उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित शहर है ग़ाज़ियाबाद: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट

उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर भारत में ग़ाज़ियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी ख़राब स्थिति में है. अधिकांश छोटे शहरों में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर काफी कम है, लेकिन शुरुआती सर्दियों के दौरान जब पूरा क्षेत्र स्मॉग की चपेट में आ जाता है, तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर होती है.

गाजियाबाद में स्मॉग के बीच से गुजरती ट्रेन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर भारत में ग़ाज़ियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी ख़राब स्थिति में है. अधिकांश छोटे शहरों में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर काफी कम है, लेकिन शुरुआती सर्दियों के दौरान जब पूरा क्षेत्र स्मॉग की चपेट में आ जाता है, तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर होती है.

गाजियाबाद में स्मॉग के बीच से गुजरती ट्रेन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर भारत में गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी खराब स्थिति में है. उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.

एक जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2021 तक इन सीएएक्यूएमएस से प्राप्त पीएम 2.5 के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कहा कि शुरुआती सर्दियों में धुंध के चलते स्वच्छ छोटे शहरों में पीएम 2.5 का स्तर दिल्ली में दर्ज मात्रा (Concentration) से अधिक हो सकता है.

इसके मुताबिक, प्रदूषित के उच्च स्तर वाले सप्ताह के दौरान गाजियाबाद में औसत पीएम 2.5 स्तर 360 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जबकि वार्षिक औसत स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो कि उत्तर भारत में सबसे अधिक था.

वहीं, दिल्ली का वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और साप्ताहिक स्तर 270 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. इसी तरह मुरादाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव का वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर क्रमशः 96, 92, 89 और 88 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चंडीगढ़ में सबसे कम वार्षिक औसत स्तर 37 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, इसके बाद बठिंडा में 39 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.

ग्रीन थिंक टैंक ने कहा कि अधिकांश छोटे शहरों में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर काफी कम है, लेकिन शुरुआती सर्दियों के दौरान जब पूरा क्षेत्र स्मॉग की चपेट में आ जाता है, तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर होती है.

उदाहरण के लिए वृंदावन, आगरा और फिरोजाबाद जैसे छोटे शहरों में दिल्ली की तुलना में म वार्षिक औसत पीएम 2.5 है, लेकिन इस साल की शुरुआत में उनका साप्ताहिक औसत पीएम 2.5 का स्तर राष्ट्रीय राजधानी के स्तर से अधिक था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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