चित्रकथा: ऐतिहासिक किसान आंदोलन की चुनिंदा तस्वीरें, जिन्होंने सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया

मोदी सरकार इतनी आसानी से किसानों के आगे नहीं झुकी है. किसानों द्वारा एक साल से देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किए गए लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद आख़िरकार सरकार को इन्हें वापस लेने का निर्णय लेना ही पड़ा.

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मोदी सरकार इतनी आसानी से किसानों के आगे नहीं झुकी है. किसानों द्वारा एक साल से देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किए गए लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद आख़िरकार सरकार को इन्हें वापस लेने का निर्णय लेना ही पड़ा.

पंजाब के बरनाला में विरोध प्रदर्शन के दौरान इकट्ठा हुए किसान. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: किसानों द्वारा पिछले एक साल से निरंतर विरोध प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विवादस्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की.

मोदी सरकार इतनी आसानी से किसानों के आगे नहीं झुकी है. किसानों द्वारा साल भर तक देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार को ये निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

खास बात ये है कि इसी सरकार ने इन आंदोलनों को दबाने के लिए हरसंभव कोशिश किया. किसानों पर बर्बर हमले किए गए, उन्हें लाठियों से बेरहमी से पीटा गया, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग तक को खोद दिया गया था, रास्ते में बड़े-बड़े कंटेनर और विशाल फौज तैनात की गई थी. लेकिन किसानों के जज्बे और हौसले के सामने सरकार की इनमें से कोई भी तरकीब काम न आई.

इन प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों किसान शहीद हो गए, लेकिन इसके बावजूद लोग ठंडी, बारिश और गर्मी को बर्दाश्त करते हुए सड़कों पर संघर्ष करते रहे. नतीजन आज सरकार को अपने कदम पीछे खींचना पड़ा है.

इस ऐतिहासिक कृषि संघर्ष की कहानी बयां करतीं कुछ तस्वीरें.

दिल्ली के बाहरी इलाकों में चक्का जाम में शामिल होते किसान. (फोटो: रॉयटर्स)
दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर एक किसान और पीछे खड़े पुलिसकर्मी. (फोटो: रॉयटर्स)

 

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करते किसान. (फोटो: रॉयटर्स)

 

अमृतसर के बाहरी इलाके में देवी दासपुरा गांव में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करते किसान. (फोटो: रॉयटर्स)

 

दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद में भाग लेतीं महिला किसान. (फोटो: पीटीआई)

 

गाजीपुर बॉर्डर किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थल के समीप लगाए गए बैरीकेड्स और कंटीले तार. (फोटो: पीटीआई)

 

किसानों की ट्रैक्टर रैली रोकने के लिए टिकरी बॉर्डर पर लगाए गए नुकीले कील. (फोटो: पीटीआई)

 

किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के पास खुदाई करवाती सरकार. (फोटो: रॉयटर्स)

 

कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद टिकरी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए किसान. (फोटो: याकूत अली/द वायर)

 

कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर खुशियां मनाते किसान. (फोटो: सुमेधा पाल)
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