भारत पहुंचा कोविड-19 का ओमीक्रॉन स्वरूप, कर्नाटक में मिले दो मामले

संभावित रूप से अधिक संक्रामक कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को पहली बार बीते 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दी गई थी. डब्ल्यूएचओ ने इस स्वरूप को ‘चिंताजनक प्रकार’ के रूप में नामित किया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था, जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई थी.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

संभावित रूप से अधिक संक्रामक कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को पहली बार बीते 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दी गई थी. डब्ल्यूएचओ ने इस स्वरूप को ‘चिंताजनक प्रकार’ के रूप में नामित किया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था, जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन के दो मामले कर्नाटक में सामने आए हैं. साथ ही लोगों से दशहत में नहीं आने और कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का अनुपालन करने तथा बगैर देर किए टीकाकरण कराने की अपील की.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, दोनों संक्रमित व्यक्ति ‘गंभीर लक्षण’ प्रदर्शित नहीं कर रहे हैं. उनमें ओमीक्रॉन संस्करण की पुष्टि जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) द्वारा की गई.

सरकार ने गोपनीयता का हवाला देते हुए दोनों अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के टीकाकरण की स्थिति का विवरण नहीं दिया.

एक अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों मरीजों की उम्र 66 वर्ष और 46 वर्ष है, जिनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि उनमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है.

अधिकारी ने कहा कि भारतीय सार्स-कोवी-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (इन्साकॉग) के नेटवर्क के जरिये ओमीक्रॉन के दो मामलों का पता लगाया गया है. साथ ही इन दोनों के संपर्क में आए सभी लोगों का समय पर पता लगा लिया गया और उनकी जांच की जा रही.

उन्होंने कहा, ‘हमें ओमीक्रॉन के मामले सामने आने पर दहशत में आने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है. कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन करें और भीड़ में जाने से बचें. कोविड-19 टीके लगाने की गति बढ़ाना समय की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा, ‘टीके की पूरी खुराक लेने में देर नहीं करें.’

सरकार ने कहा कि अब तक विश्व के 29 देशों में सार्स-कोवी-2 के ओमीक्रॉन स्वरूप के 373 मामले सामने आए हैं और भारत स्थिति पर नजर रखे हुए है.

अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए कहा, ‘यह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या ओमीक्रॉन कहीं अधिक गंभीर संक्रमण पैदा करता है या यह डेल्टा सहित अन्य स्वरूपों की तुलना में कम घातक है.’

संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि भारत सहित दक्षिणपूर्व एशिया क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में विश्व के कोविड-19 मामलों के सिर्फ 3.1 प्रतिशत मामले सामने आए हैं.

अधिकारी ने टीका कवरेज के बारे में बताया कि देश की वयस्क आबादी के 84.3 प्रतशित हिस्से को प्रथम खुराक और 49 प्रतिशत को दूसरी खुराक लग चुकी है.

उन्होंने बताया कि केरल और महाराष्ट्र में कोविड के 10,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं, जबकि नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से 10,000 के बीच उपचाराधीन मरीज हैं. संक्रमण पुष्टि की साप्ताहिक दर 15 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 18 जिलों में पांच से 10 प्रतिशत के बीच है.

संभावित रूप से अधिक संक्रामक कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को पहली बार बीते 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दी गई थी. इससे संक्रमण के मामले बोत्स्वाना, बेल्जियम, हांगकांग और इजरायल में भी मिले हैं.

डब्ल्यूएचओ ने इस स्वरूप को ‘चिंताजनक प्रकार’ (Variant of Concern) के रूप में नामित किया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था, जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन के जरिये गंभीर परिणाम के साथ कोविड-19 के बढ़ने की संभावना के बारे में चेतावनी दी है. वायरस के नए ओमीक्रॉन स्वरूप के उत्परिवर्तन से पता चलता है कि यह अधिक तेजी से फैल सकता है और टीकाकरण या पहले से संक्रमण द्वारा प्रदान की गई प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम हो सकता है.

इस बीच बीते बुधवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ‘ओमीक्रॉन’ के सामने आने के मद्देनजर 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल नहीं करने का फैसला किया था.

डीजीसीए ने बुधवार को बताया कि भारत से वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल करने की तारीख की घोषणा नियत समय पर की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले साल 20 मार्च से ही सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानें स्थगित हैं.

डीजीसीए का यह फैसला 27 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अधिकारियों को दिए निर्देश के बाद आया है. मोदी ने ओमीक्रॉन को लेकर बढ़ी चिंता के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में राहत देने की योजना की समीक्षा करने को कहा था.

गौरतलब है कि मौजूदा समय में विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत सीमित संख्या में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन किया जा रहा है. गत महीने की 24 तारीख तक भारत ने 31 देशों से उड़ानों के लिए औपचारिक द्विपक्षीय समझौता किया था.

दिल्ली हवाई अड्डे पर चार और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच में संक्रमण की पुष्टि

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘जोखिम वाले’ देशों से पहुंचे चार और यात्रियों की जांच में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एक अधिकारी ने बताया कि बीती रात लगभग 12 बजे एयर फ्रांस की उड़ान से आए 243 लोगों में से तीन की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है.

अधिकारी ने बताया कि लंदन से आई एक उड़ान में 195 अन्य यात्रियों के साथ आए एक व्यक्ति की जांच में भी संक्रमण पाया गया है.

इन यात्रियों के नमूनों को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के पास यह पता करने के लिए भेजा गया है कि क्या यह संक्रमण कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ का है या नहीं.

मंगलवार की रात से देश में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कड़े नियम लागू होने के बाद से ‘जोखिम वाले’ देशों से अब तक कुल आठ लोगों की जांच में संक्रमण पाया गया है.

संक्रमित आठ यात्रियों और ‘कोविड जैसे लक्षणों वाले’ दो अन्य यात्रियों को राजधानी दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां ऐसे मरीजों के उपचार के वास्ते एक अलग वार्ड बनाया गया है.

केंद्र के अनुसार, जोखिम वाले देशों में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बॉब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल आदि हैं.

ओमीक्रॉन के मद्देनजर हवाईअड्डों पर 11 देशों से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू: सिंधिया

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के खतरे की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और इजरायल समेत 11 देशों से आने वाले लोगों की हवाई अड्डों पर जांच शुरू की गई है.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मनीष तिवारी, चिंता अनुराधा और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘ओमीक्रॉन को लेकर पूरा विश्व सचेत हो चुका है. 31 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात समझौता (एयर बबल एग्रीमेंट) हैं, 10 देशों के साथ समझौते का प्रस्ताव है. हमें स्वास्थ्य और परिवाहन सेवा की सुविधा के बीच संतुलनक बनाकर रखना होगा.’

सिंधिया ने बताया कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, इजरायल समेत 11 देशों से आने वाले लोगों की हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा शुरू की गई है.

उन्होंने कहा, ‘11 देशों को जोखिम के पैमाने पर रेखांकित किया गया. इसकी जांच की कल (बुधवार) शुरुआत हो गई. विभिन्न हवाई अड्डों पर कल विदेश से आने वाले लगभग 5,500 लोगों की जांच की गई.’

सिंधिया ने कहा, ‘कोविड के माहौल में मार्च, 2020 में विश्व भर में आमागन की सुविधाएं बंद की गई थीं. सात मई को वंदे भारत की सुविधा शुरू की गई. अब तक 1.83 करोड़ लोग इस सुविधा के जरिये वापस आए और यहां से अपने घर वापस जा सके.’’

मांडविया ने विमानतल और पत्तन स्वास्थ्य अधिकारियों संग बैठक की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ पर बढ़ती चिंता के बीच प्रवेश के सभी बिंदुओं पर जांच और निगरानी के विषय पर बृहस्पतिवार को विमानतल और पत्तन स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

स्वास्थ्य मंत्रालय, विभिन्न हवाई अड्डों से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सुझाव देता रहा है.

मंत्रालय ने कहा है कि ‘खतरे वाले’ देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के पहले दिन तथा विशेष वर्ग के यात्रियों की आठवें दिन कोरोना वायरस संक्रमण जांच की जाए. ‘खतरे वाले’ देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को हवाई अड्डे पर तब तक इंतजार करने को कहा गया है जब तक आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो जाती.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि संक्रमित पाए जाने वाले सभी नमूनों को तत्काल ‘आईएनएसए सीओजी’ प्रयोगशालाओं में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाया जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)