जम्मू कश्मीर: देश के खिलाफ ‘असंतोष फैलाने’ के आरोप में मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ़्तार

पुलिस का आरोप है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के ख़िलाफ़ नफ़रती एजेंडा चला रहे थे.

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पुलिस का आरोप है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के ख़िलाफ़ नफ़रती एजेंडा चला रहे थे.

मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू (फोटो साभार: ट्विटर)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार 14  जनवरी को मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान उन्टू को गिरफ्तार कर लिया.

द हिंदू की खबर के अनुसार, उन्टू पर भारत के खिलाफ असंतोष, दुर्भावना और वैमनस्य फैलाने के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘उन्टू सोशल मीडिया के जरिये झूठ और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. वह न केवल जम्मू कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि भारत राष्ट्र के खिलाफ असंतोष, दुर्भावना और वैमनस्य भी फैला रहे हैं. वह सक्रियता से आतंकवादी-अलगाववादी एजेंडा फैला रहे हैं और युवाओं को हिंसा व गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसा रहे हैं.’

पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच शुरू कर दी गई है और उन्टू फिलहाल पुलिस रिमांड पर हैं.

बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर पुलिस ने उन कश्मीरियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है जो सोशल मीडिया पर मुखर हैं और वर्तमान सरकार व उसकी नीतियों के आलोचक हैं.

इसी अभियान के तहत इससे पहले पुलिस मुज़म्मिल अय्यूब ठाकुर और डॉ. आसिफ डार के खिलाफ आंतकवाद और अलगाववाद समेत कई धारओं में मामले दर्ज कर चुकी है, जबकि दोनों भारत से बाहर रह रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक, उन्टू एक सक्रिय अलगाववादी थे और ट्विटर पर ‘रेडियो रेजिस्टेंस कश्मीर’ के तहत ठाकुर और डॉ. डार के साथ मिलकर अलगाववाद फैलाते थे. डॉ. डार और ठाकुर ने पुलिस के आरोपों को खारिज किया है.

उन्टू इंटरनेशनल फोरम फॉर जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स जम्मू एंड कश्मीर के अध्यक्ष हैं.

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