एफटीआईआई के छात्रों ने लिखा खुला पत्र, खेर बोले- बहस को तैयार हूं

पत्र में उठाए सवाल, फिल्म प्रशिक्षण के लिए बना एफटीआईआई अब धन अर्जित करने के लिए छोटे छोटे अनुपयोगी क्रैश कोर्स करा रहा है.

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पत्र में उठाए सवाल, फिल्म प्रशिक्षण के लिए बना एफटीआईआई अब धन अर्जित करने के लिए छोटे छोटे अनुपयोगी क्रैश कोर्स करा रहा है.

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मुंबई में गुरुवार को मामी फिल्मोत्सव के दौरान अभिनेता अनुपम खेर. (फोटो: पीटीआई)

पुणे/मुंबई: पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में अध्यक्ष की नियुक्ति एक बार फिर विवादों में है. संस्थान के छात्रों ने नवनियुक्त अध्यक्ष अनुपम खेर को एक खुला पत्र लिखकर इस संस्थान की ओर से शुरू किए गए अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के प्रति अपना विरोध जताया है और खुद से जुड़ी कई समस्याओं की ओर उनका ध्यान दिलाया है.

इसके जवाब में अनुपम खेर ने कहा है कि वह छात्रों की समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. खेर ने संवाददाताओं से कहा, मुझे जो भी चर्चा करनी होगी, मैं वहां जाकर छात्रों के साथ चर्चा करना पसंद करूंगा. मैं उनके सीनियर की तरह हूं. मैं वर्ष 1978 में वहां छात्र था और अब 38 साल बाद मैं वहां अध्यक्ष के तौर पर जा रहा हूं.

धन अर्जित करने वाले संस्थान में बदल रहा एफटीआईआई

जानेमाने अभिनेता खेर को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाली स्वायत्त संस्था एफटीआईआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. छात्रों के खुले पत्र में कहा गया कि फिल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा प्रशिक्षण देने के लिए एफटीआईआई की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब यह धीरे-धीरे ऐसे संस्थान के तौर पर तब्दील हो रहा है जो धन अर्जित करने के लिए कम अवधि के क्रैश कोर्स करा रहा है.

एफटीआईआई छात्र संगठन एफएसए के अध्यक्ष रॉबिन रॉय और महासचिव रोहित कुमार ने पत्र पर दस्तखत किए हैं. पत्र के मुताबिक, हम ईमानदारी से मानते हैं कि एफटीआई की ओर से शुरू किए गए अल्पकालिक पाठ्यक्रम इतनी कम अवधि में फिल्म निर्माण की जानकारी नहीं दे सकते.

छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि समाज के सभी तबकों के छात्रों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए बनी सरकारी संस्था का मकसद धन अर्जित करना नहीं हो सकता, लेकिन अल्प अवधि के पाठ्यक्रमों का उद्देश्य कुछ ऐसा ही लग रहा है.

संस्थान में हो रही फिजूलखर्ची

पत्र में एफएसए ने संस्थान की ओर से शुरू किए गए स्थापना दिवस और ओपन डे जैसे कार्यक्रमों पर ऐतराज जताया और कहा कि पिछले एक साल में प्रशासन ने ऐसे कार्यक्रमों पर बड़े पैमाने पर पैसे खर्च किए हैं.

पत्र के मुताबिक, हम छात्रों का मानना है कि लाइटों और परिसर के सामने सेट खड़ा करने पर खर्च किए जा रहे पैसे आधारभूत संरचना पर खर्च किए जा सकते हैं और ऐसे उपकरणों की खरीद पर खर्च किए जा सकते हैं जिनसे हमें अपनी परियोजनाएं समय पर पूरी करने में मदद मिल सके.

नए पाठ्यक्रम को लागू कराने को लेकर आशंका जाहिर करते हुए एफएसए ने कहा कि नई क्रेडिट आधारित सेमेस्टर प्रणाली पर शिक्षकों के बीच काफी भ्रम की स्थिति है. इससे पहले वार्षिक आकलन प्रणाली पर अमल किया जा रहा था.

खेर को संबोधित पत्र में कहा गया, छात्रों से जबरन हलफनामों पर दस्तखत कराए जा रहे हैं ताकि वे समय पर अपना पाठ्यक्रम पूरा करें. बहरहाल, प्रशासन उनकी परियोजनाएं समय पर पूरी करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं मुहैया करा रहा.

गुरुवार को छात्र संगठन ने एफटीआईआई अध्यक्ष के तौर पर खेर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए हितों के टकराव का आरोप लगाया था, क्योंकि अभिनेता मुंबई में अपना अभिनय संस्थान चलाते हैं.

‘मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हूं’

एफटीआईआई के नव-नियुक्त अध्यक्ष अनुपम खेर ने कहा है कि वह छात्रों की समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. खेर ने कहा, मुझे जो भी चर्चा करनी होगी, मैं वहां जाकर छात्रों के साथ चर्चा करना पसंद करूंगा. मैं उनके सीनियर की तरह हूं. मैं वर्ष 1978 में वहां छात्र था और अब 38 साल बाद मैं वहां अध्यक्ष के तौर पर जा रहा हूं.

उन्होंने कहा, आजकल के युवा किसी अभिनेता को और मेरे जैसे व्यक्तित्व को बहुत कुछ सिखा सकते हैं. हम साथ बैठेंगे, हम इसके बारे में बात करेंगे और इस महान संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. खेर मुंबई में जियो मामी 19वें मुंबई फिल्म उत्सव से इतर बोल रहे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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