गुड़गांव: हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों ने क्रिसमस समारोह में ख़लल डाला, धर्मांतरण का आरोप लगाया

यह घटना गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में हुई, जहां कुछ लोग क्रिसमस मना रहे थे. दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी व्यक्तियों ने बच्चों के सामने ही कार्यक्रम में बाधा डाली और लोगों को धमकाया.

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यह घटना गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में हुई, जहां कुछ लोग क्रिसमस मना रहे थे. दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी व्यक्तियों ने बच्चों के सामने ही कार्यक्रम में बाधा डाली और लोगों को धमकाया.

घटना के वीडियो का स्क्रीनशॉट.

नई दिल्ली: दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी व्यक्ति क्रिसमस के मौके पर गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में घुस गए और वहां कार्यक्रम में बाधा पहुंचाई. उन्होंने आरोप लगाया था कि वहां ईसाई समुदाय द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलिस ने कहा है कि यह घटना बीते शुक्रवार शाम पांच बजे एसबीडी पब्लिक स्कूल में हुई.

पटौदी के एसएचओ अमित कुमार ने कहा, ‘हमें वीडियो क्लिप से घटना के बारे में पता चला. स्कूल के मालिक ने क्रिसमस के जश्न के लिए कुछ लोगों को परिसर दिया था. कुछ लोग पहुंचे और नारेबाजी की, उन्हें लगा कि धर्म परिवर्तन हो रहा है. स्कूल के मालिक के अनुरोध पर वे चले गए, यह कहते हुए कि यह क्रिसमस का कार्यक्रम था. हमें कोई शिकायत नहीं मिली है.’

पटौदी में धर्म जागृति मिशन चलाने वाले और स्कूल के पास रहने वाले आरपी पांडे ने कहा कि कुछ महिलाओं ने बीते बुधवार को उनके दरवाजे पर दस्तक दी थी और उन्हें शुक्रवार को स्कूल में एक समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया था.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘शुक्रवार को दोपहर 3 बजे, हमें पता चला कि कुछ बाहरी लोग वहां क्रिसमस मनाने की आड़ में धर्म परिवर्तन कर रहे थे. इसलिए हम उनका एजेंडा जांचने गए. एक घंटे से अधिक समय तक, हमने समारोह को देखा. लेकिन बाद में हमने देखा कि वे नाटक और भाषणों के माध्यम से ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए बच्चों को बहका रहे थे. इसलिए हमने कार्यक्रम को रोका और उन्हें जाने के लिए कहा. हम इस तरह की गतिविधियों को सफल नहीं होने देंगे.’

उन्होंने कहा कि फिर वे मंच पर गए और भीड़ को संबोधित करने के लिए माइक पकड़ लिया.

सोशल मीडिया पर शेयर की गई एक वीडियो क्लिप में पांडे को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हम ईसा मसीह का अनादर नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम इन बच्चों से कहना चाहते हैं आपको इसकी (भारतीय संस्कृति) रक्षा के लिए एक संकल्प लेना होगा और ‘जय श्री राम’ का जाप करना होगा.’

कई वीडियो क्लिप में प्रदर्शनकारियों को गाना बजाने वालों को बाधित करते और ‘जय श्री राम’ और ‘सत्य सनातन धर्म की जय’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है.

पूर्व आरएसएस और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह पहाड़ी, जो प्रदर्शनकारियों में शामिल थे, ने आरोप लगाया, ‘यह क्रिसमस का उत्सव नहीं था, उनका उद्देश्य धर्म परिवर्तन कराना था. उन्होंने बहुत पैसा खर्च किया था और पादरियों और लोगों को बाहर से लाए थे. वे धर्मांतरण के लिए आस-पास के गरीब लोगों को निशाना बना रहे थे. हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं क्योंकि हिंदुओं को बांटने की कोशिश की जा रही थी.’

बता दें कि पहाड़ी ने साल 2019 का विधानसभा चुनाव पटौदी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था. कार्यक्रम के आयोजक रवि कुमार ने कहा कि आपत्तियों के बाद उन्होंने समारोह रोक दिया.

पटौदी में टेंट का कारोबार करने वाले कुमार ने कहा कि धर्म परिवर्तन के दावे निराधार हैं. उन्होंने बताया, ‘यह एक साधारण क्रिसमस समारोह था. कोई उपदेश नहीं था. महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 55 लोग उपस्थित थे और ईसाई समुदाय के कुछ लोग आए थे. शाम करीब चार बजे 100 से अधिक लोगों का एक समूह आया और सभा का विरोध करने लगा.’

कुमार ने आगे कहा, ‘हमने उनसे कहा कि अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो हम समारोह रद्द कर देंगे. लेकिन उन्होंने कहा कि वे सिर्फ निरीक्षण करना चाहते हैं और हमसे कहा कि हम उनके धर्म के बारे में कुछ भी उल्लेख न करें. एक घंटे बाद उन्होंने कार्यक्रम में खलल डाला. कुछ ने मंच पर आकर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की.’

कुमार ने कहा कि उन्होंने विवाद से बचने के लिए महिलाओं और बच्चों को जाने के लिए कहा था.

आयोजक ने कहा, ‘विरोध करने वालों ने कहा कि वे चले जाएं और कभी वापस न आएं. हमें दुख हुआ क्योंकि यह बच्चों के सामने हुआ, जो डरे हुए थे. सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है. हमें नहीं पता कि हमने क्या गलत किया. कुछ लोग सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराने का फैसला किया है.’

स्कूल चलाने वाले श्रीकांत ने कहा कि उनके पड़ोस की एक महिला ने उनसे परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह मांगी थी.

उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि मैं स्कूल के बाद एक घंटे के लिए जगह दे सकता हूं. मैंने सद्भावना के रूप में ऐसा किया. शाम को मुझे कई हिंदू संगठनों से फोन आए और मुझसे पूछा कि मैंने जगह क्यों दी है. उनका आरोप है कि धर्म परिवर्तन हो रहा है. मुझे ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है. वहां बस क्रिसमस का दिन मनाया जा रहा था. हमारे स्कूल का कोई भी छात्र मौजूद नहीं था.’

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