झारखंड: बच्ची की मौत के बाद कथित भुखमरी से रिक्शा चालक की मौत

झरिया के रिक्शा चालक बैद्यनाथ तीन साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे थे. घर में पिछले कई दिनों से नहीं जला था चूल्हा.

झरिया के रिक्शा चालक बैद्यनाथ तीन साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे थे. घर में पिछले कई दिनों से नहीं जला था चूल्हा.

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मृतक बैद्यनाथ के परिजन. (फोटो साभार: प्रभात खबर)

झरिया/धनबाद: झारखंड के सिमडेगा में 11 साल की बच्ची की कथित भुखमरी से हुई मौत के बाद धनबाद के झरिया से भी इसी तरह की ख़बर आ रही है. धनबाद में झरिया थाना क्षेत्र के भालगढ़ा तारा बागान में 40 वर्षीय रिक्शा चालक बैद्यनाथ दास की मौत हो गई. बताया जाता है कि बैद्यनाथ दास के घर में अनाज का एक दाना तक नहीं था. भोजन नहीं मिलने के कारण वह बीमार हो गया था. शनिवार को उसकी मौत हो गयी.

प्रभात ख़बर अख़बार के मुताबिक सूचना पाकर झरिया अंचल के सीओ केदार नाथ सिंह, झरिया इंस्पेक्टर उपेंद्र नाथ राय, पार्षद शैलेंद्र सिंह आदि ने उनके घर जाकर मामले की जानकारी ली. साथ ही प्रशासन ने आनन-फानन में शाम चार बजे राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये का चेक उसकी पत्नी को सौंपा. अख़बार के अनुसार बैद्यनाथ तीन सालों से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था. ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन वह भी स्वीकृत नहीं हुआ.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैद्यनाथ के बड़े भाई जागो दास के नाम बीपीएल कार्ड था. उस वक्त पूरा परिवार साथ रहता था, लेकिन चार साल पहले जागो दास की मौत के बाद परिवार का नाम बीपीएल सूची से काट दिया गया. इस सूची में नाम जुड़वाने के लिए बैद्यनाथ सीओ कार्यालय झरिया, धनबाद व पार्षद का चक्कर लगाते रहा. लेकिन कुछ नहीं हुआ.

बैद्यनाथ के बेटे रवि कुमार दास ने बताया, ‘पापा लगातार झरिया व धनबाद के सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाते रहे लेकिन न तो बीपीएल सूची में नाम चढ़ाया गया और न ही आज तक राशन कार्ड ही बन सका. यदि लाभ मिला होता तो हमारे पापा की मौत नहीं हुई होती. परिवार में वही एक कमानेवाले सदस्य थे.’
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प्रभात खबर के धनबाद संस्करण का स्क्रीनशॉट

दैनिक जागरण के मुताबिक बैद्यनाथ रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. एक माह पहले उसके बीमार हो जाने से परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई. तब पत्नी पार्वती ने पास के एक घर में चौका-बर्तन का काम शुरू किया. पार्वती के अनुसार तीन दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था. बीमारी की हालत में भूख के कारण बैजनाथ ने आखिरकार शुक्रवार रात को दम तोड़ दिया.

हिंदुस्तान के मुताबिक धनबाद डीसी ए दोड्डे ने भूख से मौत होने से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि बैद्यनाथ की मौत बीमारी से हुई है.