महानगरों में 2020 में बलात्कार-हत्या के सबसे अधिक मामले दिल्ली से आए: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2020 में रोज़ाना औसतन 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. प्रतिदिन औसतन 80 हत्याओं के साथ कुल 29,193 लोगों की हत्या की सूचनाएं दर्ज की गईं, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है. इस वर्ष बलात्कार की 28,046 घटनाएं हुईं, जिसमें राजस्थान में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2020 में रोज़ाना औसतन 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. प्रतिदिन औसतन 80 हत्याओं के साथ कुल 29,193 लोगों की हत्या की सूचनाएं दर्ज की गईं, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है. इस वर्ष बलात्कार की 28,046 घटनाएं हुईं, जिसमें राजस्थान में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारत में 2020 में 19 महानगरों में से बलात्कार के करीब 40 प्रतिशत मामले और हत्या के तकरीबन 25 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली में सामने आए. सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने और लॉकडाउन लगे होने के बावजूद हत्या के 1,849 और बलात्कार के 2,533 मामले दर्ज किए गए.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2020 में रोजाना औसतन 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. प्रतिदिन औसतन 80 हत्याओं के साथ कुल 29,193 लोगों की हत्या की सूचनाएं दर्ज की गईं, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है.

साल 2019 में हुई 28,915 हत्याओं की तुलना में साल 2020 में एक प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई. 2019 में प्रतिदिन औसतन 79 हत्याएं हुई थीं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 शहरों को महानगर के तौर पर वर्गीकृत किया है, जिनमें अहमदाबाद, बंगलुरु, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत आते हैं.

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2020 में हत्या के 461 मामले, बंगलुरु में 179 मामले, चेन्नई में 15 मामले, मुंबई में 148 मामले, सूरत में 116 मामले और कोलकाता में 61 मामले आए. पिछले साल हत्या के कुल 1,849 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में दर्ज किए मामलों (2,017) से 8.3 प्रतिशत कम हैं.

राज्य स्तर की बात करें तो उत्तर प्रदेश में साल 2020 में हत्या के सबसे अधिक 3,779 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद बिहार में 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए थे.

इसके मुताबिक, महानगरों में दर्ज किए गए ‘गैर इरादतन हत्या’ के 192 मामलों में से 57 मामले अकेले दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद लखनऊ में 28 और बंगलुरु में 10 मामले दर्ज किए गए.

इसी तरह साल 2020 में भारत भर में औसतन हर दिन बलात्कार के 70 मामले दर्ज किए गए. इस वर्ष 28,153 पीड़ितों के साथ बलात्कार की 28,046 घटनाएं हुईं. इसी साल देश में कोविड-19 का प्रकोप और इस महामारी से प्रेरित लॉकडाउन लागू किया गया था.

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज किए गए. 2019 की तुलना में ऐसी घटनाओं में 8.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, 4,05,326 मामले दर्ज किए गए थे.

आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 के दौरान देश में बलात्कार के मामले राजस्थान में सर्वाधिक मामले 5,310 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद इस सूची में 2,769 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा. मध्य प्रदेश में बलात्कार के 2,339 और महाराष्ट्र 2,061 मामले आए हैं.

भारत में 2020 में महानगरों में बलात्कार के कुल 2,533 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक 967 मामले (38 प्रतिशत) दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद जयपुर में 409 मामले (16 प्रतिशत), मुंबई में 322 (12 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए. बंगलुरु में बलात्कार के 108, चेन्नई में 31 और कोलकाता में 11 मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, इन 2,533 मामलों में से बलात्कार की 2,448 पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की थीं. पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए जो 2019 के मुकाबले 21.1 प्रतिशत कम हैं.

महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामले ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा अत्याचार’ के तहत दर्ज किए गए. ये मामले 30.2 प्रतिशत थे. इसके बाद ‘महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला’ करने के 19.7 प्रतिशत, ‘महिलाओं के अपहरण’ के 19 प्रतिशत मामले और बलात्कार के 7.2 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

बलात्कार के अलावा मर्यादा भंग करने के लिए किए गए हमलों के 85,392 मामले और बलात्कार के प्रयास के 3,741 मामले दर्ज किए गए थे. 2020 के दौरान देश भर में तेजाब हमले के 105 मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा दहेज हत्या के 6,966 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल ऐसे 7,045 मामले सामने आए थे.

दिल्ली में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के विरूद्ध 25 फीसद कम अपराध हुए

राष्ट्रीय राजधानी में 2019 की तुलना में 2020 में कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन के बाद महिलाओं के विरूद्ध अपराध करीब 25 फीसद कम हुए. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने यह जानकारी दी है.

ब्यूरो के अनुसार शहर में 2020 में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 10,093 दर्ज किये गये जबकि उसके पिछले साल इस तरह के 13,395 मामले सामने आये थे, यानी 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के विरूद्ध 24.65 फीसद कम अपराध हुए.

ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार 2020 में यहां शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमले के 1840, अपरहण के 2938, बलात्कार के प्रयास के नौ तथा बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या का एक मामला दर्ज किया गया.

दिल्ली पुलिस ने सदैव इस बात पर बल दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा उसकी शीर्ष प्राथमिकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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