14 लाख इकाइयों ने नहीं दाख़िल किया जीएसटीआर, जेटली बोले जीएसटी को बेपटरी करने के प्रयास विफल

जुलाई महीने का जीएसटीआर दाख़िल करने की अंतिम तारीख़ 10 अक्टूबर, सरकार का और समय देने से इनकार.

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जुलाई महीने का जीएसटीआर दाख़िल करने की अंतिम तारीख़ 10 अक्टूबर, सरकार का और समय देने से इनकार.

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नई दिल्ली में बीते शुक्रवार को जीएसटी परिषद की मीटिंग में वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/वाशिंगटन: सरकार ने सोमवार को करीब 14 लाख इकाइयों से जुलाई महीने का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का अंतिम रिटर्न मंगलवार तक दाखिल करने को कहा है. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि अंतिम रिटर्न दाखिल करने की 10 अक्टूबर की तारीख को और नहीं बढ़ाया जाएगा.

उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हाल ही में लागू हुए जीएसटी को बेपटरी करने के प्रयासों के बावजूद राज्य इस नई व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं.

सोमवार शाम सात बजे तक 39 लाख कंपनियों या कारोबारियों ने अपना अंतिम रिटर्न जीएसटीआर-एक जमा कराया था. कुल 53 लाख इकाइयों को जीएसटीआर-एक दाखिल करना है.

जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने रिटर्न दाखिल न करने वाली इकाइयों को एसएमएस और ईमेल भेजकर दो बार रिटर्न दाखिल करने को कहा है.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, पहले ही दो महीने का विस्तार दिया जा चुका है. अब करदाताओं को जुलाई के लिए जीएसटीआर-एक रिटर्न दाखिल करने के लिए और विस्तार नहीं दिया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा कि ऐसे करदाता जिन्होंने जुलाई के लिए जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं किया है उन्हें सलाह दी जाती है कि वे तत्काल इसे दाखिल करें.
कोई भी कारोबारी जैसे ही जीएसटीआर-एक रिटर्न 10 अक्टूबर तक दाखिल करता है उसके खरीदार की जीएसटीआर-दो ए वाली प्रविष्टियां स्वत: ही सामने आ जाएंगी. खरीदार जरूरी होने पर अपने जीएसटीआर-दो को संशोधन के बाद अंतिम रूप दें और इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा लें.

यदि करदाता 10 अक्तूबर तक जीएसटीआर-एक दाखिल नहीं करते हैं तो खरीदार को आईटीसी लेने में दिक्कत आ सकती है. मंत्रालय ने कहा है कि माल अथवा सेवाओं के सभी आपूर्तिकर्ता विशेष तौर से खरीदारी करने वाले अपनी बिक्री के ब्यौरे को जीएसटीआर-एक में भरकर तय तिथि में भेज दें ताकि उनके खरीदार को इनपुट क्रेडिट में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.

राज्य नई व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हाल ही में लागू हुए जीएसटी को बेपटरी करने के प्रयासों के बावजूद राज्य इस नई व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं.

जेटली ने वाशिंगटन में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के चंद्रजीत बनर्जी और पेपाल के सीईओ एवं अध्यक्ष डान शिल्मैन के साथ बातचीत में जीएसटी के समक्ष सर्वाधिक बड़ी चुनौतियों से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह बात कही.

वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक एकीकरण ऐसे वक्त में हो रहा है जब अन्य अर्थव्यवस्थाएं अधिक संरक्षणवादी हो रही हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष में सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों के कारण भारत अब व्यापार के लिए बेहतर स्थान बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रकियाओं को सरल किया गया है.

जेटली ने कहा कि अब लगभग 95 फीसद निवेश स्वत: आ रहा है और विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को समाप्त कर दिया गया है. आज कर से जुड़े 99 फीसदी सवालों को ऑनलाइन सुलझाा लिया जाता है. कार्यक्रम का आयोजन सीआईआई और यूएस इंडिया बिजनस परिषद यूएसआईबीसी के संयुक्त तत्वावधान में न्यूयॉर्क में किया गया.

जेटली ने कहा कि भारत अब बड़े फैसले लेने और उन्हें बड़े पैमाने पर लागू करने में सक्षम है. कम से कम 250 राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. भारत के पास अब अधिशेष बिजली है और भारतीय बंदरगाहों की क्षमता का विस्तार किया गया है.

डिजिटल भुगतान से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी भुगतान के नए तरीकों को बड़े पैमाने पर अपना रही है. जेटली ने कहा कि इसके अलावा सभी सरकारी लाभों को सीधे बैंक खातों से जोड़ दिया गया है. बैंक खाताधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कम लागत वाली बीमा योजनाएं पेश की हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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