महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बीते 20 सितंबर को इलाहाबाद स्थित अपने मठ के एक कमरे में मृत पाए गए थे. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों- आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ़्तार किया है. आनंद गिरि, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, जबकि आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं. 

इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बीते 20 सितंबर को इलाहाबाद स्थित अपने मठ के एक कमरे में मृत पाए गए थे. इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों- आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ़्तार किया है. आनंद गिरि, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, जबकि आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं.

इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/भोपाल: उत्तर प्रदेश सरकार ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बुधवार रात को अनुशंसा कर दी.

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सीबीआई से कराने की संस्तुति की गई है.

महंत नरेंद्र गिरि बीते 20 सितंबर को इलाहाबाद स्थित बाघंबरी मठ के एक कमरे में मृत पाए गए थे. पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को बुधवार को दोपहर उनके मठ में पूर्ण विधि-विधान से समाधि दी गई. इस अवसर पर उनकी बहन और अन्य परिजन समेत सभी अखाड़ों के पदाधिकारी उपस्थित थे.

बुधवार सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रीमठ बाघंबरी गद्दी लाया गया, जहां एक विशेष वाहन में रखा गया.

श्रीमठ बाघंबरी गद्दी से गाजे-बाजे के साथ यह विशेष वाहन संगम क्षेत्र पहुंचा. जहां पार्थिव शरीर पर गंगा जल छिड़का गया. वहां से वाहन बड़े हनुमान मंदिर पहुंचा, जहां मंदिर में प्रयुक्त फूल पार्थिव शरीर पर चढ़ाए गए. महंत नरेंद्र गिरि इस मंदिर के भी महंत थे.

बड़े हनुमान मंदिर से विशेष वाहन वापस श्रीमठ बाघंबरी गद्दी पहुंचा, जहां महंत नरेंद्र गिरि को उनकी इच्छा के मुताबिक नींबू के पेड़ के नीचे समाधि दी गई. समाधि देने की प्रक्रिया करीब एक घंटे तक चली.

इलाहाबाद एसएसपी ने इस मामले में 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया था.

महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने इलाहाबाद पहुंचे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े हर पहलू का पर्दाफाश किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा.

उधर इलाहाबाद से मिली खबर के अनुसार, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में तीसरे आरोपी संदीप तिवारी को पुलिस ने बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. जार्ज टाउन थाने के प्रभारी निरीक्षक महेश सिंह ने संदीप तिवारी को बुधवार की शाम गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मामले की जांच शुरू करने वाले 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे सर्किल ऑफिसर अजीत सिंह चौहान ने कहा कि संदीप को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा. एसआईटी ने कहा कि वह मठ के सेवादारों और शिष्यों के बयान दर्ज कर रही है.

इस मामले में दो अन्य आरोपियों- आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया और बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

पुलिस ने कहा था कि घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने लिखा है कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने एक शिष्य से व्यथित हैं.

कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा था, ‘मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं. मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी.’

आनंद गिरि, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, जबकि आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं.

जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि आरोपी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ की अदालत में पेश किया गया.

उन्होंने बताया कि आनंद गिरि के वकील ने अदालत में जमानत याचिका पेश की, लेकिन न्यायाधीश ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद और मामले की गंभीर प्रकृति को देखते हुए जमानत याचिका नामंजूर कर दी. अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

अदालत में जांच अधिकारी महेश सिंह द्वारा साक्ष्य के तौर पर दिवंगत महंत के दो मोबाइल फोन, मरने से पूर्व महंत नरेंद्र गिरि द्वारा बनाया वीडियो, नायलॉन की रस्सी, चाकू, सात पन्नों का सुसाइड नोट प्रस्तुत किया गया.

सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने कहा, ‘जांच अधिकारी ने कोर्ट की मौजूदगी में सभी सामग्री को सील कर दिया. वीडियो में नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था और अपनी मौत के लिए उन्‍हें जिम्‍मेदार ठहराया था.’ ‘’

मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की गई है.

वकील के मुताबिक, पुलिस ने आद्या प्रसाद पर 72 वर्षीय महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है. आनंद गिरि के विपरीत, नरेंद्र गिरि के शिष्यों में से एक अमर गिरि पवन महाराज की शिकायत के आधार पर मंगलवार को दर्ज प्राथमिकी में आद्या प्रसाद और उनके बेटे दोनों का नाम नहीं था.

अग्रहरि ने कहा कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद को जेल भेजते हुए अदालत ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी और मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर के लिए टाल दी.

सूत्रों ने कहा कि एसआईटी नरेंद्र गिरि की शिकायत के आधार पर 6 सितंबर को इलाहाबाद के दारागंज पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी का विवरण भी एकत्र कर रही है.

महंत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि किसी ने उनके नाम से ट्विटर अकाउंट खोल लिया है और आपत्तिजनक और झूठी जानकारी ट्वीट कर रहे हैं.

अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी के लिए सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

दारागंज एसएचओ जेपी शाही ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में ट्विटर के मुख्यालय को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें आईपी पते के बारे में जानकारी मांगी गई है, जिससे ट्विटर अकाउंट संचालित किया जा रहा था.

अखाड़ा परिषद भी करेगी महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले की जांच

अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि जी महाराज ने बुधवार को कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले की आंतरिक जांच अखाड़ा परिषद भी करेगी. इसके लिए अखाड़े के लोगों को गुप्त रूप से नियुक्त किया जाएगा.

श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में महंत नरेंद्र गिरि को समाधि दिए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में महंत हरि गिरि ने कहा, ‘यहां (अखाड़े में) कुछ लोग पक्ष में होते हैं, कुछ लोग विपक्ष में होते हैं. कुछ लोग सत्ता के साथ होते हैं, कुछ लोग सत्ता के विरोध में.’

उन्होंने कहा, ‘महंत नरेंद्र गिरि का षोढसी भंडारा पांच अक्टूबर को होने तक जांच पूरी होने की उम्मीद है. हमारा लक्ष्य है कि अपराधी गिरफ्तार हो.’

इस बीच, निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर की बुधवार शाम प्रस्तावित बैठक टाल दी गई. अब यह बैठक 25 सितंबर को होगी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय किए जाने की संभावना है. यह जानकारी निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरि महाराज ने दी. ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव थे.

सुसाइड नोट बताता है कि मंदिरों में चढ़ावे का कैसे हो रहा है दुरुपयोग: दिग्विजय

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत मंदिरों के चढ़ावे के दुरुपयोग को दर्शाती है.

सिंह ने भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर सीहोर में संवाददाताओं से कहा, ‘कहा जा रहा है कि नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसकी उत्तर प्रदेश पुलिस जांच कर रही है. लेकिन, उन्होंने अपने सुसाइड नोट में जो लिखा है वह चिंता का विषय है कि मंदिरों और मठों के चढ़ावे का कैसे दुरुपयोग हो रहा है. मठों पर कब्जा और मंदिरों की भूमि खरीद फरोख़्त में धांधली हो रही है.’

उन्होंने कहा, ‘जब कोई व्यक्ति साधु-संत बन जाता है तो वह माया-मोह सब त्याग देता है. हमारा धर्म त्याग के साथ आगे बढ़ता है. त्याग से मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन, वह (आनंद गिरि) महंगे वाहनों का आनंद ले रहे है. यहां तक कि जब वह ऑस्ट्रेलिया गए थे, तब महिलाओं ने भी उनकी शिकायत की थी.’

सिंह ने दावा किया कि नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा है कि आनंद गिरि मठ में आए चढ़ावे में से भी पैसे लिया करते थे. उन्होंने कहा, ‘यह धर्म के लिए अच्छा नहीं है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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