मध्य प्रदेश: ‘गोडसे ज़िंदाबाद’ नारेबाज़ी का वीडियो आने के बाद कालीचरण के 50 समर्थकों पर केस दर्ज

कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में 30 दिसंबर 2021 को रायपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका एक अदालत ने ख़ारिज कर दी है. उनके समर्थन में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि संतों के प्रति ‘थोड़ा-सा लिबरल’ रहा जाना चाहिए.

कालीचरण महाराज. (फोटो साभार: फेसबुक)

कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में 30 दिसंबर 2021 को रायपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका एक अदालत ने ख़ारिज कर दी है. उनके समर्थन में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि संतों के प्रति ‘थोड़ा-सा लिबरल’ रहा जाना चाहिए.

कालीचरण महाराज. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर/रायपुर: महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद कालीचरण महाराज के समर्थन में बिना प्रशासनिक अनुमति के प्रदर्शन किए जाने पर इंदौर पुलिस ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा और एक अन्य दक्षिणपंथी संगठन बजरंग सेना के करीब 50 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इस बीच छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने महात्मा गांधी के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोपी कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

बीते सोमवार को इंदौर की छोटी ग्वालटोली पुलिस थाने की प्रभारी सविता चौधरी ने बताया, ‘अखिल भारतीय हिंदू महासभा और बजरंग सेना के करीब 50 अज्ञात कार्यकर्ताओं ने बीते तीन जनवरी को रीगल चौराहे पर बिना प्रशासन की अनुमति के प्रदर्शन और नारेबाजी की. इसके ठीक बाद वे जुलूस के रूप में पुलिस आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपने गए, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर विरोध जताया गया था.’

उन्होंने जिलाधिकारी के एक पुराने प्रतिबंधात्मक आदेश के हवाले से बताया कि जिले के सार्वजनिक स्थानों पर प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना रैली, जुलूस और धरना-प्रदर्शन नहीं किया जा सकता.

थाना प्रभारी के मुताबिक, इस आदेश के उल्लंघन पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा तथा बजरंग सेना के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें कालीचरण महाराज के समर्थक रीगल चौराहे से सटे पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में इस विवादास्पद धार्मिक नेता के पोस्टर लहराते हुए पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते नजर आ रहे हैं और वीडियो में कथित तौर पर ‘महात्मा नाथूराम गोडसे जिंदाबाद’ के नारे की गूंज भी सुनाई पड़ रही है.

सूरी ने आरोप लगाया, ‘भाजपा के राज में कालीचरण महाराज के समर्थक महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के समर्थन में पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर के भीतर खुलेआम नारेबाजी करते रहे और पुलिस अफसर मूकदर्शक बने रहे.’

उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोडसे के समर्थन में घोर आपत्तिजनक नारेबाजी करने वाले कालीचरण समर्थकों पर ‘हल्के कानूनी प्रावधान’ के तहत प्राथमिकी दर्ज करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली.

सूरी ने कहा, ‘हमारी मांग है कि इन लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए.’

उधर, छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी चौधरी ने कहा कि उन्हें कालीचरण समर्थकों द्वारा ‘महात्मा नाथूराम गोडसे जिंदाबाद’ की कथित नारेबाजी के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में महात्मा गांधी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में कालीचरण को 30 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें अदालत में पेश किया था, जिसके बाद अदालत ने कालीचरण को 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

रायपुर के रावणभाठा मैदान में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द बोलने के आरोप में कालीचरण के खिलाफ बीते 26 दिसंबर 2021 को मामला दर्ज किया गया था.

इस सिलसिले में उनके खिलाफ बीते 27 दिसंबर 2021 को महाराष्ट्र के अकोला में भी कालीचरण के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है.

रायपुर में अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कालीचरण ने एक वीडियो जारी कर अपनी टिप्पणियों को सही ठहराया था और कहा था कि उन्हें इसका कोई पश्चाताप नहीं है.

इस बीच पुणे पुलिस ने वहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कालीचरण महाराज, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे और चार अन्य के खिलाफ 28 दिसंबर 2021 मामला दर्ज किया था.

मिलिंद एकबोटे 2018 में पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा के मामले में आरोपी हैं. उन्हें भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के द्विशताब्दी समारोह से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने महात्मा गांधी के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोपी कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

रायपुर जिले के लोक अभियोजक के के शुक्ला ने बीते सोमवार को रायपुर में बताया कि जिले के बारहवीं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम प्रताप चंद्र की अदालत ने कालीचरण महाराज की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

कालीचरण की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर रायपुर जिले की पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज कर लिया था. बाद में इस मामले में 124 ए (राजद्रोह) और चार अन्य धाराओं को भी जोड़ा गया था.

विजयवर्गीय ने कहा, संतों के प्रति थोड़ा-सा ‘लिबरल’ रहा जाना चाहिए

कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कहा कि संतों के प्रति ‘थोड़ा-सा लिबरल (उदार)’ रहा जाना चाहिए.

कालीचरण महाराज को लेकर कांग्रेस नेताओं की तल्ख बयानबाजी के बारे में पूछे जाने पर विजयवर्गीय ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि संतों के बारे में किसी भी व्यक्ति को अनुचित टीका-टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. संतों के बारे में संयमित भाषा का उपयोग किया जाना चाहिए.’

उन्होंने कालीचरण महाराज का नाम लिए बगैर कहा, ‘मैं समझता हूं कि संतों के प्रति थोड़ा-सा लिबरल (उदार) रहा जाना चाहिए.’

भाजपा महासचिव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह’ का देशविरोधी नारा लगाने वाले लोगों की ‘पीठ थपथपाई’ थी.

विजयवर्गीय ने कहा, ‘जब कोई व्यक्ति भारत के खिलाफ टिप्पणी करे और भारत के टुकड़े होने की बात करे, तो आप (विपक्षी नेता) उनकी पीठ थपथपाओगे और जब कोई व्यक्ति अपने दिल के जज्बात कहे, तो उसके लिए बोलने का अधिकार सुरक्षित नहीं है.’

भाजपा महासचिव ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिशों के तहत अलग-अलग लोगों के लिए अभिव्यक्ति के अलग-अलग पैमाने तय किए जा रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq