नोटबंदी के बाद जीएसटी से इस बार शादियों का ख़र्च बढ़ जाएगा: एसोचैम

नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू होने से शादियों की ख़रीददारी महंगी हुई है. शादियों के लिए टेंट बुकिंग, फोटोग्राफी, खाने-पीने की सेवाएं सभी 10 से 15 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

वाणिज्य और उद्योग मंडल के अनुसार, नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू होने से शादियों की ख़रीददारी महंगी हुई है. शादियों के लिए टेंट बुकिंग, फोटोग्राफी, खाने-पीने की सेवाएं सभी 10 से 15 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी.

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(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के मुताबिक वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था में शादियों का बजट बढ़ने जा रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद नवंबर से शुरू होने जा रहे शादियों के मौसम के लिए टेंट बुकिंग, शादी के लिए हॉल की बुकिंग, फोटोग्राफी, खाने-पीने की सेवाएं सभी 10 से 15 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी.

एसोचैम के मुताबिक, जीएसटी के दायरे में आने के बाद शादियों से जुड़ी ज़्यादातर सेवाए महंगी हो जाएंगी. शादी की ख़रीददारी हो, टेंट की बुकिंग हो या फिर कैटरिंग सेवाएं जीएसटी में ज़्यादातर सेवाओं पर 18 से 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. इस वजह से शादियों का ख़र्च बढ़ जाएगा.

उद्योग मंडल द्वारा जीएसटी और शादियों पर तैयार दस्तावेज़ में कहा गया है कि इससे पहले टेंट लगाने वाले, खान-पान सेवाएं जैसे हलवाई, चाट-पकौड़ी देने वाले बिना पंजीकरण के ही काम करते थे और गैर-पंजीकृत बिल पर काम करते रहे हैं जिस पर उन्हें कोई कर नहीं देना होता था.

बीते 21 अक्टूबर को खुदरा व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिवाली के समय हुए कारोबार का आंकड़ा पेश किया. संगठन के अनुसार, इस साल नोटबंदी तथा जीएसटी के कारण दिवाली पर होने वाले कारोबार की तस्वीर बदली हुई थी.

संगठन का दावा है कि इस दीपावली बिक्री में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत की गिरावट आई और यह पिछले 10 सालों की सबसे सुस्त दीपावली मानी जा रही है.

बहरहाल उद्योग मंडल एसोचैम के दस्तावेज़ के मुताबिक नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू होने से शादियों की ख़रीददारी महंगी हुई है. आभूषणों की ख़रीददारी से लेकर ब्यूटी पार्लर, फोटोग्राफी, होटल और शादी के लिए हॉल बुक कराना महंगा हुआ है.

हालांकि, इसमें कहा गया है कि विशेष स्थानों, पैलेस में होने वाली शादी और शादी-पर्यटन पर जीएसटी का कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं लगती है. इस तरह की शादियां का कुल कारोबार में 10 प्रतिशत हिस्सा है.

आलीशान होटलों और पर्यटक स्थलों पर होने वाली शादियां पहले ही काफी महंगी होती रही हैं और विदेशी, प्रवासी भारतीय और धनी तथा जानी-मानी हस्तियों के लोग ही इस तरह की शादियां करते रहे हैं.

एसोचैम दस्तावेज़ के मुताबिक 500 रुपये से ज़्यादा कीमत के चप्पल-जूते पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. सोने और हीरे के आभूषण पर भी कर 1.6 प्रतिशत से बढ़कर 3 प्रतिशत हो गया है.

पांच सितारा होटलों की बुकिंग पर जीएसटी के रूप में 28 प्रतिशत की अतिरिक्त लागत लगेगी. कार्यक्रम आयोजन सेवाएं देने वाली कंपनियां भी 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाएंगी. शादियों के लिए खुले पार्क, हॉल आदि बुक कराने पर भी 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया गया है.

भारत में शादियों से जुड़ा समूचा कारोबार 1,000 अरब रुपये का है और यह कारोबार सालाना 25 से 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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