सुप्रीम कोर्ट का गुजरात सरकार से सवाल, बिलकिस मामले के दोषी नौकरी कैसे कर रहे हैं?

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ हुई विभागीय कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.

/

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ हुई विभागीय कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.

Bilkis Supreme Court PTI Reuters
फोटो: पीटीआई/रॉयटर्स

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 23 अक्टूबर को गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी ठहराये गये पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ की गयी विभागीय कार्रवाई से उसे चार सप्ताह के भीतर अवगत कराया जाये.

ज्ञात हो कि इस मामले में न्यायालय ने इन पुलिस अधिकारियों की दोषसिद्धि बरकरार रखी थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि 2002 बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों को वापस काम पर कैसे रखे जा सकते हैं.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार बिलकिस ने उन्हें दिए जाने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी की अपील की थी, साथ ही कहा गया कि जिन चार पुलिसवालों व दो डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था, उनके पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक उन्हें सरकार ने वापस काम पर रख लिया है.

इस पर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य सरकार से 4 हफ्तों के भीतर जवाब देने के साथ बिलकिस को मुआवजे में वृद्धि के लिए एक नयी अपील दायर करने की अनुमति दी है.

सामूहिक बलात्कार की पीड़िता ने मुआवजे की राशि में समुचित वृद्धि के साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का अनुरोध किया है.

शीर्ष अदालत ने इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार मई को अपने फैसले में सामूहिक बलात्कार के इस मामले में 12 दोषियों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी थी जबकि न्यायालय ने पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों सहित सात व्यक्तियों को बरी करने का निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया था.

इससे बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच में गड़बड़ी के दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी आरएस भगोरा सहित चार अन्य पुलिस कर्मियों और दो डॉक्टरों की याचिका पर जल्दी सुनवाई की याचिका ख़ारिज कर दी थी.

गोधरा ट्रेन अग्निकांड की घटना के बाद गुजरात में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मार्च, 2002 में गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इस हिंसा में उसके परिवार के सात सदस्य मार दिए गये थे जबकि परिवार के छह अन्य सदस्य बचकर भाग निकलने में कामयाब हो गये थे.

न्यायालय ने पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के अपराध का दोषी ठहराया था. दोषी ठहराये गये पुलिसकर्मियों नरपत सिंह, इदरीस अब्दुल सैयद, बीकाभाई पटेल, रामसिंह भाभोर, सोमभाई गोरी और और डाक्टरों में अरूण कमार प्रसाद और संगीता कुमार प्रसाद शामिल हैं.

विशेष अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को इस मामले में 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुये उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के आधार पर)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq