एमपी: उच्च जाति की महिलाओं पर मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री की चेतावनी, भाजपा ने खेद जताया

पिछले साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले आदिवासी नेता और मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने बीते दिनों कथित तौर पर समाज में काम करने के लिए उच्च जातियों की महिलाओं को पकड़कर घर से बाहर निकालने के लिए कहा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी भावनाओं की अभिव्यक्ति, जो लोगों को ग़लत संदेश देती है, जो भी व्यक्ति हो उसे माफ़ नहीं किया जाएगा.

पिछले साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले आदिवासी नेता और मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने बीते दिनों कथित तौर पर समाज में काम करने के लिए उच्च जातियों की महिलाओं को पकड़कर घर से बाहर निकालने के लिए कहा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी भावनाओं की अभिव्यक्ति, जो लोगों को ग़लत संदेश देती है, जो भी व्यक्ति हो उसे माफ़ नहीं किया जाएगा.

बिसाहू लाल सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि ‘उच्च जाति की महिलाओं’ के बारे में विवादास्पद बयान देने के लिए उन्होंने अपने सहयोगी मंत्री को किसी भी स्थिति में ऐसे बयान नहीं देने की चेतावनी दी है.

आदिवासी नेता और मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने बुधवार (24 नवंबर) को अनूपपुर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उच्च जाति की महिलाओं को कथित तौर पर पकड़ कर घर से बाहर निकालने का बयान देकर एक विवाद को जन्म दे दिया था.

मंत्री ने कहा था, ‘बड़े लोग (उच्च जाति) ठाकुर और कुछ अन्य बड़े लोग अपनी महिलाओं को घरों में रखते हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने देते, जबकि हमारे गांवों में (समाज के निचले तबके की) महिलाएं खेत और घर का काम करती हैं. आप आगे आएं और जितने बड़े-बड़े ठाकुर-आकुर हैं न, उनके घर में जाकर महिलाओं को पकड़ कर बाहर निकालें. उनके साथ समाज का काम करें.’

बीते रविवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने अभी-अभी बिसाहूलाल सिंह जी को फोन किया था. उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने बयान के लिए माफी मांगी है. भावना जो भी हो, संदेश गलत नहीं जाना चाहिए. हर शब्द को सावधानी से बोलना चाहिए. मैंने चेतावनी दी है कि इस तरह के बयान किसी भी स्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए.’

चौहान ने आगे कहा कि ऐसी भावनाओं की अभिव्यक्ति, जो लोगों को गलत संदेश देती है, जो भी व्यक्ति हो उसे माफ नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा, उनकी सरकार और मेरे लिए मां, बहन और बेटी का सम्मान सर्वोपरि है.’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी आदिवासी नेता के बयान पर खेद जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. यदि उनके (सिंह) बयान से समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैं पार्टी की ओर से माफी मांगता हूं.’

अपने बयान के लिए पहले ही माफी मांग चुके मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने रविवार को एक बार फिर खेद जताया और माफी मांगते हुए अपना वीडियो बयान जारी किया है.

शनिवार (27 नवंबर) को मंत्री ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा था कि अपने भाषण में स्थानीय भाषा और हिंदी के मिश्रित उपयोग के कारण उनके बयान से कुछ गलतफहमी हुई है.

अपनी टिप्पणी पर रुख साफ करते हुए मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा था कि महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन में राजपूतों या समाज के किसी अन्य वर्ग को चोट पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं था.

उन्होंने दावा किया कि उनके कुछ वाक्यों का गलत अर्थ निकाला गया.

सिंह ने कहा था, ‘जिनके पास मेरे भाषण की रिकॉर्डिंग है. वे यदि मेरे भाषण को ध्यान से सुनेंगे तो मुझसे सहमत होंगे.’

उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में आमतौर पर वह लोगों से हिंदी और स्थानीय बोली सहित मिश्रित भाषा में बात करते हैं. इस संबोधन में भी उन्होंने इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था.

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की अप्रिय स्थिति शुद्ध हिंदी नहीं बल्कि मिश्रित भाषा के कारण पैदा हुई होगी. सभी जानते हैं कि मैं आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करता हूं और मैं इस वर्ग की महिलाओं से उनके उत्थान के बारे में बात कर रहा था.’

मंत्री ने कहा कि अगर उच्च वर्ग की कुशल और शिक्षित महिलाएं काम के लिए आगे नहीं आती हैं तो पिछड़े समाज की महिलाएं किसका अनुसरण करेंगी और प्रेरणा लेंगी.

उन्होंने कहा, ‘मेरा कोई और इरादा नहीं था. यदि मेरे बयान से राजपूतों या किसी अन्य वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.’

मंत्री की टिप्पणी पर श्री राजपूत करणी सेना ने नाराजगी व्यक्त की थी. सेना कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार (26 नवंबर) को मंत्री के सरकारी आवास के बाहर उनका पुतला जलाया और भाजपा कार्यालय के बाहर शनिवार को उनकी कार का घेराव कर उन्हें काले झंडे दिखाए थे.

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के भोपाल जिला अध्यक्ष कृष्णा बुंदेला ने शुक्रवार को कहा था कि मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी से राजपूत समाज आहत है.

उन्होंने कहा था, ‘मध्य प्रदेश के हमारे संगठन सचिव शैलेंद्र सिंह झाला ने हमें निर्देश दिया है कि जब भी हम सिंह को देंखे तो उनका चेहरा काला कर दें.’

उन्होंने कहा कि करणी सेना के लगभग 300 कार्यकर्ता सिंह के आवास पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मंत्री के घर से कुछ दूरी पर रोक दिया.

क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह ने भी बिसाहू लाल सिंह के बयान की निंदा की.

बिसाहू लाल सिंह पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं और संयोग से कांग्रेस में वह जयवर्धन सिंह के पिता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के वफादार माने जाते थे.

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