मानवता की ​ख़ातिर रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति नरम रुख़ अपनाए केंद्र: मायावती

मायावती ने की मोदी सरकार को उनके प्रति सख़्त रवैया नहीं रखना चाहिए और न ही राज्यों को ऐसा करने पर मजबूर करना चाहिए.

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मायावती ने की मोदी सरकार को उनके प्रति सख़्त रवैया नहीं रखना चाहिए और न ही राज्यों को ऐसा करने पर मजबूर करना चाहिए.

Mayawati Reuters
बसपा सुप्रीमो मायावती. (फोटो: रॉयटर्स)

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार से म्यांमार से आकर भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति नरम रुख अपनाने को कहा है.

उन्होंने कहा, ‘मानवता और इंसानियत की ख़ातिर केंद्र सरकार को रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रति सख़्त रवैया नहीं अपनाना चाहिए और न ही राज्यों को इसके लिए मजबूर किया जाना चाहिए.

म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा के बाद से लाखों की संख्या में लोग भारत और बांग्लादेश में शरण ले रहे हैं. हजारों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी भारत के विभिन्न राज्यों में कई वर्षों से रह रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार को दिए बयान में मायावती ने कहा, ‘म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में अशांति फैली हुई है. लाखों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश और भारत के विभिन्न राज्यों में शरण ले रहे हैं. जैसा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर मोदी सरकार का नज़रिया स्पष्ट नहीं है, इसलिए इन्हें लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.’

उन्होंने कहा, भारत सरकार को रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए मानवीय रुख रखना चाहिए, जो कि भारत की परंपरा रही है. इस संबंध में सरकार को म्यांमार और बांग्लादेश की सरकारों से बात करनी चाहिए ताकि रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन को रोका जा सके.

यूनाइटेड नेशंस के आंकड़ों के अनुसार, भारत में तकरीबन 40 हज़ार रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं, इनमें से 16 हज़ार ऐसे हैं जिसके बारे में लिखित जानकारी है.

गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने पांच सिंतबर को दिए बयान में कह चुके हैं कि भारत में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजा जाएगा.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)