उत्तर प्रदेश: एफ़आईआर दर्ज करने में देरी पर बलात्कार पीड़िता ने कथित तौर पर थाने में जान दी

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ का मामला. पुलिस का कहना है कि महिला ने थाने में ज़हर नहीं खाया. वह थाने के बाहर बेहोशी की हालत में मिली थी. अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसने ज़हर खाया है. लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ का मामला. पुलिस का कहना है कि महिला ने थाने में ज़हर नहीं खाया. वह थाने के बाहर बेहोशी की हालत में मिली थी. अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसने ज़हर खाया है. लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बलात्कार पीड़िता ने पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज होकर शनिवार को कथित तौर पर पुलिस थाने में जहर खाकर आत्महत्या कर ली.

पुलिस का कहना है कि अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं किया गया है.

बता दें कि 55 वर्षीया महिला का आरोप है कि पांच अक्टूबर को 53 साल के एक व्यक्ति और एक अन्य अज्ञात शख्स ने उनका बलात्कार किया.

आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है.

पुलिस का कहना है कि महिला द्वारा आत्महत्या किए जाने से पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया था.

पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने शनिवार को बताया, ‘आजमगढ़ के मेहनाजपुर थाना क्षेत्र के गांव की महिला को बीते दिनों कुछ लोगों ने रात को आवाज दी. जब महिला घर से बाहर निकली तो उसके साथ मारपीट की गई. महिला के पति का आरोप है कि उसके साथ बलात्कार किया गया. इस दौरान महिला ने गांव के ही अनिल नामक एक व्यक्ति को पहचान लिया था.’

वहीं, परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पीड़िता ने पुलिस से कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

परिजनों के अनुसार, शनिवार को भी महिला थाने पर पहुंची, लेकिन पुलिस कार्रवाई के लिए टस से मस नहीं हुई, जिसके बाद महिला ने थाने में ही जहरीला पदार्थ खा लिया. पुलिस महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

हालांकि, पुलिस अधीक्षक का कहना है कि महिला ने थाने में जहर नहीं खाया.

पुलिस अधीक्षक ने इस घटना में लापरवाही बरतने पर मेहनाजपुर के प्रभारी थानाध्यक्ष चुन्ना सिंह को निलंबित कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि उन्हें शनिवार दोपहर को पुलिस स्टेशन के गेट पर महिला बेहोशी की हालत में मिली.

पुलिस ने कहा कि महिला अकेली थी. उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर किया, जहां महिला को मृत घोषित कर दिया गया.

पुलिस ने कहा कि महिला शनिवार को स्कूटी से पुलिस थाने पहुंची थी और थाने के गेट पर बेहोश हो गई थी. उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पहुंचकर पता चला कि महिला ने जहर खाया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने छह अक्टूबर को पुलिस थाने पहुंचकर आरोप लगाया था कि दो नकाबपोश  लोग पांच अक्टूबर को उसके घर में घुस आए और उसे जबरन उठाकर किसी सुनसान जगह ले गए.

महिला ने बताया था कि इस दौरान आरोपियों ने उसकी पिटाई भी की. इस दौरान एक शख्स के चेहरे पर ढका स्कार्फ निकल जाने पर महिला ने उसे पहचान लिया.

महिला का आरोप है कि आरोपियों ने उसका बलात्कार किया और यह बात किसी को बताने पर खामियाजा भुगतने की धमकी के बाद वे वहां से चले गए.

महिला ने यह घटना अपने पति को बताई, जिसके बाद दोनों एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे.

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि यह घटना राज्य में भाजपा सरकार के मुंह पर तमाचा है.

अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, ‘आजमगढ़ में दुष्कर्म के आरोपियों पर कार्रवाई न होने से आहत महिला ने थाने में की आत्महत्या- अत्यंत दुखद!’

उन्होंने कहा, ‘यह घटना भाजपा सरकार के मुंह पर तमाचा है जो बड़े दावे कर प्रदेश में आम जनमानस को न्याय देने की बात करती है. दोषी पुलिस अधिकारियों एवं आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करे सरकार.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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