विशेष रूप से सक्षम और चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को घर पर टीका लगाया जाएगा: सरकार

घरेलू टीकाकरण प्रावधान की घोषणा करते हुए भारत के कोविड -19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों के लिए देखरेख और मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करके हम घर पर टीकाकरण का प्रावधान करेंगे. घरेलू टीकाकरण के लिए हम जो व्यवस्था करेंगे, वह प्रभावी और सुरक्षित होगी.

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(फोटो: पीटीआई)

घरेलू टीकाकरण प्रावधान की घोषणा करते हुए भारत के कोविड -19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों के लिए देखरेख और मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करके हम घर पर टीकाकरण का प्रावधान करेंगे. घरेलू टीकाकरण के लिए हम जो व्यवस्था करेंगे, वह प्रभावी और सुरक्षित होगी.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि विशेष रूप से सक्षम (Differently Abled) तथा चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भले ही दैनिक नए मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन देश में कोविड-19 की दूसरी लहर अब भी जारी है.

उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में से 62.73 फीसदी अकेले केरल में आए. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है.

अधिकारियों ने कहा कि देश में 33 जिलों में फिलहाल संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, जबकि 23 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच है.

उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों के लिए कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत निरूद्ध क्षेत्रों और पांच फीसदी से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में भीड़भाड़ से बचना होगा.

टीकाकरण अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि देश की करीब 66 फीसदी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है और 23 फीसदी आबादी का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकों में 63.7 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए हैं और 35.4 फीसदी शहरी क्षेत्रों में लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि कुल 68.2 लाख खुराक (करीब 0.95 फीसदी) ऐसे कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर दी गई, जिन्हें ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के तौर पर चिह्नित नहीं किया गया.

भारत में टीका लगवा चुके लोगों को ब्रिटेन की यात्रा करने पर वहां 10 दिनों के क्वारंटीन में रहने के बारे में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह भेदभाव है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है.

भूषण ने कहा, ‘हमारा मानना है कि जो नियम चार अक्टूबर से लागू होने वाला है वह भेदभावपूर्ण है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता जारी है और हमारा मानना है कि समाधान निकल आएगा. हमें उसी भाषा में जवाब देने का अधिकार है.’

टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की घोषणा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम एवं चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही टीका लगाया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू टीकाकरण प्रावधान की घोषणा करते हुए भारत के कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा, ‘मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने उन लोगों के लिए नए प्रावधान किए हैं, जिनकी गतिशीलता ऐसी है कि उन्हें टीकाकरण के लिए घर से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है, जो विशेष रूप से सक्षम हैं या किसी विशेष कारण से टीकाकरण केंद्र नहीं जा सकते हैं.’

डॉ पॉल ने कहा, ‘उनके लिए देखरेख और एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पालन करके हम घर पर टीकाकरण का प्रावधान करेंगे. आदेश और सलाह जारी किए गए हैं.’

उन्होंने कहा कि जिला स्तर के टीकाकरण अधिकारी घर पर टीकाकरण के लिए उन्हीं एसओपी का पालन करेंगे, जिसमें टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं की निगरानी के महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं.

पॉल ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि हमारे टीके सुरक्षित हैं. घरेलू टीकाकरण के लिए हम जो व्यवस्था करेंगे, वह प्रभावी, सुरक्षित, सहायक और पोषण करने वाली होगी. यह सभी एसओपी का पालन करेगा. यह एक महत्वपूर्ण विकास है. हम स्थानीय स्तर पर टीमों को भाग लेने और इस नई प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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