मिज़ोरम: मुख्यमंत्री ने केंद्र से की मुख्य सचिव बदलने की मांग, कहा- मंत्री हिंदी नहीं समझते

मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि मुख्य सचिव काम चलाने लायक भी मिज़ो भाषा नहीं जानती हैं और उनकी कैबिनेट के सदस्य हिंदी नहीं समझ पाते हैं और कुछ को अंग्रेज़ी में भी मुश्किल होती है.

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मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा. (फोटो साभार: ट्विटर/@ZoramthangaCM)

मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि मुख्य सचिव काम चलाने लायक भी मिज़ो भाषा नहीं जानती हैं और उनकी कैबिनेट के सदस्य हिंदी नहीं समझ पाते हैं और कुछ को अंग्रेज़ी में भी मुश्किल होती है.

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा. (फोटो साभार: ट्विटर/@ZoramthangaCM)

नई दिल्ली: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्र सरकार से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुख्य सचिव रेनू शर्मा मिजो भाषा नहीं जानती हैं और उनके मंत्री हिंदी नहीं समझते हैं और कुछ को अंग्रेजी के साथ भी समस्या होती है.

उन्होंने 29 अक्टूबर को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘गुजरात कैडर के मेरे मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआउगो की सेवानिवृत्ति के बाद मैंने अपने वर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी रामथांगा (मणिपुर कैडर) को अगला मुख्य सचिव बनने का आग्रह किया था हालांकि गृह मंत्रालय ने यह जिम्मेदारी रेनू शर्मा को सौंपी.’

उल्लेखनीय है कि रेनू शर्मा एजीएमयूटी कैडर की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जिन्हें केंद्र ने 28 अक्टूबर को नियुक्त किया था और 1 नवंबर को उन्होंने अपना चार्ज ले लिया था.

एनडीटीवी के अनुसार, इसी दिन राज्य सरकार ने रामथांगा को इसी पद पर नियुक्त करते हुए 1 नवंबर से पद संभालने का आदेश दिया था. इस प्रकार इस समय राज्य में दो मुख्य सचिव हैं.

जोरमथांगा ने अपने पत्र में आगे कहा, ‘अधिकतर मिजो लोग हिंदी नहीं समझते हैं, और मेरे मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य को हिंदी नहीं आती है, कुछ को तो अंग्रेजी भाषा के साथ भी मुश्किल पेश आती है. इस पृष्ठभूमि में कोई भी मुख्य सचिव मिजो भाषा की कामचलाऊ जानकारी के बिना कुशल तरीके से काम नहीं कर सकता.’

मुख्यमंत्री ने आगे जोड़ा, ‘यही वजह रही है कि मिजोरम के बनने के बाद से कभी भी भारत सरकार द्वारा ऐसे मुख्य सचिव को नियुक्ति नहीं दी गई, जिन्हें काम चलाने लायक मिजो भाषा नहीं आती हो. केंद्र में चाहे यूपीए सरकार रही हो या एनडीए, यह तरीका राज्य के गठन से ऐसा ही चला आ रहा है. यह एक सर्वविदित बात है कि भारत के अन्य राज्यों में, किसी ऐसे मुख्य सचिव, जो संबंधित राज्य की कामकाजी भाषा भी नहीं जानते हैं, को कभी पोस्टिंग नहीं दी जाती है.’

जोरमथांगा ने आगे कहा कि उनकी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) एनडीए की सहयोगी रही है और अगर इस मांग को नहीं माना गया तो यह बात सिर्फ ‘मजाक’ बनकर रह जाएगी.

उन्होंने लिखा, ‘पूर्वोत्तर राज्यों में मैं अकेला हूं, जो शुरू से अब तक एनडीए का एक वफादार सहयोगी रहा है, इसलिए मेरा मानना है कि एनडीए के साथ इस वफादार दोस्ती के लिए मैं एक विशेष तवज्जो का पात्र हूं. इन सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगर मुख्य सचिव का प्रस्ताव, जो मेरे पूर्ववर्ती कांग्रेस के मुख्यमंत्री को भी दिया गया था, को मुझे देने से इनकार कर दिया जाता है, तो कांग्रेस और अन्य सभी विपक्षी दल एनडीए से सहयोग को ईमानदारी से निभाने के लिए मेरा मजाक उड़ाएंगे. इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप आदेश में संशोधन करें.’

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