जम्मू कश्मीर: सैयद गिलानी के शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटने पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज

बडगाम पुलिस ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के इंतक़ाल के बाद उनके शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटने और कथित 'राष्ट्र विरोधी' नारेबाज़ी के मामले में यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.

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सैयद अली शाह गिलानी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

बडगाम पुलिस ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के इंतक़ाल के बाद उनके शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटने और कथित ‘राष्ट्र विरोधी’ नारेबाज़ी के मामले में यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.

सैयद अली शाह गिलानी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की बुधवार को हुई मौत के बाद उनके शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और कथित ‘राष्ट्र विरोधी’ नारेबाजी के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि बडगाम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

पुलिस ने उस वीडियो का संज्ञान लिया, जिसमें गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखा था. हालांकि, जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी, दिवंगत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया.

गिलानी (91) की लंबी बीमारी के बाद बुधवार रात निधन हो गया था. उनके शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत के बाद उनके आवास पर स्थित औरतों की कथित तौर पर पुलिस कर्मचारियों से तब झड़प हो गई थी, जब वे अंदर घुस गए थे और कथित तौर पर गिलानी के शव को उनके परिवार से छीन लिया था और उनके दो बेटों सहित परिवार की अनुपस्थिति में दफना दिया था.

पुलिस ने कहा है कि उन्होंने शव को नहीं छीना, बल्कि परिवार को कब्रिस्तान ले जाने में मदद की, जो निवास से लगभग 300 मीटर की दूरी पर है.

बता दें कि गिलानी के निधन के बाद कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी गई थी. वहीं, शुक्रवार रात इंटरनेट सेवाएं बहाल किए जाने के बाद शनिवार सुबह एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

गिलानी की मौत पर शोक जताने के लिए घाटी में शनिवार को पूरी तरह बंद रहा. घाटी में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा.

जून में जब गिलानी के बेहद करीबी वरिष्ठ हुर्रियत नेता मोहम्मद अशरफ सहरई की जम्मू जेल में हिरासत में मौत हो गई थी जहां उन्हें जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया था.

पुलिस ने उनके बेटों और अंतिम संस्कार में शामिल कुछ लोगों के खिलाफ कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में सहरई के बेटों को हिरासत में ले लिया गया था.

उल्लेखनीय है कि शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया था कि कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने आम जनता से अपील की थी कि घाटी में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के उद्देश्य से विशेष रूप से सीमा पार से राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा दुर्भावनापूर्ण रूप से फैलाई जा रही अफवाहों पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए.

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण रही और बडगाम के नरकारा इलाके में एक मामूली पथराव को छोड़कर कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)