78 फीसदी पेयजल इकाइयां केंद्रीय भूजल बोर्ड की एनओसी के बिना चल रही हैं: कैग

कैग ने कहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लाइसेंस प्राप्त 3,189 पैकेज्ड पेयजल इकाइयों में से 2,475 इकाइयां केंद्रीय भूजल बोर्ड की एनओसी के बिना काम कर रही हैं. भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है.

(फोटोः पिक्साबे)

कैग ने कहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लाइसेंस प्राप्त 3,189 पैकेज्ड पेयजल इकाइयों में से 2,475 इकाइयां केंद्रीय भूजल बोर्ड की एनओसी के बिना काम कर रही हैं. भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है.

(फोटोः पिक्साबे)

नई दिल्ली: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा लाइसेंस प्राप्त 3,189 पैकेज्ड पेयजल इकाइयों में से 2,475 इकाइयां केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूए) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना काम कर रही हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते मंगलवार को संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2013 से बीआईएस ने 15 राज्यों में 3,189 पैकेज्ड पेयजल इकाइयों को लाइसेंस दिया था, जिसमें से सिर्फ 642 इकाइयों ने केंद्रीय भूजल बोर्ड से एनओसी प्राप्त किया है.

इस तरह 78 फीसदी इकाइयां बिना एनओसी के ही भूजल निकाल रही हैं.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘बीआईएस द्वारा दिए गए लाइसेंस और सीजीडब्ल्यूए से एनओसी प्राप्त करने के बीच अनिवार्य लिंकिंग के अभाव में, एनओसी प्राप्त नहीं करने के मामले आते रह सकते हैं.’

कैग ने किया, ‘विभाग ने (अक्टूबर 2019 में) स्वीकार किया है कि पैकेज्ड पेयजल इकाइयों द्वारा प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्रों की संख्या और बीआईएस द्वारा प्रदान किए गए लाइसेंसों में अंतर था. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने आगे कहा (सितंबर 2020) कि सीजीडब्ल्यूए ने एफएसएसएआई के साथ बैठकें की थीं, जिसमें यह सहमति हुई थी कि एफएसएसएआई उन उद्योगों को लाइसेंस जारी नहीं करेगा जिनके पास भूजल निकासी के लिए एनओसी नहीं है.’

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पैकेज्ड पेयजल इकाइयों को लाइसेंस देने से पहले सीजीडब्ल्यूए से एनओसी प्राप्त करने की शर्त लगाने के लिए बीआईएस के नियमों और विनियमों में कोई प्रावधान नहीं है.

कैग ने यह भी पाया कि 18 राज्यों में 328 मामलों में से केवल 75 परियोजनाएं ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या समितियों की एनओसी पर काम कर रही थीं. इस प्रकार, 253 परियोजनाएं (77 प्रतिशत) अनापत्ति प्रमाण-पत्र के बिना चल रही थीं.

रिपोर्ट में देश में भूजल स्तर की निगरानी के लिए सुविधाओं की कमी पर भी बात की गई है. यह देखते हुए कि देश में भूजल दोहन का स्तर 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत तक हो गया है, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 100 प्रतिशत से अधिक की निकासी का स्तर है जो दर्शाता है कि इन राज्यों में भूजल की निकासी ने भूजल के पुनर्भरण को पार कर लिया है.

भूजल विकास का स्तर वार्षिक भूजल और प्रतिशत में शुद्ध वार्षिक भूजल उपलब्धता का अनुपात है.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूजल प्रबंधन और नियमन पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पुनर्भरण के संबंध में भूजल के उपयोग का प्रतिशत, जिसे भूजल के दोहन के चरण के रूप में जाना जाता है, देश में 63 प्रतिशत है.

रिपोर्ट में कहा गया, ’13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दोहन का स्तर उसके राष्ट्रीय स्तर से अधिक था. चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान) में दोहन का चरण 100 प्रतिशत से अधिक था, जो दर्शाता है कि इन राज्यों में भूजल के दोहन के स्तर ने भूजल के पुनर्भरण को पार कर लिया है.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्तर पर, 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, 267 जिलों में निकासी का चरण 64 प्रतिशत से 385 प्रतिशत तक था.

इसमें कहा गया, ‘2004 से 2017 की अवधि के दौरान भूजल की निकासी का स्तर 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है.’ इसी अवधि के दौरान सुरक्षित खंडों के प्रतिशत में कमी आई है, जबकि अर्ध-जटिल, गंभीर और अति-शोषित के रूप में वर्गीकृत खंडों का प्रतिशत लगातार बढ़ा है.

इसमें कहा गया कि दिसंबर 2019 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भूजल प्रबंधन के लिए कानून बनाया था.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इनमें से चार राज्यों में, कानून केवल आंशिक रूप से लागू किया गया था, छह अन्य राज्यों में भूजल कानून का अधिनियमन विभिन्न कारणों से लंबित था. शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भूजल के लिए कानून बनाने के लिए कार्रवाई नहीं की थी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq