सिर्फ पंजाब और अरुणाचल ने दिए कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़े: केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में बताया कि केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड रोगियों की मृत्यु के आंकड़े मांगे थे, जहां केवल पंजाब तथा अरुणाचल प्रदेश ने केंद्र को जवाब भेजा है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में बताया कि केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड रोगियों की मृत्यु के आंकड़े मांगे थे, जहां केवल पंजाब तथा अरुणाचल प्रदेश ने केंद्र को जवाब भेजा है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया कि उसने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोविड रोगियों की मृत्यु के आंकड़े मांगे थे और केवल पंजाब तथा अरुणाचल प्रदेश ने केंद्र को जवाब दिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पंजाब ने ईमेल भेजकर बताया कि अमृतसर जिले के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मृत्यु के चार मामले आने का संदेह है.

मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार ने दूसरी लहर के दौरान देश के अनेक अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मृत्यु के संबंध में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से आंकड़े या रिपोर्ट मांगी है.

मांडविया ने उत्तर में कहा, ‘इस विषय पर आंकड़े भेजने के लिए सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से ईमेल भेजकर अनुरोध किया गया था और इस बाबत पिछला ईमेल 29 नवंबर को भेजा गया था. जवाब में केवल दो राज्यों (पंजाब और अरुणाचल प्रदेश) ने प्रतिक्रिया दी है.’

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मृत्यु की जानकारी देने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे.

मालूम हो कि बीते अगस्त महीने में पहली बार केंद्र सरकार ने स्वीकार किया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत हुई थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 के इलाज के दौरान वेंटिलेटर पर रहे ‘कुछ’ मरीजों की मौत अपर्याप्त ऑक्सीजन की वजह से हुई थी. केंद्र सरकार ने कहा था कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीजों की मौत की सूचना नहीं दी है.

इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है.

ऑक्सीजन की कमी पर राजनीति बंद करे विपक्ष, केंद्र के ईमानदार प्रयासों को देखें: मांडविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को विपक्षी दलों से कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी को लेकर ‘राजनीति’ नहीं करने को कहा और इसके उत्पादन के लिए केंद्र की ओर से किए गए प्रयासों को गिनाया.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए और महामारी की दूसरी लहर के दौरान मांग तेजी से बढ़ने पर उत्पादन बढ़ाया.

कांग्रेस सांसद सुरेश धनोरकर ने जब इस विषय को सदन में उठाया तो जवाब में मांडविया ने कहा, ‘दुख की बात है कि ऐसे हालात में भी कई लोग राजनीति करना नहीं छोड़ रहे. मैं अपील करता हूं कि हमारे ईमानदार प्रयासों को देखें. यह राजनीति का विषय नहीं है.’

मांडविया ने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत के विपक्ष के दावों पर उसे आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केंद्र ने इस बाबत राज्यों से आंकड़े मांगे थे और केवल पंजाब सरकार ने जवाब दिया कि इस तरह की मृत्यु के केवल चार संदिग्ध मामले आए और इस मामले में जांच जारी है.

मंत्री ने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़ों को छिपाने की जरूरत नहीं है. ये सामने आने चाहिए.’

मांडविया के मुताबिक, केंद्र ने तीन बार राज्यों को पत्र लिखकर उनसे ऑक्सीजन की कमी की वजह से मारे गए लोगों की संख्या बताने को कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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