कर्नाटकः विवाद के बाद तेजस्वी सूर्या ने हिंदुओं की ‘घर वापसी’ करवाने का बयान वापस लिया

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने उडुपी में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि हिंदू धर्म छोड़कर गए लोगों का वापस इसी धर्म में परिवर्तन टीपू जयंती पर होना चाहिए और यह 'घर वापसी' हिंदुओं की ज़िम्मेदारी है. सूर्या ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के मुस्लिमों का हिंदू धर्म में परिवर्तन कराना चाहिए. पाकिस्तान अखंड भारत के विचार में शामिल है.

//
तेजस्वी सूर्या. (फोटो साभार: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने उडुपी में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि हिंदू धर्म छोड़कर गए लोगों का वापस इसी धर्म में परिवर्तन टीपू जयंती पर होना चाहिए और यह ‘घर वापसी’ हिंदुओं की ज़िम्मेदारी है. सूर्या ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के मुस्लिमों का हिंदू धर्म में परिवर्तन कराना चाहिए. पाकिस्तान अखंड भारत के विचार में शामिल है.

तेजस्वी सूर्या. (फोटो साभार: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

नई दिल्लीः भाजपा सांसद ने हिंदू धर्म छोड़कर गए हिंदुओं को वापस लाने और हिंदू पुनरुत्थान को लेकर दिए अपने बयान को बिना किसी शर्त के वापस ले लिया है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दो दिन पहले उडुपी में श्रीकृष्ण मठ में हुए कार्यक्रम में मैंने भारत में हिंदू पुनरुत्थान विषय पर बात की थी. मेरे भाषण के कुछ बयानों को लेकर खेदजनक रूप से विवाद पैदा किया गया इसलिए मैं बिना किसी शर्त के अपने इस बयान को वापस लेता हूं.’

बता दें कि शनिवार को भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदू धर्म छोड़कर गए हिंदुओं को वापस लाने का आह्वान किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्या ने 25 दिसंबर को उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंदिरों और मठों से हिंदुओं की ‘घर वापसी’ सुनिश्चित कराने की बात कही थी.

इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह हिंदुओं की उनके मूल धर्म की वापसी की बात कहते सुने जा सकते हैं.

इस एक घंटे बीस मिनट के वीडियो में वे धर्मांतरण रोकने का आह्वान कर रहे हैं. कुछ यूट्यूब चैनलों पर भी सूर्या के पूरे भाषण का वीडियो है, जिसे लाइव स्ट्रीम किया गया था.

सूर्या ने कहा था, ‘या तो धमकी से या लालच से हिंदुओं को उनके मूल धर्म से निकाला जा रहा है. इससे निपटने का सिर्फ एक संभावित समाधान है, वे लोग जिन्होंने भारत के इतिहास के दौरान विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक कारणों से अपने मूल धर्म को छोड़ दिया है, जो हिंदू धर्म से बाहर चले गए हैं, उन्हें पूरी तरह से वापस लाया जाना चाहिए, उन्हें हिंदू धर्म में वापस लाना चाहिए.’

तेजस्वी सूर्या ने कहा था, ‘मेरा आग्रह है कि हर मंदिर और मठ को इसके लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, जिन्हें वह वापस हिंदू धर्म में लाना चाहते हैं. इस तरह के प्रयास युद्धस्तर पर होने चाहिए.’

सूर्या के संबोधन का उल्लेख करते हुए द न्यूज मिनट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था, सूर्या ने कहा कि हिंदू धर्म छोड़कर गए लोगों का वापस हिंदू धर्म में परिवर्तन टीपू जयंती पर होना चाहिए और यह ‘घर वापसी’ हिंदुओं की जिम्मेदारी है.

सूर्या ने अपने संबोधन में मुस्लिम और ईसाई धमों के विभिन्न पहुलओं की आलोचना की थी.

उन्होंने कहा था, ‘हमने इस देश में राम मंदिर बनाया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया. हमें पाकिस्तान के मुस्लिमों का हिंदू धर्म में परिवर्तन कराना चाहिए. हमें घर वापसी को प्राथमिकता देनी चाहिए. पाकिस्तान अखंड भारत के विचार में शामिल है.’

उन्होंने कहा था, ‘क्या टीपू जयंती का जश्न मनाने का आग्रह करने वालों ने कलाम जयंती या शिशुनाला शरीफ जयंती मनाने का आग्रह किया? यही अंतर है.’

बता दें कि सूर्या का यह बयान कर्नाटक विधानसभा में धर्मांतरण रोधी कानून के पारित होने के बाद आया है. हाल के दिनों में दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों ने पूरे कर्नाटक में क्रिसमस के आयोजनों और प्रार्थनाओं को बाधित किया.

यह पहली बार नहीं है, जब तेजस्वी सूर्या ने इस तरह के सांप्रदायिक बयान दिए हैं. उन्होंने हाल ही में ट्वीट कर दिवाली के जश्न-ए-रिवाज विज्ञापन को लेकर निशाना साधा था.

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बेंगलुरू के एक कोविड वॉर रूम से 17 मुस्लिम कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. कथित तौर पर वॉट्सऐप पर सर्कुलेट मैसेज के बाद सूर्या ने इन मुस्लिम कर्मचारियों पर कोविड वॉर रूम में बेड आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

द वायर  ने उस समय बताया था कि जल्द ही यह स्पष्ट हो गया था कि इन कर्मचारियों का बेड आवंटन से कोई लेना-देना नहीं था.