सिंघू सीमा हत्या: एक निहंग सिख गिरफ़्तार, मृतक के परिवार ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

दिल्ली-हरियाणा की सिंघू सीमा पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या के मामले में पुलिस ने एक निहंग सिख को गिरफ़्तार किया है. 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों को कड़ी सज़ा देने की मांग की. वहीं, राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए व्यापक जांच की मांग उठाई है.

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सिंघू बॉर्डर (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली-हरियाणा की सिंघू सीमा पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या के मामले में पुलिस ने एक निहंग सिख को गिरफ़्तार किया है. 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों को कड़ी सज़ा देने की मांग की. वहीं, राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए व्यापक जांच की मांग उठाई है.

सिंघू बॉर्डर. (फोटो: पीटीआई)

तरणतारण/नई दिल्ली: गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में सिखों के एक पंथ के सदस्यों द्वारा पीट-पीटकर जान से मारे गए दलित खेतिहर मजदूर लखबीर सिंह के परिवार ने शनिवार को कहा कि वह ईश्वर से डरने वाले व्यक्ति थे, जो कभी भी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे. लखबीर के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर और 12, 11 तथा आठ साल की तीन बेटियां पवित्र शहर अमृतसर से करीब 50 किमी दूर गांव चीमा कलां में एक छोटे से कच्चे मकान में रहती हैं. उनके बेटे की दो साल पहले मौत हो गई थी.

बताया गया है कि जब लखबीर जीवित थे तब परिवार मुश्किल से दिन में दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर पाते थे और अपनी आजीविका के लिए गांव के खेतों  में या तरनतारन जिले की अनाज मंडी में काम करते थे.

लखबीर की बहन राज कौर कहती हैं, ‘अब उनके परिवार की देखभाल के लिए कौन आगे आएगा और उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा..कौन उनकी मदद करेगा?’

लखबीर (35) का शव सिंघू बॉर्डर के पास पुलिस अवरोधक से बंधा मिला था, जहां किसान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. घटना के कुछ घंटे बाद नीले वस्त्र पहने एक निहंग सिख सरबजीत सिंह ने दावा किया कि उसने गुरु ग्रंथ साहिब को ‘अपवित्र’ करने के लिए लखबीर को ‘दंडित’ किया था.

उसके दावे पर सवाल उठाते हुए जसप्रीत कौर और राज कौर ने कहा कि लखबीर सिंह के दिल में ‘पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रति गहरा सम्मान था’.

जसप्रीत कौर ने कहा, ‘वह ईश्वर से डरने वाले व्यक्ति थे, जो कभी पवित्र पुस्तक को अपवित्र करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे. जब भी वह किसी गुरुद्वारे में जाते थे, तो वह अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए प्रार्थना करते थे.’

पीड़ित परिवार ने कहा कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और उनके खराब चरित्र की कोई रिपोर्ट नहीं थी. परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिए पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

जसप्रीत और राज कौर ने कहा कि अगर एक पल के लिए भी मान लिया जाए कि लखबीर ने कुछ गलत किया है, तो जिन लोगों ने उनकी इतनी बर्बरता से हत्या की, उन्हें लखबीर को उनकी बेगुनाही साबित करने के लिए समय देना चाहिए था, या वे उन्हें पुलिस के हवाले कर सकते थे.

लखबीर की भाभी सिमरनजीत कौर और सास सविंदर कौर सहित उनके परिवार के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि लखबीर और उनकी बहन राज कौर को एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी हरनाम सिंह ने गोद लिया था, जो बिना किसी समस्या के साथ रह रहे थे. हालांकि हरनाम सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे.

परिवार ने दावा किया कि लखबीर का किसी भी राजनीतिक संगठन से कोई संबंध नहीं था और वह कभी भी किसी राजनीतिक व्यक्ति के समर्थन में किसी राजनीतिक रैली में नहीं गए.

उनकी बहन राज कौर ने कहा, ;मेरे भाई के पास घर से निकलने वक्त केवल 50 रुपये थे और इतने पैसे सिंघू सीमा तक पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं थे, लेकिन हो सकता है कि वह किसी ट्रैक्टर ट्रॉली या ट्रक से लिफ्ट लेकर वहां पहुंचा हो.’

कौर ने दावा किया, ‘इसके अलावा, घटना से पहले मेरा भाई तीन दिनों से उन लोगों के साथ रह रहा था, जो लोग उसकी हत्या में संलिप्त हैं.’

यह पूछे जाने पर कि लखबीर सिंघू बॉर्डर क्यों गए थे, तो राज कौर ने कहा, ‘हो सकता है कि किसी ने उसे (श्रम के लिए) अधिक पैसे की पेशकश की हो.’

मालूम हो कि दिल्ली-हरियाणा की सीमा (सिंघू बॉर्डर) पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उनका हाथ काट दिया गया था.

पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरणतारण जिले के चीमा खुर्द के रहने वाले और पेशे से मजदूर थे. उनकी आयु 35 वर्ष के आसपास है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने शनिवार को कहा कि उन्होंने मामले में एक निहंग सिख सर्वजीत सिंह को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने कहा कि सिंह ने लिंचिंग में कथित भूमिका के लिए शुक्रवार रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद उसे हिरासत में ले लिया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिंह पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह में उस समय सिंघू सीमा पर आए थे जब निहंग सिखों का दल वहां पहुंचा था. सीमा पर वह एक इकाई का नेता था जो घोड़ों की देखभाल करता था.

सोनीपत के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा, ‘एक निहंग सिख को हिरासत में लिया गया है. उसे अदालत में पेश किया जाएगा. हम हत्या में उसकी भूमिका की जांच कर रहे हैं. सिंघू सीमा पर पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने के दावे की अभी पुष्टि नहीं हुई है. यह जांच का विषय है.’

शुक्रवार रात सामने आए कई वीडियो में सर्वजीत सिंह ने कथित तौर पर लखबीर सिंह की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की है.

अन्य निहंगों ने दावा किया कि उसने पुलिस के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है, जबकि पुलिस का कहना है कि उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘कश्मीर सिंह के बेटे सरबजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है जो पंजाब के गुरदासपुर जिले के विटवहा का रहने वाला है.’ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में सरबजीत ने दावा किया कि वह ‘पवित्र धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी’ बर्दाश्त नहीं कर सका.’

वायरल हुई वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है. व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है. वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था.

उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं.

पुलिस ने शुक्रवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और सामान्य मंशा के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने कहा था कि उन्हें शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे सूचना मिली थी कि निहंगों ने एक व्यक्ति को फांसी पर लटकाकर बैरिकेड्स से बांध दिया है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पीड़िता की मौत हो चुकी थी. निहंग सिखों और प्रदर्शनकारियों ने शुरू में शव पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया था.

इस मामले में करीब 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपा और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की.

अखिल भारतीय खटीक समाज, अखिल भारतीय बेरवा विकास संघ, धनक कल्याण संघ और दलित कर्मचारियों और पेशेवरों के अन्य संगठनों समेत 15 दलित सगंठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला को ज्ञापन सौंपा.

उन्होंने आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच होने और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की. राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की निंदा की और व्यापक जांच की मांग की.

भाजपा नेताओं ने दावा किया कि यह घटना यह ‘उद्घाटित’ करती है कि ‘अराजकतावादी’ खुद को किसान नेता बता रहे हैं.

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा पुलिस को किसान प्रदर्शन स्थल पर दलित व्यक्ति की हत्या के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. सांपला ने हरियाणा पुलिस से 24 घंटे के भीतर प्राथमिक रिपोर्ट भी मांगी है.

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की शीर्ष इकाई संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है.

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन जगहों- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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