तालिबान ने नई अफ़ग़ान सरकार की घोषणा की, वैश्विक आतंकी सूची में शामिल है गृह मंत्री का नाम

20 सालों के संघर्ष के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले विदेशी सैन्यबलों के वापस लौटने और अफ़ग़ान सरकार के गिरने के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की है. अफ़ग़ानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

//
अफगानिस्तान में पाकिस्तान विरोधी रैली में जुटे लोग. (फोटो: रॉयटर्स)

20 सालों के संघर्ष के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले विदेशी सैन्यबलों के वापस लौटने और अफ़ग़ान सरकार के गिरने के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की है. अफ़ग़ानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

अफगानिस्तान में पाकिस्तान विरोधी रैली में जुटे लोग. (फोटो: रॉयटर्स)

काबुल/पेशावर/संयुक्त राष्ट्र/वाशिंगटन: तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और तत्कालीन अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है.

इसमें वैश्विक स्तर पर आतंकी नामित किए गए हक्कानी नेटवर्क के एक नेता को गृह मंत्री का प्रभार सौंपा गया है.

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने काबुल में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि ‘नई इस्लामिक सरकार’ में संगठन की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे जबकि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे.

हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बनाया गया है. मंत्रिमडल में एक भी महिला सदस्य नहीं है.

तालिबान ने समावेशी सरकार गठित करने का वादा किया था, लेकिन मंत्रिमंडल में हजारा समुदाय का एक भी सदस्य नहीं है.

उप सूचना मंत्री नियुक्त किए गए मुजाहिद ने कहा कि अंतरिम सरकार में मुल्ला अमीर खान मुत्तकी नए विदेश मंत्री होंगे जबकि शेर मोहम्मद अब्बास स्तनिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है.

तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री होंगे. इसी तरह, मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी को वित्त मंत्री बनाया गया है और कारी फसिहुद्दीन बदख्शानी नए सेना प्रमुख होंगे.

मुजाहिद ने कहा, ‘मंत्रिमंडल का गठन पूरा नहीं हुआ है और यह केवल कार्यवाहक मंत्रिमंडल है. हम देश के अन्य हिस्सों से भी लोगों को इसमें शामिल करने का प्रयास करेंगे.’

‘डॉन’ अखबार की खबर के मुतााबिक, कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन ने एक लिखित बयान में अफगानिस्तान की जनता को ‘विदेशी फौजों की वापसी, कब्जे की समाप्ति और देश की पूर्ण स्वतंत्रता’ की बधाई दी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा ने खुद अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में मुल्ला हसन का नाम प्रस्तावित किया. तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था.

मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं. उन्होंने ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हैबतुल्ला के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था.

सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में है. अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.

अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल थे.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इससे पहले 1996-2001 के शासन के दौरान खूनी संघर्ष और महिलाओं के दमन के लिए कुख्यात रहा था.

बीते 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में तालिबान के प्रमुख नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा ने कहा कि तालिबान सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संधियों और प्रतिबद्धताओं के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस्लामी कानून के विरोध में नहीं थे.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘भविष्य में अफगानिस्तान में शासन और जीवन के सभी मामलों को पवित्र शरिया के कानूनों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. उसमें उन्होंने अफगानों को विदेशी शासन से देश की मुक्ति के लिए बधाई भी दी थी.’

इस बीच वैश्विक ताकतों ने तालिबान को बताया कि शांति और विकास के लिए समावेशी सरकार महत्वपूर्ण है जो जो मानवाधिकारों को कायम रखते हुए अधिक सुलहकारी दृष्टिकोण के उसके वादों का समर्थन करेगा.

अमेरिका ने कहा कि वह कुछ कैबिनेट सदस्यों के ट्रैक रिकॉर्ड से चिंतित है और किसी भी महिला को शामिल नहीं किए जाने की बात दर्ज की.

अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, दुनिया बहुत ही करीब से देख रही है.

तालिबान शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे

पिछले 20 साल के अमेरिका समर्थित सरकार में शिक्षा और नागरिक स्वतंत्रता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करने वाले अफगानों को तालिबान के इरादों पर संदेह है और तालिबान के कब्जे के बाद से ही नए शासकों को चुनौती देते हुए वहां रोजाना ही प्रदर्शन हो रहे हैं.

अफगानिस्तान में हिजाब पहने हुए महिलाओं समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए मंगलवार को काबुल की सड़कों पर उतरे और उन्होंने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल तथा उसके लड़ाकू विमानों से पंजशीर प्रांत में तालिबान के समर्थन में हवाई हमलों की निंदा की.

अफगानिस्तान में पिछले महीने तालिबान का कब्जा होने के बाद से राजधानी काबुल में सबसे बड़े प्रदर्शनों में लोगों ने पंजशीर के तालिबान विरोधी लड़ाकों के प्रति समर्थन जताया.

प्रदर्शन में लोग नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के नेता अहमद मसूद के पक्ष में भी नारे लगा रहे थे जो पंजशीर प्रांत से तालिबान के खिलाफ मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं.

तालिबान ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और पंजशीर ही उनके नियंत्रण से बाहर था.

अफगानिस्तान की खम्मा समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पाकिस्तान की वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने पंजशीर प्रांत में हवाई हमले किये.

‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, और ‘आजादी’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने वहां के कर्मचारियों से अफगानिस्तान से जाने को कहा.

एक बड़े बैनर पर लिखा था, ‘पाकिस्तान, पाकिस्तान, छोड़ दो अफगानिस्तान.’

विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि वे अफगानिस्तान में कठपुतली सरकार नहीं चाहते. खबरों के मुताबिक तालिबान सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं लेकिन प्रदर्शन जारी रहे.

अफगानिस्तान की टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान ने उनके कैमरापर्सन वाहिद अहमदी को रोक लिया और उनका कैमरा जब्त कर लिया. तालिबान के लोगों ने कुछ पत्रकारों को प्रदर्शन का वीडियो बनाने से भी रोका.

एक वीडियो में पंजशीर प्रांत में रेजिस्टेंस फ्रंट के सह-नेता अहमद मसूद ने अफगानिस्तान के लोगों से तालिबान के खिलाफ फिर से आवाज उठाने का आह्वान किया था. इसके बाद प्रदर्शनकारी जमा हुए.

पंजशीर में हवाई हमलों के खिलाफ ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी है और विदेश मंत्रालय से इस मामले में ‘विदेशी विमानों के हस्तक्षेप’ को लेकर जांच करने को कहा है.

अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती सरकार ने कई बार पाकिस्तान पर तालिबान को सैन्य सहायता देने का आरोप लगाया है. इस्लामाबाद ने इस आरोप का खंडन किया है.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने पिछले सप्ताह काबुल जाकर तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की थी. उनकी इस यात्रा की कोई घोषणा नहीं की गई थी.

बता दें कि पिछली बार जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती थीं और महिलाओं को काम और शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया था. धार्मिक पुलिस नियम तोड़ने वालों को कोड़े मारेगी और सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाएगी.

हालांकि, तालिबान ने अफगानों ने धैर्य रखने और इस बार अधिक सहिष्णु होने का वादा किया है.

विरोध जारी रहेगा: पंजशीरी नेता

सोमवार को तालिबान ने उसके कब्जे से बाहर आखिरी प्रांत पंजशीर घाटी में जीत का दावा किया था.

सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में देखा गया कि तालिबान के सदस्य नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (एनआरएफए) के साथ कई दिनों तक लड़ने के बाद पंजशीर गवर्नर के परिसर के सामने खड़े हैं.

एनआरएफए के कमांडर पंजशीरी नेता अहमद मसूद ने अपनी सेना की हार से इनकार करते हुए ट्वीट किया, ‘हमारा विरोध जारी रहेगा. उनकी सेना में बचे हुए अफगान सैनिक और स्थानीय नागरिक सैनिक शामिल हैं.’

चीन, पाकिस्तान और रूस समझ नहीं पा रहे हैं कि अब तालिबान के साथ उन्हें क्या करना है: बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि चीन, पाकिस्तान, रूस और ईरान यह समझ नहीं पा रहे हैं कि तालिबान के साथ उन्हें क्या करना है .

तालिबान के अपनी अंतरिम सरकार के ब्योरे की घोषणा के कुछ समय बाद बाइडन ने संवाददाताओं से कहा कि तालिबान के साथ चीन की ‘वास्तविक समस्या’ है.

बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, ‘चीन को तालिबान के साथ वास्तविक समस्या है. मुझे यकीन है कि वे तालिबान के साथ कुछ हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा ही पाकिस्तान, रूस, ईरान भी कर रहे हैं.’

तालिबान द्वारा काबुल में अपनी नई अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘वे सभी (चीन, पाकिस्तान, रूस और ईरान) समझ नहीं पा रहे हैं कि अब वे क्या करें. तो देखते हैं कि आगे क्या होता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या होता है.’

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रह चुकीं निक्की हेली ने एक ऑनलाइन याचिका शुरू की जिसमें अमेरिका की सरकार से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने का अनुरोध किया गया है.

हेली ने कहा, ‘यह कहना जरूरी है कि इस प्रशासन के तहत अमेरिका को तालिबान को अफगानिस्तान की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं देनी चाहिए.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि तालिबान के नियंत्रण में अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री एफबीआई की वांछित सूची में शामिल एक आतंकवादी है.

तालिबान सरकार निश्चित रूप से समावेशी नहीं है: संयुक्त राष्ट्र में अफगान राजदूत

अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से घोषित सरकार ‘निश्चित तौर पर समावेशी नहीं’ है और अफगान लोग शासन के ऐसे ढांचे को कतई स्वीकार नहीं करेंगे जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक शामिल न हों. संयुक्त राष्ट्र में देश के राजदूत ने यह बात कही और वैश्विक संगठन से इस्लामी अमीरात की बहाली को अस्वीकार करने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि गुलाम इसाकजई ने कहा, ‘आज तालिबान ने अपनी सरकार की घोषणा की है. यह किसी भी हाल में समावेशी नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के लोग, खासकर युवा जो केवल एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान को जानते हैं, शासन की ऐसी संरचना को स्वीकार नहीं करेंगे जो महिलाओं और अल्पसंख्यकों को बाहर रखती हो, सभी के लिए संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करती हो और पूर्व में हासिल उपलब्धियों को संभाल कर नहीं रखती हो.’

इसाकजई को पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र में काबुल का राजदूत नियुक्त किया था. उनकी टिप्पणी कार्यवाहक तालिबान सरकार के गठन को लेकर पूर्ववर्ती गनी शासन द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की पहली प्रतिक्रिया है.

‘शांति की संस्कृति’ विषय पर उच्च स्तरीय फोरम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार में अपनी टिप्पणी में, इसाकजई ने कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों से अफगानिस्तान में शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने में हमारी मदद करने की अपील करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि आप इस्लामी अमीरात की बहाली को अस्वीकार करना जारी रखें, तालिबान को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय कानून के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराएं, एक समावेशी सरकार पर जोर दें . महिलाओं और लड़कियों के साथ तालिबान के व्यवहार एवं उनके अधिकारों को सम्मान देने के संबंध में एक मौलिक सीमा तय करें.’

अमेरिकी शीर्ष सांसदों ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने की आलोचना की

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सांसदों ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने की तालिबान की घोषणा पर घोर आपत्ति जताई है.

तालिबान ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने की मंगलवार को घोषणा की. इस सरकार में शामिल एक सदस्य का नाम वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल है.

रिपब्लिकन अध्ययन समिति ने कहा, ‘मूर्ख मत बनिए. तालिबान सरकार में कुछ भी अधिक उदारवादी नहीं है. यह आतंकवादियों की, आतंकवादियों के द्वारा और आतंकवादियों के लिए सरकार है.’

यह समिति प्रतिनिधि सभा में विपक्षियों का सबसे बड़ा ‘कॉकस’ है और जिम बैंक्स इसके प्रमुख हैं. सांसद टिम बुचेट ने कहा, ‘तालिबान के नए मंत्रिमंडल में ग्वांनतेनामो बे जेल के कैदी, आतंकवादी और अलकायदा तथा हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों से ताल्लुक रखने वाले अन्य लोग शामिल हैं.’

उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार चलाने के अपने तरीकों और कट्टरपंथी मान्यताओं को त्यागने का कोई इरादा नहीं रखते और बाइडन प्रशासन ‘अमेरिकी नागरिकों तथा उसके सहयोगियों को सुरक्षित रखने के लिए उन पर बेवकूफों की तरह भरोसा कर रहे हैं.’

बुचेट ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन को कुछ हिम्मत दिखानी चाहिए और तालिबान को यह जता देना चाहिए वे अमेरिकियों को खतरे में नहीं डाल सकते और न ही किसी आतंकवादी घटना को अंजाम दे सकते हैं, अन्यथा उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.’ रिपब्लिकन सांसद ने कहा, ‘यह आतंकवादियों की, आतंकवादियों के द्वारा और आतंकवादियों के लिए सरकार है. ’

वहीं सांसद बेन सासे ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन पता नहीं किस मुगालते में हैं कि तालिबान दयालु हो गया है और सुधर गया है. यह सब बकवास है.’ सासे खुफिया मामलों पर संसद की प्रवर समिति के सदस्य हैं.

उन्होंने कहा, ‘हक्कानी तालिबान का नया गृह मंत्री है.’

सांसद क्लैडिया टेनी ने कहा कि यह एक धर्मशासित सरकार है. वहीं सांसद सकॉट फ्रैंकलिन ने ट्वीट किया, ‘नया तालिबान पुराने तालिबान के ही जैसा है साथ ही वर्तमान में वांछित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी भी है. क्या कोई भी इससे अचंभित हुआ है?’

विश्व निकाय के उप प्रवक्ता ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सरकारों को मान्यता देने में शामिल नहीं होता

अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व निकाय सरकारों को मान्यता देने में शामिल नहीं होता. साथ ही उन्होंने दोहराया कि बातचीत के जरिये बनी समावेशी सरकार से ही युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में स्थायी शांति आ सकती है.

महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा पर एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सचिवालय और संयुक्त राष्ट्र सरकारों को मान्यता देने संबंधी गतिविधियों में शामिल नहीं होता. सदस्य देश ऐसा करते हैं, हम नहीं.’

उन्होंने कहा, ‘मंगलवार की घोषणा के संबंध में हमारा रुख यह है कि केवल बातचीत के जरिये बनी समावेशी सरकार से ही अफगानिस्तान में स्थायी शांति आ सकती है. संयुक्त राष्ट्र शांतिपूर्ण समाधान, सभी अफगान नागरिकों, खासतौर पर महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने आदि के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही विश्व निकाय जीवन रक्षक मानवीय सहायता तथा जरूरतमंदों को अहम सहायता देने के लिए भी प्रतिबद्ध है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/pkv-games/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/bandarqq/ https://arch.bru.ac.th/wp-includes/js/dominoqq/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-5k/ https://ojs.iai-darussalam.ac.id/platinum/slot-depo-10k/ https://ikpmkalsel.org/js/pkv-games/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/ http://ekip.mubakab.go.id/esakip/assets/scatter-hitam/ https://speechify.com/wp-content/plugins/fix/scatter-hitam.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/ https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://www.midweek.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/ https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://betterbasketball.com/wp-content/plugins/fix/dominoqq.html https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/ https://naefinancialhealth.org/wp-content/plugins/fix/bandarqq.html https://onestopservice.rtaf.mi.th/web/rtaf/ https://www.rsudprambanan.com/rembulan/pkv-games/ depo 20 bonus 20 depo 10 bonus 10 poker qq pkv games bandarqq pkv games pkv games pkv games pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games bandarqq dominoqq