लखीमपुर हिंसा: चार्जशीट दाख़िल होने के बाद विपक्ष ने केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी की मांग की

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.

अजय मिश्रा. (फोटो: पीटीआई)

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.

अजय मिश्रा. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार लखीमपुर खीरी हिंसा में आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है और उन्होंने मामले में एसआईटी द्वारा आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त करने की मांग की.

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.

एसआईटी द्वारा सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ‘मोनू’ मौके पर मौजूद थे और जांच एजेंसी ने उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. एसआईटी ने आशीष मिश्रा को ही मुख्‍य आरोपी बनाया है.

उन्होंने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए ट्वीट किया, ‘5,000 पेज वाली चार्जशीट का सच पूरे देश ने वीडियो के रूप में देखा है. फिर भी मोदी सरकार आरोपियों को बचाने में लगी है. भारत गवाह है.’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘झूठी माफी’ और कृषि कानूनों को वापस लेने से मोदी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को ढकने में मदद नहीं मिलेगी.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘वे रक्षक के पद पर हैं, लेकिन भक्षक के साथ खड़े हैं. लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले के आरोप-पत्र में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ही किसानों को कुचलने की घटना के मुख्य आरोपी हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी जी के संरक्षण के चलते मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर जांच की आंच तक नहीं आई और वे अपने पद पर बने हुए हैं.’

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने के लिए और कितने सबूतों की आवश्यकता है.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा कि आज भाजपा का हर समर्थक-कार्यकर्ता शर्मिंदा है और सामाजिक बहिष्कार के डर से डरा है.

लल्लू ने लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में एसआईटी के आरोप-पत्र का हवाला देकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त करने की मांग की.

लल्लू ने सवाल किया कि अब अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए और क्या सबूत चाहिए. मंत्री को अविलंब बर्खास्त करने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके (अजय मिश्रा) रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने सबूत मिटाने के अपराध में नामजद किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा के संकेत के बिना इतनी बड़ी घटना संभव नहीं है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि क्या उनकी दूरबीन अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों और अपराधों को नहीं देख पा रही है.

उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने बीते दिसंबर महीने में योगी आदित्यनाथ सरकार के कानून व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा था, ‘2017 से पहले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को देखकर मेरा खून खौल जाता था. पहले की सरकार के दौर में लड़कियां बाहर नहीं आ सकती थीं. हर जिले में दो-तीन ‘बाहुबली’ होते थे, लेकिन आज दूरबीन लेकर खोजूं तो कहीं कोई ‘बाहुबली’ नजर नहीं आता.’

लल्‍लू ने दावा किया कि इस राज्य के लोग किसानों के नरसंहार को कभी नहीं भूलेंगे तथा भाजपा सरकार को माफ नहीं करेंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा सरकार को सबक सिखाएंगे.

सपा प्रमुख और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘लखीमपुर किसान हत्याकांड में पांच हज़ार पन्नों का आरोप-पत्र वास्तव में भाजपा की डबल इंजन सरकार का काला चिट्ठा है. आज भाजपा का हर समर्थक-कार्यकर्ता शर्मिंदा है और सामाजिक बहिष्कार के डर से डरा है. जो जीवन देनेवाले अन्नदाता की हत्या कर सकते हैं, वो किसी और को क्या छोड़ेंगे.’

इसके पहले यादव ने हर महीने की तीन तारीख को मनाए जाने वाले ‘लखीमपुर किसान स्मृति दिवस’ की कड़ी में ‘किसानों की शहादत’ याद करने और लोगों को भाजपा की क्रूरता की याद दिलाने की अपील की थी.

मालूम हो कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में तीन अक्टूबर 2021 को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.

इस दौरान जिले के तिकुनिया में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थॉर सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी तथा लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.

फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.

गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.

तीन अक्टूबर 2021 प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को एसयूवी ​के काफिले से कुचले जाने के बाद भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

इनकी पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) के रूप में हुई थी.

इस संबंध में दो एफआईआर तिकुनिया थाने में दर्ज की गई.

पहली एफआईआर एक किसान जगजीत सिंह ने चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और 15 से 20 अन्य को आरोपी बनाया था.

दूसरी एफआईआर भाजपा के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचले जाने के बाद हुई हिंसा के दौरान भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)