राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने विवादित विधेयक विधानसभा में पेश किया

कांग्रेस ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के ख़िलाफ़ निकाला मार्च, सचिन पायलट सहित कई नेता हिरासत में लिए गए.

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कांग्रेस ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के ख़िलाफ़ निकाला मार्च, सचिन पायलट सहित कई नेता हिरासत में लिए गए.

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राजस्थान विधानसभा में पेश दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के विरोध में विरोध करते कांग्रेसी नेता सचिन पायलट और अन्य. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर: राजस्थान विधानसभा के मौजूदा सत्र में सोमवार को राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने प्रतिपक्ष और भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक के भारी विरोध और वाकआउट के बीच दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 सदन में पेश किया.

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस विधेयक के विरोध में जयपुर में मार्च निकाला. पुलिस ने मार्च में शामिल कांग्रेसी नेता सचिन पायलट, रामेर डूडी, अश्क अली टांक सहित अन्य लोगों को हिरासत में लिया है.

गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने विधेयक का विरोध कर रहे सदस्यों को हालांकि, आश्वासन दिया कि चर्चा के दौरान उनकी शंकाओं का समाधान किया जाएगा. इसके बावजूद कांग्रेस, नेशनल पीपुल्स पार्टी और भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अध्यक्ष कैलाश मेघवाल द्वारा विधेयक पर बोलने की अनुमति नहीं देने और विधेयक के विरोध में सदन से वाकआउट किया.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के रमेश मीणा ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के विरोध में बोलना शुरू किया. हालांकि अध्यक्ष ने उनकी बातों को सदन की कार्यवाही में अंकित नहीं करने का निर्देश दिया.

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कटारिया ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017, जबकि अन्य मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के विधेयक सदन में पेश किए.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मौजूदगी में तिवाड़ी ने अध्यक्ष से उक्त विधेयक पर बोलने के लिए दो बार अनुमति मांगी, और आसन के इनकार से नाराज होकर सदन से बहिर्गमन किया.

निर्दलीय विधायक माणिक चंद सुराणा ने उक्त संशोधन विधयेक नियमों के तहत पेश नहीं करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की पूर्वानुमति अनिवार्य है. उनकी पूर्वानुमति के बगैर इसे पेश नहीं किया जा सकता.

नेता प्रतिपक्ष रामेर डूडी भी इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी. प्रतिपक्ष और सत्ता दल के एक विधायक के विरोध के बीच कटारिया ने कहा, मैंने अभी इस विधेयक को पुरस्थापित किया है जब चर्चा हो, तभी बहस करें, सरकार हर बात का जवाब देगी.

विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने मार्च निकाला, इस दौरान पुलिस ने मार्च में शामिल प्रमुख नेता सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेर डूडी, अश्क अली टांक सहित अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में विरोध मार्च राजभवन के लिए रवाना हुआ. पुलिस ने रास्ते में ज्योति नगर थाने के निकट सभी को रोका और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया.

पायलट के साथ राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेर डूडी, कांग्रेस विधायक एवं वरिष्ठ नेता अश्क अली टांक सहित अन्य मुंह और कानों पर काली पट्टिया बांधे और विधेयक को काला कानून की संज्ञा देने वाले नारे लिखी तख्तियां हाथ में लेकर मार्च निकाल रहे थे.

पुलिस ने विरोध मार्च में शामिल नेताओं को हिरासत में ले लिया है और बसों में बैठाकर बजाज नगर थाने ले गए हैं. कांग्रेस, दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल को देने वाली थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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