नोटबंदी: आठ नवंबर को विपक्ष मनाएगा काला दिवस, देश भर में होंगे प्रदर्शन

कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई.

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New Delhi: Opposition leaders Ghulam Nabi Azad of Congress, Derek O’Brien of TMC and JD (U) rebel leader Sharad Yadav addressing the media to observe November 8 as Black Day to protest note ban, in New Delhi on Tuesday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI10_24_2017_000040A)

कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई.

New Delhi: Opposition leaders Ghulam Nabi Azad of Congress, Derek O’Brien of TMC and JD (U) rebel leader Sharad Yadav addressing the media to observe November 8 as Black Day to protest note ban, in New Delhi on Tuesday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI10_24_2017_000040A)
नई दिल्ली में मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और जदयू के शरद यादव मीडिया को संबोधित करते हुए. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए विपक्ष ने मंगलवार को घोषणा की कि इस फैसले के एक साल पूरे होने पर विपक्षी दल आठ नवंबर को काला दिवस मनाएंगे तथा देश भर में विरोध-प्रदर्शन करेंगे. विपक्ष का दावा है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरियों को नुकसान पहुंचा है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को प्रचलन से बंद किए जाने की घोषणा की थी. विपक्ष ने तभी नोटबंदी के फैसले के कारण अर्थव्यवस्था की हालत बुरी होने, बेरोजगारी बढ़ने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कम होने की आशंका जताई थी.

आजाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की जो आशंका जताई थी, वह पूरी तरह सही साबित हुई. आजाद के साथ संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन और जदयू के शरद यादव भी मौजूद थे.

18 विपक्षी दलों की समन्वय समिति की बैठक

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्षी दल संसद के भीतर आपसी समन्वय से काम करते हैं. किंतु पिछले मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्षी नेताओं की बैठक में एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय किया गया. समिति के सदस्यों को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे दो सत्रों के बीच की अवधि में विभिन्न 18 दलों के नेताओं से बातचीत कर समन्वय करें.

उन्होंने कहा कि इस समन्वय समिति की सोमवार को पहली बैठक हुई. इस बैठक में तय किया गया कि आठ नवंबर को सभी विपक्षी दल अपने अपने तरह से काला दिवस मनाएं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद पूरा देश सड़कों पर आ गया और लोगों को लाइनों में घंटों खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.

आजाद ने कहा कि नोटबंदी के कारण सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 120 लोग मारे गए जबकि अनाधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इनकी संख्या 300-400 है. इनमें लाइन में खड़े होने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से जान गंवाने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं.

नोटबंदी का कोई मकसद पूरा नहीं हुआ

उन्होंने कहा सरकार ने काला धन, जाली मुद्रा और आतंकवादियों के वित्त पोषण पर रोक जैसे जिन उद्देश्यों के लिए नोटबंदी का फैसला किया था, उनमें से कोई भी मकसद पूरा नहीं हुआ क्योंकि 99 प्रतिशत मुद्रा तो वापस आ गई. शेष मुद्रा सहकारी बैंकों तथा पड़ोस के देशों के बैंक में जमा कराई गई है.

आजाद ने स्पष्ट किया कि आठ नवंबर को कांग्रेस की अगुवाई में 18 विपक्षी दल अपने अपने क्षेत्रों में अपने कार्यक्रमों और योजना के अनुसार नोटबंदी के फैसले का विरोध करेंगे.

तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो पिछले साल आठ नवंबर को ही नोटबंदी का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि तृणमूल की ओर से नोटबंदी के बारे में जो भी आशंकाएं जताई गई थीं, सरकार ने आज तक उनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया. आजाद ने स्पष्ट किया कि संसद के आगामी सत्र से पहले भी विपक्षी समन्वय समिति की एक बैठक होगी.

नोटबंदी को लेकर सरकार को घेरने के मकसद से संयुक्त विपक्ष ने साझा विरोध की यह योजना बनाई है. विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरियों को नुकसान पहुंचा है. सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ विपक्षी दलों की बैठक हुई जिसमें साझा विरोध करने के तौर तरीकों पर विचार विमर्श किया जा सके. इस बैठक में छह विपक्षी दलों— कांग्रेस, वाम, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं जदयू के नेता शामिल हुए. ये नेता विपक्षी समन्यव समिति में शामिल हैं.

सूत्रों ने कहा कि विपक्ष इस अवसर पर राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शन करना चाहता है ताकि नोटबंदी के निर्णय के दुष्प्रभावों को उजागर किया जा सके जिसके कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरी के बाजार पर बुरा असर पड़ा है.

लालू की राजद की अलग रैली

बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी नोटबंदी की विफलता के खिलाफ आठ नवंबर को राज्यव्यापी रैली करेगा. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि नोटबंदी की विफलता के खिलाफ उनकी पार्टी आगामी आठ नवंबर को राज्य स्तर पर रैली का आयोजन करेगी.

उन्होंने कहा कि वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से आगामी आठ नवंबर को पूछेंगे कि 500 और 1000 रुपये के नोट को जानबूझकर बंद किए जाने से आम जनता को क्या लाभ पहुंचा.

लालू ने आरोप लगाया कि नोटबंदी ने छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचाया. लाखों लोगों को बैंक के बाहर पुराने नोट बदलने के लिए घंटों खड़े रहने को मजबूर होना पड़ा. इस निर्णय के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है.

उल्लेखनीय है कि लालू ने गत 27 अगस्त को भाजपा भगाओ, देश बचाओ नारे के साथ केंद्र सरकार और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नई सरकार बनाने पर मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ पटना के गांधी मैदान में महारैली का आयोजन किया था.

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