केरल में 15 वर्षों में हमारे 85 कार्यकर्ता मारे गए: माकपा

भाजपा ने कहा, देश के 70 प्रतिशत हिस्से एवं केंद्र में हमारी सरकार है, केरल में भी कमल को खिलने का अधिकार है.

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New Delhi: CPI (M) politburo member Brinda Karat addresses party workers during a protest at the BJP headquarters over alleged RSS-BJP violence against its cadres and supporters in Kerala, in New Delhi on Monday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI10_9_2017_000048b)

भाजपा ने कहा, देश के 70 प्रतिशत हिस्से एवं केंद्र में हमारी सरकार है, केरल में भी कमल को खिलने का अधिकार है.

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केरल में राजनीतिक हिंसा के विरोध में दिल्ली का भाजपा की जनरक्षा यात्रा. (फोटो: पीटीआई)

सीकर/नई दिल्ली: केरल में राजनीति हिंसा को लेकर भाजपा और माकपा में घमासान जारी है. एक तरफ जहां भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ माकपा पर हिंसा का आरोप लगा रही है, वहीं माकपा भी भाजपा पर नफरत की राजनीति और हिंसा का आरोप लगा रही है.

पूर्व सांसद एवं माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने गुरुवार को कहा कि पिछले 15 वर्षों में केरल में पार्टी के 85 कार्यकर्ता मारे गए हैं.

करात ने सीकर में संवाददाताओं से कहा वर्ष 2001 से वर्ष 2016 तक पार्टी के 85 कार्यकर्ता शहीद हुए हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं, यह हमले कौन कर रहा है सबको पता है. उन्होंने कहा कि माकपा लाशों पर राजनीति नहीं करती है.

दूसरी तरफ, माकपा पर हिंसा की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा की देश के 70 प्रतिशत हिस्से एवं केंद्र में सरकार है और केरल में भी कमल को खिलने का अधिकार है.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, केरल अभी तक चुनावी दृष्टि से भाजपा के लिए बहुत सफल प्रदेश नहीं रहा है. इसके बावजूद पिछले वर्षों में हमारे कार्यकर्ता और स्वयंसेवक पूरी लगन से वहां काम कर रहे हैं.

इस दौरान वे लगातार माकपा की हिंसा की राजनीति के शिकार होते रहे हैं. हमारे कार्यकर्ताओं को मारा गया, हमारे दलित कार्यकर्ताओं को मारा गया.

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल भाजपा और संघ के स्वयंसेवक मारे गए, बल्कि कांग्रेस और मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं हुई हैं. यहां तक कि मुझे मालूम हुआ है कि भाकपा के एक नेता पर भी हमला हुआ है, संभवत: ऐसा इसलिए हुए क्योंकि वे स्वतंत्र विचार लेकर चले.

प्रसाद ने कहा, माकपा की राजनीति की बुनियादी सोच यह है कि जो भी उनका या उनकी विचारधारा का विरोध करें, उनका हिंसा से दमन किया जाए. उन्होंने कहा कि भाजपा ने केरल में माकपा की हिंसा आधारित राजनीति का विरोध किया है और लोगों के पास गए है और हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा का देश के 70 प्रतिशत हिस्से में और केंद्र में सरकार है. ऐसे में केरल में भी कमल को खिलने का अधिकार है. अब कमल खिलेगा या नहीं, यह जनता को तय करना है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिनरई के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से हमारे 14 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. यह राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे हिंसा को रोकें.

उन्होंने कहा कि हम इस बारे में उनसे अपील कर चुके हैं और अब अगर प्रदेश में हिंसा नहीं रुकती है तब पूरे देश का भाजपा कार्यकर्ता केरल के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ एकजुट है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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