नगालैंड फायरिंग: पुलिस रिपोर्ट में सुरक्षाबलों द्वारा घटना को छिपाने के प्रयास का संकेत मिला

सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग की घटना नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर 4 दिसंबर की शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. घटना की शुरुआती पुलिस रिपोर्ट में संकेत है कि सुरक्षाबलों द्वारा इस कार्रवाई को संभावित रूप से छिपाने की कोशिश की गई थी.

//
नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में चार दिसंबर 2021 को उग्रवाद विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों के मारे जाने के बाद नाराज़ ग्रामीणों ने सैन्यकर्मियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. (फाइल फोटो: पीटीआई)

सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग की घटना नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर 4 दिसंबर की शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. घटना की शुरुआती पुलिस रिपोर्ट में संकेत है कि सुरक्षाबलों द्वारा इस कार्रवाई को संभावित रूप से छिपाने की कोशिश की गई थी.

नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में बीते चार दिसंबर को उग्रवाद विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों के मारे जाने के बाद नाराज़ ग्रामीणों ने सैन्यकर्मियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः नगालैंड पुलिस ने सुरक्षाबलों की गोलीबारी में नागरिकों की मौत मामले की शुरुआती रिपोर्ट में संकेत दिया है कि सुरक्षाबलों ने इस कार्रवाई को संभावित रूप से छिपाने का प्रयास किया.

द वायर  के पास पुलिस की यह रिपोर्ट है, जो दरअसल भाजपा के मोन जिले के अध्यक्ष न्यावांग कोन्याक के प्रेस को दिए बयान के बाद सामने आई है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष बलों के जवानों को चार दिसंबर को ओटिंग गोलीबारी घटनास्थल पर निहत्थे पीड़ित नागरिकों के कपड़े हटाते देखा जा सकता है. इस दौरान सुरक्षाबल नागरिकों को खाकी कपड़े पहनाने की कोशिश करते देखे जा सकते हैं.

नगालैंड आयुक्त रोविलातुओ मोर और राज्य के पुलिस महानिदेशक टी. जॉन लॉन्ग कुमार की पांच दिसंबर को प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय निवासियों से बात करने के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया, ‘गोली की आवाज सुनने पर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे. घटनास्थल पहुंचने पर उन्हें पिकअप ट्रक मिला और विशेष सुरक्षाबलों ने छह ग्रामीणों के शवों को अन्य पिकअप ट्रक में छिपाने का प्रयास किया. इन शवों को आधार शिविरों में ले जाने की मंशा से ऐसा किया गया.’

इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह मौतें चार दिसंबर को तड़के लगभग 4.10 मिनट पर उस समय हुई, जब आठ ग्रामीण तिरु गांव की एक कोयला खदान में काम करने के बाद एक पिकअप ट्रक से घर लौट रहे थे. सुरक्षाबलों ने उनकी पहचान जानने का प्रयास किए बिना घात लगाकर उन्हें मार डाला. इनमें से छह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि जो ग्रामीण गोलियों की आवाज सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे थे, उन्हें एक तिरपाल के नीचे टाटा मोबाइल में शव मिले.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘सुरक्षाबलों द्वारा इन हत्याओं को छिपाने के संभावित प्रयास को देखते हुए ग्रामीणों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसा शुरू हुई, नतीजतन गुस्साए ग्रामीणों ने विशेष सुरक्षाबलों के तीन वाहनों में आग लगा दी.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस दौरान सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिसमें सात से अधिक ग्रामीणों की मौत हुई.’

प्रत्यक्षदर्शियों ने पुष्टि की है कि जैसे ही विशेष सुरक्षाबल घटनास्थल से असम की ओर भागे, उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की. यहां तक कि रास्ते में आने वाले कोयला खदानों पर भी गोलीबारी की.

राज्य के दो वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, ‘अपराधस्थल पर कुल पांच वाहन थे जिनके जरिये नागरिकों पर घात लगाया गया. इनमें एक जली हुई स्कॉर्पियो, एक जली हुई बोलेरो, एक जली हुई टाटा विंगर और एक टाटा मोबाइल (जली हुई नहीं बल्कि क्षतिग्रस्त) थीं.’

रिपोर्ट में कहा गया, उस दिन कुल 13 नागरिकों की मौत हुई, 14 नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए और आठ को हल्की चोटें आईं. इनमें से दो गंभीर रूप से घायलों को सुरक्षाबल ही असम की तरफ लेकर गए और अब डिब्रूगढ़ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं.

राज्य सरकार की शुरुआती रिपोर्ट का विवरण छह दिसंबर की सुबह हॉनबिल टीवी पर स्थानीय भाजपा नेता द्वारा दिए गए बयान से मेल खाता है.

कोन्याक ने स्थानीय मीडिया को बताया था कि जब वे एक कोयला खदान से जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे तो सुरक्षाबलों ने उनकी कार पर गोलीबारी की.

इस दौरान उनके साथ गए सभी तीनों लोग घायल हो गए, एक की मौत हो गई. उन्होंने भी अन्य ग्रामीणों को गोलियों की चपेट में आते देखा.

वह कुछ अन्य लोगों के साथ घटनास्थल से बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे. पांच दिसंबर को कोन्याक ने स्क्रॉल को बताया था कि उनके वाहन पर सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की थी.

छह दिसंबर को जांच को आगे बढ़ाते हुए राज्य पुलिस ने इन मौतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए 21 पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ तिजित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की.

एफआईआर इस आधार पर दर्ज की गई कि सुरक्षाबलों ने नियमों का उल्लंघन किया.

एफआईआर में कहा गया, ‘यह ध्यान देने योग्य है कि घटना के समय वहां कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुरक्षाबलों ने उनके अभियान के लिए पुलिस गाइड मुहैया कराने के लिए पुलिस स्टेशन से अनुरोध किया था. इससे स्पष्ट है कि सुरक्षाबलों की मंशा नागरिकों को घायल करने और उन्हें मारने की थी.’

राज्य सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि कोन्याक संघ के इस घटना में मारे गए सभी लोगों के लिए सामूहिक अंतिम संस्कार कराने को लेकर भ्रम था. कोन्याक संघ ने इस अंतिम संस्कार को छह दिसंबर को स्थगित कर दिया था, जिससे गुस्साई भीड़ ने मोन शहर में उनके कार्यालय में तोड़फोड़ की और फिर असम राइफल्स कैंप पर हमला करने के लिए उस तरफ बढ़े.

रिपोर्ट में कहा गया कि लगभग 600 से 700 लोगों की गुस्साई भीड़ के पास डंडे, लाठियां, ज्वलनशील पदार्थ, पाइप और तलावरें आदि थे. भीड़ ने असम राइफल कैंप की तीन इमारतों में आग लगा दी. हालांकि, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘असम राइफल द्वारा लगातार की गई दूसरे दौर की गोलीबारी में भीड़ सुरक्षा के लिए यहां-वहां भाग रही थी. गोलीबारी बंद होने के बाद ची गांव के लिओंग नाम के एक प्रदर्शनकारी की घटनास्थल पर मौत की पुष्टि की गई जबकि 11वीं आईआरबी अबोई के सुरक्षाकर्मी सहित छह लोगों के गोली से घायल होने की पुष्टि की गई, जिन्हें जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया.’

पांच दिसंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में मृतकों की कुल संख्या 14 थी जो बढ़कर 15 हो गई.

मालूम हो कि नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच यह घटना हुई. गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब चार दिसंबर की शाम कुछ कोयला खदान के मजदूर एक पिकअप वैन में सवार होकर घर लौट रहे थे.

इस घटना के बाद से पूर्वोत्तर से सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 यानी आफस्पा को वापस लेने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq