केरल सरकार ने राज्य के पांच देवाश्म बोर्डों में होने वाली नियुक्तियों में अगड़े समुदायों में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण देने का फैसला किया है.

केरल में पांच देवाश्म बोर्ड हैं जो मंदिरों का प्रबंधन करते हैं. केरल का सुप्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर. (फोटो: रॉयटर्स)
तिरुवनंतपुरम: वाम नीत केरल सरकार ने एक अहम फैसले के तहत राज्य के पांच देवाश्म बोर्डों में होने वाली नियुक्तियों में अगड़े समुदायों में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण मुहैया करने का फैसला किया है.
कैबिनेट बैठक में फैसला लिए जाने के बाद बुधवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि यह पहला मौका है, जब देश में अगड़े समुदायों को आरक्षण दिया गया है. उन्होंने कहा कि नये फैसले को लागू करने के लिए देवाश्म भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाश्म बोर्ड में भर्ती में इन समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि देवाश्म नियुक्तियों में पिछड़े समुदायों और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण कोटा भी बढ़ाने का संकल्प लिया गया.
ताजा घोषणा के साथ एझावा समुदाय का आरक्षण 14 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी हो जाएगा. वहीं, एसएसीएसटी का 10 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगा.
विजयन ने कहा कि एझावा के अलावा पिछड़े समुदायों का आरक्षण छह फीसदी होगा. पहले यह तीन फीसदी था. उन्होंने कहा कि एलडीएफ और राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बनाना जारी रखेगी कि अन्य सरकारी नौकरियों मे भी अगड़े समुदायों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण मुहैया कराने के लिए संविधान संशोधन किया जाए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का विचार है कि देवाश्म बोर्ड एक ऐसा क्षेत्र है जहां इसे लागू किया जा सकता है. गौरतलब है कि त्रावणकोर देवाश्म बोर्ड, मालाबार देवाश्म बोर्ड, गुरुवयूर देवाश्म, कूडलमणिकम देवाश्म और कोचिन देवाश्म बोर्ड- पांच बोर्ड हैं जो इस राज्य में मंदिरों का प्रबंधन करते हैं.