संयोग से इसमें अमितेश बनर्जी पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज यूसी बनर्जी के बेटे हैं, जिन्होंने साल 2006 में एक केंद्रीय जांच का नेतृत्व किया था, जिसकी रिपोर्ट में फरवरी 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया गया था.

शाक्य सेन हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश श्यामल सेन के बेटे हैं, जिन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था.

सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें साल 2004 से 2008 तक पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

कॉलेजियम ने जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए दो वकीलों- मोक्ष खजूरिया काज़मी और राहुल भारती- के नाम भी दोहराए हैं.

काज़मी की पहली बार अक्टूबर 2019 में और भारती की मार्च में सिफारिश की गई थी.

खजुरिया-काज़मी एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जिन्होंने साल 2016 में राज्यपाल शासन के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया, बाद में जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा सरकार में भी कार्य किया था.

कर्नाटक हाईकोर्ट के लिए कॉलेजियम ने वकील नागेंद्र रामचंद्र नाइक और आदित्य सोंधी की सिफारिश करने के अपने फैसले को दोहराया है. सोंधी ने पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया है.

कॉलेजियम ने 25 अगस्त और एक सितंबर को अपनी बैठकों में उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति के लिए 112 उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया था. इसमें से 68 के नामों को 12 उच्च न्यायालयों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई, उनमें 44 बार से और 24 न्यायिक सेवा से हैं.

यदि इन नामों पर केंद्र मुहर लगा देता है तो ये न्यायाधीश इलाहाबाद, राजस्थान, कलकत्ता, झारखंड , जम्मू कश्मीर, मद्रास, पंजाब एवं हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़ एवं असम उच्च न्यायालयों में नियुक्त किए जाएंगे.

इनमें से 16 न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त किए जाएंगे, जहां कुल 160 न्यायाधीश होने चाहिए, लेकिन फिलहाल 93 न्यायाधीश हैं.

इसके साथ ही जस्टिस रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर की तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने एक बार फिर इतिहास रचा है, क्योंकि मारली वांकुंग मिजोरम से पहली ऐसी न्यायिक अधिकारी बन गई हैं जिनका नाम गुवाहाटी हाईकोर्ट में न्यायाधीश पद के लिए भेजा गया है. वह अनुसूचित जनजाति से हैं.

उनके अलावा नौ अन्य महिला उम्मीदवारों की भी संस्तुति की गई है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq