मध्य प्रदेश के गृहमंत्री की धमकी के बाद सब्यसाची ने मंगलसूत्र का विज्ञापन वापस लिया

मशहूर फैशन एवं आभूषण डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र के इस विज्ञापन में एक महिला को मंगलसूत्र पहने एक व्यक्ति के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया था. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को इसे हटाने के लिए अल्टीमेटम दिया था. इससे पहले पहले डाबर के उत्पाद ‘फेम ब्लीच’ के करवाचौथ विज्ञापन को लेकर भी गृहमंत्री ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद कंपनी ने ये विज्ञापन वापस ले लिया था.

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मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (फोटोः पीटीआई)

मशहूर फैशन एवं आभूषण डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र के इस विज्ञापन में एक महिला को मंगलसूत्र पहने एक व्यक्ति के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया था. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को इसे हटाने के लिए अल्टीमेटम दिया था. इससे पहले पहले डाबर के उत्पाद ‘फेम ब्लीच’ के करवाचौथ विज्ञापन को लेकर भी गृहमंत्री ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद कंपनी ने ये विज्ञापन वापस ले लिया था.

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः डाबर के करवाचौथ विज्ञापन को निशाना बनाए जाने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मशहूर फैशन एवं आभूषण डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी की नई आभूषण शृंखला के विज्ञापन को वापस लेने के लिए रविवार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए इसे अश्लील और आपत्तिजनक बताया था.

इसके तुरंत बाद इस विज्ञापन को वापस ले लिया गया.

कंपनी ने जारी एक बयान में कहा गया है, ‘धरोहर और संस्कृति पर सतत चर्चा की पृष्ठभूमि के बीच मंगलसूत्र से जुड़े विज्ञापन अभियान का मकसद समावेशिता और सशक्तीकरण पर बातचीत करना था. इस अभियान का मकसद उत्सव मनाना था और हमें इस बात का गहरा दुख है कि इससे हमारे समाज के एक वर्ग को कष्ट पहुंचा है इसलिए हमने इस अभियान को वापस लेने का निर्णय लिया हैं.’

दरअसल सब्यसाची के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज से कुछ तस्वीरें पोस्ट की गई थीं, जो उनके नए मंगलसूत्र कलेक्शन का विज्ञापन थीं. इसके साथ ही यह विज्ञापन अभियान लोगों के वर्ग के निशाने पर आ गया.

इस विज्ञापन अभियान के लिए कई तस्वीरें जारी की गईं. इनमें से दो तस्वीरों में महिला को ब्रा के साथ मंगलसूत्र पहने दिखाया गया था. एक तस्वीर में महिला अकेली है, जबकि दूसरे में वह एक टॉपलेस शख्स के साथ है. इन तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में नाराजगी दिखाई दी.

सोशल मीडिया यूजर्स ने इन्हें हिंदू संस्कृति के खिलाफ बताते हुए अश्लील करार दिया. डाबर के उत्पाद फेम ब्लीच के करवाचौथ विज्ञापन को लेकर नाराजगी जता चुके मध्य प्रदेश गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इन लोगों में शामिल थे.

सब्यसाची के इस विज्ञापन अभियान के बारे में दतिया में संवाददाताओं से बातचीत में नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘मैंने पहले भी इस तरह के विज्ञापनों को लेकर चेतावनी दे चुका हूं. मैं निजी तौर पर डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी को चेतावनी देते हुए उन्हें 24 घंटे का अल्टीमेटम दे रहा हूं. अगर इस अश्लील और आपत्तिजनक विज्ञापन को वापस नहीं लिया गया तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस बल को भेजा जाएगा.’

मिश्रा ने कहा कि उन्होंने सब्यसाची मुखर्जी का मंगलसूत्र वाला विज्ञापन देखा है. यह बहुत आपत्तिजनक है.

उन्होंने कहा, ‘मंगलसूत्र सर्वोत्तम महत्व का आभूषण है. हमारा मानना है कि मंगलसूत्र का पीले रंग का भाग देवी पार्वती और काला भाग भगवान शिव का प्रतीक है, जो महिला और उसके पति की रक्षा करते हैं. पार्वती की कृपा से दांपत्य जीवन सुखमय हो जाता है.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक कानूनी सलाहकार ने शनिवार को सब्यसाची को नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया, ‘मैं कहना चाहूंगा कि आपके प्रमोशनल सोशल मीडिया पोस्ट में मॉडल को अकेले या फिर अन्य के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया है. एक तस्वीर में एक महिला मॉडल को काले रंग की ब्रा और सब्यसाची का मंगलसूत्र पहने दिखाया गया है. इस तस्वीर में उनके साथ एक टॉपलेस पुरूष मॉडल भी है, जो पूरे हिंदू समुदाय और हिंदू विवाह के लिए अपमानजक है.’

इससे पहले करवाचौथ को लेकर डाबर कंपनी ने अपने उत्पाद ‘फेम क्रीम गोल्ड ब्लीच’ का करवाचौथ का विज्ञापन कुछ लोगों के निशाने पर आ गया था.

इस विज्ञापन को 22 अक्टूबर को लॉन्च किया गया था, जिसमें दो महिलाओं को करवाचौथ की तैयारी करते दिखाया गया था. इस विज्ञापन के अंत में पता चला था कि दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे के लिए व्रत रखा था. दोनों को एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए भी दिखाया गया था.

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विज्ञापन नहीं हटाने पर कार्रवाई की बात कही थी, जिसके बाद डाबर इंडिया ने इसे वापस लेते हुए माफी मांग ली थी.

कुछ दिन पहले ही विश्व स्तर के सफल ब्रांड और भारत सरकार के ‘मेड इन इंडिया’ कैंपेन को चरितार्थ करने वाली कंपनी ‘फैबइंडिया’ को दिवाली के कपड़ों के एक संग्रह का नाम ‘जश्न-ए-रिवाज़’ रख देने से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

कपड़ों के लोकप्रिय ब्रांड फैबइंडिया ने बीते नौ अक्टूबर को ट्विटर पर जश्न-ए-रिवाज़ नाम से नए कलेक्शन की प्रमोशनल पोस्ट की थी, जिसकी आलोचना करते हुए भाजपा नेताओं सहित कई यूजर्स ने कंपनी पर हिंदुओं के त्योहार दिवाली को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. विवाद के बाद ब्रांड ने इस ट्वीट को डिलीट कर यह विज्ञापन वापस ले लिया था.

इसी तरह बीते सितंबर माह में अभिनेत्री आलिया भट्ट द्वारा किया गया ‘मान्यवर ब्रांड’ के कपड़ों के एक विज्ञापन पर भी बवाल मच गया था. इस विज्ञापन में आलिया कहती हुई नजर आ रही हैं कि विवाह में ‘कन्यादान’ की जगह ‘कन्यामान’ को स्वीकृति मिलनी चाहिए. विज्ञापन का मतलब था कि लड़की कोई ‘दान’ देने की चीज नहीं, तो बेहतर होगा उसे दान देने के बजाय ‘मान’ दें और दूसरा परिवार उसे कन्या मान लें.

कुछ लोगों ने इस विज्ञापन को हिंदू धर्म और हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ बताया था. इन लोगों का मानना था कि बार-बार इस तरह की चीजें बनती और प्रसारित होती हैं, जो हिंदुओं की मान्यताओं के खिलाफ हैं.

( इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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