राजस्थान: लहूलुहान हाल में मिली किशोरी के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट मांगी

राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 11 जनवरी को कई घंटों तक लापता रहने के बाद मानसिक रूप से कमज़ोर किशोरी घर से 25 किमी. दूर लहूलुहान हालत में मिली थी. उसके निजी अंगों में गंभीर चोटें थीं. विपक्षी भाजपा ने घटना की निर्भया कांड से करते हुए बलात्कार का आरोप लगाया है. वहीं घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 11 जनवरी को कई घंटों तक लापता रहने के बाद मानसिक रूप से कमज़ोर किशोरी घर से 25 किमी. दूर लहूलुहान हालत में मिली थी. उसके निजी अंगों में गंभीर चोटें थीं. विपक्षी भाजपा ने घटना की निर्भया कांड से करते हुए बलात्कार का आरोप लगाया है. वहीं घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जयपुर: राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग किशोरी के बदहाल व घायल अवस्था में मिलने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से तथ्यात्मक रपट मांगी है.

पुलिस का कहना है कि उसे इस वारदात के संबंध में कुछ सुराग मिले हैं और मामले की जांच की जा रही है. वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने जा रहे भाजपा नेताओं को पुलिस ने सवाई माधोपुर में बीते 13 जनवरी को रोक दिया.

पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह दुष्कर्म का मामला प्रतीत होता है. हालांकि, अब तक इस बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है.

मामले की जांच के लिए पुलिस की कई टीम गठित की गई है, लेकिन पीड़िता के साथ हुई घटना के बारे में पुलिस को अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी है.

पीड़िता को अलवर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां से चिकित्सकों ने 11 जनवरी की रात उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भेज दिया.

गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में मंगलवार (11 जनवरी) को घंटों लापता रहने के बाद मानसिक रूप से कमजोर 14 साल की किशोरी रात करीब नौ बजे (25 किलोमीटर दूर) तिजारा फाटक के पास घायल अवस्था में मिली थी. पीड़िता के जननांगों सहित अन्य गंभीर चोटों को देखते हुए 12 जनवरी को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई है.

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला ने बताया कि पीड़िता की चोट गहरी थी और इसकी शल्य चिकित्सा में करीब ढाई घंटे का समय लगा. उन्होंने कहा कि वह मानसिक रूप से अक्षम है और ठीक से बोल नहीं पा रही है.

उन्होंने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि चोट यौन उत्पीड़न के कारण हुई या किसी और चीज के हमले के कारण चोट पहुंची है.

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ममता भूपेश ने अस्पताल का दौरा कर पीड़िता से मुलाकात की. उन्होंने चिकित्सकों से लड़की के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी भी ली.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अस्पताल प्रशासन बालिका की पूरी देख-रेख कर रहा है और वह खतरे से बाहर है. उन्होंने पीड़िता का नि:शुल्क उपचार करने और परिजनों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए.

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है और विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं.

इस बीच बीते बृहस्पतिवार को राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए अलवर जिला प्रशासन के अधिकारियों और अलवर के पुलिस अधीक्षक को 18 जनवरी तक मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने और अपराध में शामिल दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है.

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक को पीड़िता को उचित इलाज मुहैया करवाने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट अभी नहीं आई है और टीम प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘हम प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं. हमें कुछ सुराग मिले हैं और हम इस पर काम कर रहे हैं. हमें अभी तक पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है.’

तेजस्वनी गौतम ने बताया कि मामले की जांच के लिए अलग-अलग पुलिस टीम गठित की गई हैं.

उन्होंने बताया कि पुलिस पीड़िता के घर से लापता होने के बाद तिजारा फाटक तक पहुंचने की कड़ियों को जोड़कर और सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान का प्रयास कर रही है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इस जघन्य घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस आरोपियों को पकड़ना तो दूर उनका सुराग तक नहीं जुटा पाई है.

वहीं मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लेकर बीते बृहस्पतिवार को भी कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही. भाजपा द्वारा इस मामले में गठित समिति के सदस्य बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा से मिलने रणथंभौर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया.

पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अल्का मूंदड़ा, प्रदेश में मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा तथा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल को सवाई माधोपुर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें प्रियंका गांधी से नहीं मिलने दिया.

समिति के सभी सदस्य कार्यकर्ताओं के साथ काफी देर तक धरने पर भी बैठे.

भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा भी रणथंभौर के उस होटल के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे थे, जहां प्रियंका गांधी रुकी हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. प्रियंका गांधी निजी यात्रा पर रणथंभौर आई हैं.

इससे पहले सुबह भाजपा की उच्चस्तरीय समिति के सदस्यों ने जयपुर के जेके लोन अस्पताल पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की.

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी अस्पताल पहुंचीं और चिकित्सकों से पीड़िता का हालचाल पूछा.

बेनीवाल ने बताया कि बच्ची के इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया और आवश्यकता अनुसार मनोरोग चिकित्सकों को भी उसकी देखभाल के लिए तैनात किया गया है.

भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी राज्य सरकार के खिलाफ अभियान चलाया. भाजपा के पदाधिकारी, सांसद व विधायकों ने इस घटना को लेकर सरकार के खिलाफ ट्वीट किए.

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अलवर में नाबालिग के साथ हुई घटना ने न सिर्फ राजस्थान को शर्मसार किया है, बल्कि कांग्रेस सरकार की लचर कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है.

राजे ने ट्वीट कर कहा, ‘नारी स्वाभिमान के पर्याय राजस्थान में बेटियों पर हो रहे अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में अव्वल बन चुके राजस्थान को शोषण मुक्त बनाने के लिए कांग्रेस सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.’

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि अलवर में नाबालिग के साथ हुई घटना वीभत्स है और मानवता को शर्मसार करने वाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार नीति और नीयत से गूंगी-बहरी है, जिसको पीड़िता की चीखें सुनाई नहीं दे रही हैं.

पूनियां ने इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. जांच समिति में पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर, दौसा सांसद जसकौर मीणा, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अल्का मूंदड़ा और विधायक रामलाल शर्मा को शामिल किया गया है.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी ट्वीट कर मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है, ‘अलवर में एक 15-16 साल की दिव्यांग लकड़ी के साथ दुर्व्यवहार होता है. एक गाड़ी खून से लथपथ उस लड़की को सड़क पर छोड़कर जाती है. आज वो बेटी आईसीयू में अपने जीवन से लड़ रही है. जब अलवर में ये घटना हो रही थी, तब प्रियंका वाड्रा रणथम्भोर में अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त रहती है!’

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने अलवर पहुंचकर सरकार पर इस मामले को दबाए जाने का गंभीर आरोप लगाया है.

मीणा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इस घटना पर पर्दा डालने की काेशिश कर रही है, इसलिए हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं. राजस्थान दलित और महिला अत्याचार के मामले में नंबर वन पर आ गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि अब राजस्थान में महिला आयोग की अध्यक्ष कह रही हैं कि नाबालिग से रेप नहीं हुआ है. वे किस आधार पर कह रही हैं. वे कोई डॉक्टर तो नहीं हैं, जबकि ये निर्भया कांड से कम घटना नहीं है. मूक बधिर नाबालिग से गैंगरेप कर उसके प्राइवेट पार्ट को डमेज किया गया. यह निर्भया कांड से कम नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)