छत्तीसगढ़: सरकारी अस्पताल में चार नवजातों की मौत, अधिकारी ने कहा- कुछ भी ‘असामान्य’ नहीं

छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल में पिछले दो दिनों में ये मौतें हुई हैं. अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है, क्योंकि इन नवजातों की मौत जन्म संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है. वहीं, परिजनों ने कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)​​​

छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले के मुख्यालय अंबिकापुर स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल में पिछले दो दिनों में ये मौतें हुई हैं. अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है, क्योंकि इन नवजातों की मौत जन्म संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है. वहीं, परिजनों ने कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)​​​

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में पिछले दो दिनों में चार नवजात बच्चों की मौत हो गई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है.

हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इन मौतों में ‘कुछ भी असामान्य’ नहीं है क्योंकि इन नवजातों की मौत जन्म संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल (जीएमसीएच) में ये मौतें हुई हैं.

जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया, ‘एक नवजात की मौत 15 अक्टूबर की देर रात हुई, जबकि तीन अन्य नवजातों की मौत अगली सुबह हुई. सभी मृत नवजातों की उम्र चार से 28 दिन के बीच थी. इन चारों नवजातों को जन्म के बाद दूसरे अस्पतालों से रेफर किया गया था.’

उन्होंने बताया कि एक नवजात की मौत बाल चिकित्सा वार्ड में हुई, जबकि तीन बच्चों की मौत विशेष नवजात देखरेख इकाई (एसएनसीयू) में हुई.

डॉ. सिंह ने बताया कि इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है. उन्होंने बताया, ‘दो नवजातों को सांस लेने की समस्या थी, जबकि अन्य का वजन कम था.’

अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि एक मृत नवजात के माता-पिता ने कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा हंगामा किया और बाद में अन्य मृत नवजातों के परिजन भी हंगामे में शामिल हो गए.

नवजातों की मौत की जानकारी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री शिवकुमार दहरिया अधिकारियों से बैठक के लिए अंबिकापुर रवाना हो गए. वह सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं.

यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, दिल्ली दौरे पर गए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपना दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट रहे हैं.

जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दहरिया अंबिकापुर के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अस्पताल के अधीक्षक के साथ आपात बैठक बुलाई है.’

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर और बिलासपुर से विशेष स्वास्थ्य टीम अंबिकापुर भेजने के निर्देश दिए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने रविवार को रायपुर से वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम को मौतों की जांच के लिए भेजी.

राज्य के स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला ने कहा, ‘सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में हुईं मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम को अंबिकापुर भेजा गया है और अगर उन्हें कुछ भी असामान्य लगता है, तो उचित जांच के आदेश दिए जाएंगे.’

मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ लखन सिंह ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज की तीन सदस्यीय टीम मामले की जांच करेगी, जबकि रायपुर की एक टीम भी अंबिकापुर पहुंचेगी.’

मृत बच्चों में से एक के माता-पिता द्वारा अस्पताल के अधिकारियों पर चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाने के बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई थी.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने दिल्ली में अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वहां से सीधे अंबिकापुर पहुंचेंगे.

बयान में कहा गया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर और बिलासपुर से अंबिकापुर स्वास्थ्य विभागों की विशेष टीम भेजने का निर्देश दिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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