मध्य प्रदेश: अंबाला जेल की मिट्टी से नाथूराम गोडसे की प्रतिमा बनाएगी हिंदू महासभा

अंबाला की सेंट्रल जेल में 15 नवंबर 1949 को महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी दी गई थी. हिंदू महासभा ने कहा कि इस जेल की मिट्टी से बनी प्रतिमा को उनके ग्वालियर कार्यालय में स्थापित किया जाएगा और वे देशभर में गोडसे के 'बलिदान धाम' बनाएंगे. 

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नाथूराम गोडसे. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

अंबाला की सेंट्रल जेल में 15 नवंबर 1949 को महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी दी गई थी. हिंदू महासभा ने कहा कि इस जेल की मिट्टी से बनी प्रतिमा को उनके ग्वालियर कार्यालय में स्थापित किया जाएगा और वे देशभर में गोडसे के ‘बलिदान धाम’ बनाएंगे.

नाथूराम गोडसे. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

ग्वालियर: हिंदू महासभा ने सोमवार को कहा है कि वह हरियाणा की अंबाला सेंट्रल जेल से लाई गई मिट्टी से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा बनाएगी.

दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ता पिछले हफ्ते अंबाला की जेल से मिट्टी लाए थे, जहां गोडसे और नारायण राव आप्टे को महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में 15 नवंबर 1949 को फांसी दी गई थी.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने पत्रकारों से कहा कि इस मिट्टी से गोडसे और आप्टे की प्रतिमा बनाकर उन्हें ग्वालियर में महासभा के कार्यालय में स्थापित किया जाएगा.

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि महासभा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मेरठ (उत्तर प्रदेश) के ‘बलिदान धाम’ में गोडसे और आप्टे की प्रतिमाएं स्थापित कीं. उन्होंने कहा, ‘हम हर राज्य में इस तरह के बलिदान धाम का निर्माण करेंगे.’

उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिला प्रशासन ने यहां महासभा के कार्यालय में स्थापित गोडसे की प्रतिमा को 2017 में जब्त कर लिया था जिसे अब तक नहीं लौटाया गया.

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि 1947 में देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर लोगों की हत्या हुई.

इस बीच, ग्वालियर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सोमवार को यहां हिंदू महासभा का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ. अब तक यहां कोई प्रतिमा नहीं लगाई गई है तथा संगठन की गतिविधियों पर पुलिस नजर रखे हुए है.

उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में ‘युवाओं को गोडसे के बारे में बताने के लिए’ हिंदू महासभा ने गोडसे लाइब्रेरी शुरू की थी. हालांकि जिला प्रशासन के दखल के बाद इसे दो दिन के भीतर ही बंद कर दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)