रोहिंग्या श​रणार्थियों के बच्चे धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं: यूनिसेफ

बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में रह रहे सात लाख शरणार्थियों को हैजे का टीका लगाया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कॉलेज ने जूनियर कॉमन रूम के टाइटल से सू ची का नाम हटाया.

Rohingya refugee children pictured in a camp in cox's Bazar Bangladesh. Reuters/Cathal McNaughton

बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में रह रहे सात लाख शरणार्थियों को हैजे का टीका लगाया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कॉलेज ने जूनियर कॉमन रूम के टाइटल से सू ची का नाम हटाया.

Rohingya refugee children pictured in a camp in cox's Bazar Bangladesh. Reuters/Cathal McNaughton
बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के बच्चे. (फोटो: रॉयटर्स/कैथल मैकनॉटन)

जेनेवा: म्यांमार में हिंसा के बाद पलायन करने वाले तकरीबन 600,000 रोहिंग्या शरणार्थियों में से अधिकांश बच्चे हैं और वे पड़ोसी बांग्लादेश में भीड़भाड़ वाले, मलिन और गंदे शरणार्थी शिविरों में धरती पर नरक का सामना कर रहे हैं.

यह बात संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने एक अध्ययन में कही है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बच्चों की दुर्दशा का ज़िक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि शरणार्थियों में से 58 प्रतिशत बच्चे हैं जो बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में पिछले आठ सप्ताहों से शरण लिए हुए हैं.

रिपोर्ट तैयार करने वाले सिमोन इनग्राम ने बताया कि इलाके में हर पांच में से एक बच्चा बेहद तेज़ी से कुपोषित हो रहा है. यह रिपोर्ट जिनेवा में सोमवार को रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष एकत्र करने के लिए दानदाता सम्मेलन से पहले सामने आई है.

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंटोनी लेक ने एक बयान में बताया, बांग्लादेश में कई रोहिंग्या शरणार्थियों ने म्यांमार में अत्याचार देखा है जैसा किसी भी बच्चे ने अभी तक नहीं देखा था और सभी को भारी नुकसान हुआ है.

बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविरों में सात लाख से ज़्यादा लोगों को दिए गए हैजे के टीके

ढाका: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार इलाके में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में रह रहे सात लाख से ज़्यादा लोगों को हैजे के टीके दिए गए हैं.

यह डब्ल्यूएचओ द्वारा चलाया गया इस तरह का दूसरा सबसे बड़ा अभियान है. रोहिंग्या और अन्य लोगों को हैजे से बचाने के लिए 10 अक्टूबर को पहला चरण शुरू किया गया था.

बांग्लादेश में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि एन. परानीथरन ने कहा कि इस अभियान में एक साल या इससे अधिक उम्र के 7,00,487 लोगों को टीके दिए गए. इनमें से 1,79,848 बच्चे पांच साल तक की उम्र के थे. टीकाकरण का दूसरा अभियान नवंबर में शुरू होगा.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कॉलेज ने जूनियर कॉमन रूम के टाइटल से सू ची का नाम हटाया

लंदन: प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्रों ने म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना नहीं करने पर अपने जूनियर कॉमन रूम के टाइटल से म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची का नाम हटाने के लिए मतदान किया. ची इस कॉलेज में पढ़ाई कर चुकी हैं.

सेंट ह्यू कॉलेज के छात्रों ने बीते गुरुवार को तत्काल प्रभाव से जूनियर कॉमन रूम से नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सू ची का नाम हटाने के लिए मतदान किया.

कॉलेज के प्रस्ताव में कहा गया है, सू ची ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में सामूहिक हत्या, सामूहिक बलात्कार और मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा नहीं की जो अस्वीकार्य है. वह उन सिद्धांतों और आदर्शों के ख़िलाफ़ हो गई हैं जिन्हें एक समय उन्होंने ही न्यायसंगत रूप से प्रचारित किया था.

इसमें कहा गया, हमें इस मुद्दे पर आंग सान सू ची की चुप्पी और संलिप्तता की निंदा करनी चाहिए और उनकी सरज़मीं पर ही मानवाधिकारों के अपराधों के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

सू ची वर्ष 1967 में सेंट ह्यू कॉलेज से ग्रेजुएट हुई थीं और वर्ष 2012 में विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि हासिल की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)

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