गुजरात: मंदिर में प्रवेश करने पर दलित परिवार के छह सदस्यों पर हमला, मामला दर्ज

घटना 26 अक्टूबर को कच्छ ज़िले के गांधीधाम क़स्बे के नेर गांव में हुई. आरोपी इस बात से नाराज़ थे कि एक व्यक्ति गोविंद वाघेला और उनका परिवार 20 अक्टूबर को नेर गांव के राम मंदिर में तब पूजा के लिए आया, जब वहां प्राण प्रतिष्ठा की रस्म चल रही थी. मामले में अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

घटना 26 अक्टूबर को कच्छ ज़िले के गांधीधाम क़स्बे के नेर गांव में हुई. आरोपी इस बात से नाराज़ थे कि एक व्यक्ति गोविंद वाघेला और उनका परिवार 20 अक्टूबर को नेर गांव के राम मंदिर में तब पूजा के लिए आया, जब वहां प्राण प्रतिष्ठा की रस्म चल रही थी. मामले में अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः गुजरात के कच्छ जिले में मंदिर में दर्शन करने को लेकर करीब 20 लोगों ने दलित परिवार के छह सदस्यों पर कथित रूप से हमला कर दिया.

यह घटना 26 अक्टूबर को कच्छ जिले के गांधीधाम कस्बे के नेर गांव में हुई.

पुलिस उपाधीक्षक किशोर सिंह जाला ने बताया कि यह घटना 26 अक्टूबर को भचाऊ थाना क्षेत्र के नेर गांव में हुई, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

जाला ने कहा, ‘इस संबंध में दो एफआईआर दर्ज की गईं हैं. एक गोविंद वाघेला द्वारा और दूसरी उनके पिता जगभाई द्वारा. दोनों ने दावा किया कि लगभग 20 लोगों ने उन पर हमला किया. हमने अपराधियों को पकड़ने के लिए आठ टीमों का गठन किया है.’

काना अहीर, राजेश महाराज, केसरा रबाई, पाबा रबारी और काना कोली सहित 20 लोगों की भीड़ के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत हत्या के प्रयास, डकैती, लूट और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.

एफआईआर के मुताबिक, आरोपी इस बात से नाराज थे कि गोविंद वाघेला और उनका परिवार 20 अक्टूबर को नेर गांव के राम मंदिर में पूजा के लिए आया था, जब वहां प्राण प्रतिष्ठा की रस्म चल रही थी.

शिकायत में कहा गया है कि 26 अक्टूबर को वाघेला अपनी दुकान पर थे तभी उन्हें पता चला कि कुछ लोगों ने उनके खेत में मवेशी भेजकर उनकी फसल को नष्ट कर दिया.

पुलिस ने बताया कि जब शिकायतकर्ता और उनके चाचा गणेश वाघेला मौके पर पहुंचे तो आरोपियों ने उन पर पाइप, लाठियों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया.

एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर एक मोबाइल फोन भी चुरा लिया और शिकायतकर्ता के रिक्शा को क्षतिग्रस्त कर दिया .

शिकायतकर्ता ने यह आरोप भी लगाया है कि आरोपियों ने उसकी मां बड़ीबेन, पिता जगभाई और दो अन्य रिश्तेदारों पर हमला किया और इन छह पीड़ितों का भुज के एक सामान्य अस्पताल में इलाज किया गया.

बता दें कि देश के कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने दलित लोगों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है.

सितंबर में कर्नाटक के कोपप्ल जिले के मियापुरा में एक दलित परिवार के दो बच्चों के स्थानीय आंजनेय मंदिर में प्रवेश करने को लेकर ग्रामीणों ने परिवार से 23,000 रुपये का जुर्माना भरने को कहा था.

जून 2020 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में उच्च जाति के लोगों ने 17 साल के एक दलित लड़के की हत्या कर दी थी क्योंकि दलित लड़के ने कथित तौर पर स्थानीय मंदिर में पूजा की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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