पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के लिए चुनावी ख़र्च की सीमा बढ़ाई गई

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दी है. वहीं, विधानसभा चुनाव में यह सीमा 28 लाख रुपये के स्थान पर 40 लाख रुपये होगी. आयोग ने क़ानून मंत्रालय की अधिसूचना का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दी है. वहीं, विधानसभा चुनाव में यह सीमा 28 लाख रुपये के स्थान पर 40 लाख रुपये होगी. आयोग ने क़ानून मंत्रालय की अधिसूचना का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दी गई है. वहीं, विधानसभा चुनाव में यह सीमा 28 लाख रुपये के स्थान पर 40 लाख रुपये होगी. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कानून मंत्रालय की अधिसूचना का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.

सरकार का निर्णय चुनाव निकाय द्वारा की गई सिफारिश पर आधारित है. लोकसभा चुनावों के लिए संशोधित खर्च सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 95 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये होगी. पहले यह सीमा बड़े राज्यों के लिए 70 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 54 लाख रुपये थी.

विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के लिए संशोधित चुनाव खर्च की सीमा बड़े राज्यों के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गई है. छोटे राज्यों में उम्मीदवार अब 20 लाख रुपये के स्थान पर अधिकतम 28 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे.

आयोग ने कहा कि खर्च की नई सीमा आगामी सभी चुनावों में लागू होगी. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में उम्मीदवार अब नई सीमा के तहत चुनावी खर्च कर सकेंगे.

इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और उम्मीद है कि आयोग अगले कुछ दिनों में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चुनाव आयोग ने लागत कारकों और अन्य संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसने ये सिफारिशें दी हैं.

समिति ने राजनीतिक दलों, मुख्य चुनाव अधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों से सुझाव आमंत्रित किए और पाया कि 2014 के बाद से मतदाताओं की संख्या और मुद्रास्फीति सूचकांक में पर्याप्त वृद्धि हुई है.

इसने चुनाव प्रचार के बदलते तौर-तरीकों को भी ध्यान में रखा, जो धीरे-धीरे वर्चुअल मोड की ओर बढ़ रहा है.

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘उम्मीदवारों के लिए मौजूदा चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाने के संबंध में राजनीतिक दलों द्वारा उठाई जा रही मांग, 2014 से 2021 तक मतदाताओं की संख्या में 83.4 करोड़ से 93.6 करोड़ (12.23 प्रतिशत तक) की वृद्धि और मुद्रास्फीति सूचकांक में 2014-15 से 2021-22 तक 240 से 317 (32.08 प्रतिशत) तक की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए समिति ने अधिकतम सीमा बढ़ाने के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं. आयोग ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और उम्मीदवारों के लिए मौजूदा चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है.’

गुरुवार को चुनाव आयोग ने कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ भी बैठक की.

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों से जानकारी ली गई और आयोग ने स्वास्थ्य सचिव से सभी पात्र व्यक्तियों को टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए जोर दिया.’

बीते पांच जनवरी को चुनाव आयोग ने मणिपुर में चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ सभी पांच विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के संबंध में अपने मतदान पूर्व अभ्यास को समाप्त किया. समीक्षा बैठक के दौरान आयोग ने मतदान केंद्रों पर सभी मतदान कर्मचारियों के शत-प्रतिशत टीकाकरण, उचित स्वच्छता और सामाजिक दूरी के साथ सुरक्षित चुनाव कराने पर जोर दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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