लखीमपुर हिंसा: मृतक भाजपा कार्यकर्ता के घर जाने पर योगेंद्र यादव किसान मोर्चा से निलंबित

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. योगेंद्र यादव ने कहा कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है. यादव किसान मोर्चा की कोर समिति के सदस्य रहे हैं.

New Delhi: Swaraj India President Yogendra Yadav addresses a press conference regarding Delhi's Lok Sabha elections, in New Delhi, Saturday, April 20, 2019.(PTI Photo/Kamal Singh) (PTI4_20_2019_000103B)
योगेंद्र यादव. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. योगेंद्र यादव ने कहा कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है. यादव किसान मोर्चा की कोर समिति के सदस्य रहे हैं.

New Delhi: Swaraj India President Yogendra Yadav addresses a press conference regarding Delhi's Lok Sabha elections, in New Delhi, Saturday, April 20, 2019.(PTI Photo/Kamal Singh) (PTI4_20_2019_000103B)
योगेंद्र यादव. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक भाजपा कार्यकर्ता के घर जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को बृहस्पतिवार को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया.

यादव संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की कोर समिति के सदस्य रहे हैं. मोर्चा केंद्र के तीन नए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है.

एक वरिष्ठ किसान नेता ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में इस आशय का फैसला लिया गया.

किसान नेता ने कहा, ‘अपनी बैठक में एसकेएम ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया, क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (घटना) में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से मिलने गए थे.’

उन्होंने कहा, ‘वह (यादव) संयुक्त किसान मोर्चा की बैठकों और अन्य गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकते हैं.’

यादव ने बृहस्पतिवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में हिस्सा लिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, किसान नेताओं के अनुसार, यादव को मंच पर बोलने की अनुमति नहीं होगी. वे केवल विरोध स्थलों पर ही भाग ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि यादव अगले महीने कोर कमेटी की चर्चा में भी शामिल नहीं होंगे.

बीते 12 अक्टूबर को यादव शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने गए थे, जो कथित तौर पर लखीमपुर हिंसा के दौरान विरोध करने वाले किसानों को वाहन से कुचलने के बाद प्रतिशोध में मारे गए थे.

यादव ने ट्वीट किया था, ‘शहीद किसान श्रद्धांजलि सभा से वापसी में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए. परिवार ने हम पर गुस्सा नही किया. बस दुखी मन से सवाल पूछे: क्या हम किसान नहीं? हमारे बेटे का क्या कसूर था? आपके साथी ने एक्शन-रिएक्शन वाली बात क्यों कही? उनके सवाल कान में गूंज रहे हैं!’

द ट्रिब्यून के मुताबिक, योगेंद्र यादव ने अपने निलंबन की पुष्टि की और कहा कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने के लिए उन्हें कोई अफसोस नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे एक मृतक के शोक संतप्त परिवार से मिलने का कोई अफसोस नहीं है. यह मेरे लिए सिद्धांत की बात है. दुख पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता. मैं अपने विरोधियों के साथ कुछ भी साझा नहीं कर सकता, लेकिन मुझे उनके दुख को साझा करने में सक्षम होना चाहिए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दुख बांटने की यह क्षमता आंदोलनों को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है. इसलिए मैंने आज बैठक में अपने आचरण के लिए माफी नहीं मांगी, हालांकि मैंने कहा था कि शुभम मिश्रा के परिवार से मिलने जाने से पहले मुझे किसान मोर्चा में अपने सहयोगियों से सलाह लेनी चाहिए थी.’

यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी में शुभम मिश्रा के घर से बाहर आने के बाद उन्हें शांति महसूस हुई.

यादव ने कहा, ‘मैंने अपने किसान मोर्चा दोस्तों से कहा कि मैंने जो किया उसके लिए मैं किसी भी सजा को भुगतने को तैयार हूं. मुझे इसके बारे में कोई पछतावा नहीं है.’ ‘’

लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

चार किसानों की मौत कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं को लेकर जा रहे वाहनों से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.

गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह (दोनों की उम्र का उल्लेख नहींं) के रूप में की गई है.

बीते तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता- शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर निषाद, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.

किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस बात से से इनकार किया है.

इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

इस मामले में अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 10 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)