यूपी: सीएए-एनआरसी पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के चार आरोपियों पर चलेगा मुक़दमा

उत्तर प्रदेश सरकार ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मेरठ पुलिस को मंज़ूरी दी है. यह मामला 26 जनवरी 2020 का है, जब पुलिस ने मेरठ स्थित लालकुर्ती के विभिन्न इलाकों में आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सीएए और एनआरसी के पोस्टर को लेकर चेतावनी जारी की थी. इन चारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन ज़मानत मिलने के बाद वे छूट गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश सरकार ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मेरठ पुलिस को मंज़ूरी दी है. यह मामला 26 जनवरी 2020 का है, जब पुलिस ने मेरठ स्थित लालकुर्ती के विभिन्न इलाकों में आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सीएए और एनआरसी के पोस्टर को लेकर चेतावनी जारी की थी. इन चारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन ज़मानत मिलने के बाद वे छूट गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की पुलिस को मंजूरी दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समुदायों के बीच धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास, भाषा के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति सरकार की ओर से दी गई है.

इन चारों पर सीएए और प्रस्तावित देशव्यापी एनआरसी पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाकर दो समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश करने के आरोप में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था.

एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मंजूरी मिलने के बाद पुलिस ने पिछले हफ्ते आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.

पुलिस ने आईपीसी की धारा 295ए (सोची-समझी योजना के तहत धार्मिक भावनाएं आहत करना) और 505 (2) (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने की मंशा से झूठे बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया.

इन चारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अदालत से जमानत मिलने के बाद वे जेल से छूट गए थे.

मेरठ में लालकुर्ती थाने के एसएचओ अतर सिंह ने कहा, ‘राज्य सरकार ने आईपीसी की धारा 153ए के तहत सभी चारों लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. मंजूरी पत्र मिलने के बाद हमने पिछले हफ्ते सभी चारों लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत चार्जशीट दायर किया है.’

यह मामला 26 जनवरी 2020 का है, जब पुलिस ने लालकुर्ती के विभिन्न इलाकों में आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सीएए और एनआरसी के पोस्टर को लेकर चेतावनी जारी की थी.

शुरुआती जांच के दौरान पुलिस ने इन लोगों की पहचान की और इसके एक दिन बाद मेरठ के ओम वीर (35 वर्ष), कानपुर नगर के ओमकार नाथ कुशवाहा (57 वर्ष), इटावा के राहुल (21 वर्ष) और मैनपुरी के जगसीर (21 वर्ष) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

पुलिस ने कहा कि जांच से पता चला है कि आरोपी एक समूह से जुड़े हुए थे, जो 2019 से सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

एक अधिकारी ने कहा, ‘ओमवीर उस समूह की अगुवाई कर रहा था और तीन अन्य आरोपी इसके सदस्य थे. वे मेरठ आए और आपत्तिजनक शब्दों के साथ पोस्टर्स चिपकाने में शामिल थे.’

पुलिस ने कहा कि उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट के जरिए राज्य सरकार को पत्र भेजा, जिसमें चारों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. इस आग्रह को जुलाई 2020 में भेजा गया था.

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