झारखंड सरकार ने कोविड-19 से पत्रकारों की मौत न होने का दावा किया, मीडिया संगठन ने इसका खंडन किया

कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से पत्रकारों की मौत के संदर्भ में किसी स्रोत से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली और न ही जिला आपदा प्रबंधन टीमों ऐसी कोई सूचना दर्ज की है. झारखंड पत्रकार संघ ने कहा है कि राज्य में कोरोना से 30 पत्रकारों की मौत हुई है. इसका ब्योरा देते हुए मुख्यमंत्री और जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखा गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)

कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से पत्रकारों की मौत के संदर्भ में किसी स्रोत से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली और न ही जिला आपदा प्रबंधन टीमों ऐसी कोई सूचना दर्ज की है. झारखंड पत्रकार संघ ने कहा है कि राज्य में कोरोना से 30 पत्रकारों की मौत हुई है. इसका ब्योरा देते हुए मुख्यमंत्री और जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखा गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)

रांचीः झारखंड सरकार ने विधानसभा को बताया कि राज्य में कोविड-19 से किसी भी पत्रकार की मौत का मामला सामने नहीं आया है. साथ ही ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की भी कोई सूचना नहीं मिली है.

हालांकि पत्रकारों ने सरकार के इस दावे का खंडन किया है. मान्यताप्राप्त पत्रकार संघ का कहना है कि उसने कोरोना से 30 से अधिक मौतों की सूची तैयार की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के सहयोगी और कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए मंगलवार (सात सितंबर) को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, ‘पत्रकारों की मौत के संदर्भ में किसी स्रोत से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली और न ही जिला आपदा प्रबंधन टीमों ने किसी पत्रकार की मौत (कोविड-19 से) होने का मामला दर्ज किया है’

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की मौतों में मुआवजे के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है.

झारखंड पत्रकार संघ के अध्यक्ष शाहनवाज हसन ने बताया, ‘झारखंड में कोरोना से 30 पत्रकारों की मौत हुई है और हमने मौतों की जानकारी और इन मौतों का जिलेवार ब्योरा देते हुए मुख्यमंत्री और जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखा गया है.’

हसन ने कहा, ‘हालांकि अब स्वास्थ्य मंत्री ने यूटर्न लिया है और मुझे नहीं पता क्यों?’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों ने कोरोना से अपने यहां दम तोड़ चुके पत्रकारों के परिवार को मुआवजा दिया है.

पत्रकार संघ द्वारा कोरोना से दम तोड़ चुके पत्रकारों की बनाई गई इस सूची में हजारीबाग के सुनील पासवान (35) हैं, जिनकी एक मई को सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी.

उनकी मौत के तुरंत बाद पासवान के परिवार ने बताया था कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जारी किए गए उनके मेडिकल रिकॉर्डों में उन्हें कोविड पॉजिटिव पाया गया था.

पत्रकारों की कोविड-19 से मौत के इतर विधानसभा में एक अलग सवाल के जवाब में भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा, ‘ऑक्सीजन की कमी से झारखंड में किसी की मौत नहीं हुई.’

यह दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व के दावे से बिल्कुल अलग है.

दरअसल जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया था कि झारखंड सहित देश में कई लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है.

जब उनसे उनके पुराने बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. देश में लाखों लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई है.’