महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में जनवरी से अब तक 814 किसानों ने आत्महत्या की

महाराष्ट्र में गन्ना आंदोलन हिंसक हुआ, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में तीन किसानों ने की खुदकुशी, नीमच में उपज का दाम कम मिला तो किसान ने उपज को आग लगाई.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

महाराष्ट्र में गन्ना आंदोलन हिंसक हुआ, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में तीन किसानों ने की खुदकुशी, नीमच में उपज का दाम कम मिला तो किसान ने उपज को आग लगाई.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: देश भर में किसानों की हालत सुधरने की जगह बदतर होती जा रही है. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. इसके पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश में दमोह और गुना जिले में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. उधर, महाराष्ट्र के अहमदनगर और औरंगाबाद जिलों में गन्ना किसानों का आंदोलन बुधवार को हिंसक होने से दो किसान घायल हो गए.

इस बीच, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में कर्ज और तंगी के चलते आत्महत्या करने वाले किसानों का आंकड़ा 800 के पार चला गया है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक खबर में कहा गया है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल जनवरी से लेकर किसानों की आत्महत्याओं का आंकड़ा 800 पार कर गया है. बीते सोमवार को प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अब तक मराठवाड़ा क्षेत्रे में कर्ज के चलते 814 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. महाराष्ट्र में कर्ज माफ होने के बावजूद कुछ नहीं बदला है.

मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले हैं. इनमें से बीड़ जिले में सर्वाधिक 167, नांदेड़ में 127, औरंगाबाद में 111 और उस्मानाबाद में 105 किसानों ने आत्महत्या की है.

अखबार ने लिखा है, सरकार द्वारा गठित वसंत राव नाइक शेतकारी स्वावलंबन समिति के प्रमुख किशोर तिवारी ने कहा कि कर्जमाफी का मतलब यह नहीं है कि किसानों को उनके हाथ में कोई रकम मिली है.

दो किसानों ने आर्थिक तंगी के चलते की खुदकुशी

मध्य प्रदेश में मंगलवार को दमोह और गुना जिले में दो किसानों ने कथित तौर पर कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान होकर खुदकुशी कर ली. पुलिस नियंत्रण कक्ष की प्रधान आरक्षक राजेश कुमारी ने बताया कि गुना जिले के बमोरी थाना क्षेत्र के उकावदकलां गांव में 32 वर्षीय किसान सुमेर धाकड़ ने आज अपने घर में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.

उन्होंने बताया कि मृतक ने ट्रैक्टर के लिए कर्जा लिया था और वह उसकी किश्तें नहीं चुका पा रहा था. हालांकि मृतक कोई सुसाइड नोट छोड़कर नहीं गया है.

गांव की महिला सरपंच के पति मनोज धाकड़ ने बताया कि सोयाबीन व उड़द की फसल कमजोर हुई थी और उसके उचित भाव भी नहीं मिलने से सुमेर तनाव में चल रहा था. उन्होंने कहा कि मृतक सुमेर के परिवार में उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं.

प्रदेश में किसान आत्महत्या की दूसरी घटना में दमोह जिले के भोजपुर ककरा गांव के निवासी 40 वर्षीय किसान रामा पटेल ने कर्ज और आर्थिक तंगी के चलते कीटनाशक दवा पी ली. गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती रामा की दमोह जिला चिकित्सालय में मौत हो गई.

अस्पताल में मौजूद रामा के परिजन गणेश पटेल ने बताया कि मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में उसने किल्लाई नाका के दो लोगों के पर कर्ज के चलते जान से मारने की धमकी देकर प्रताड़ित करने का जिक्र किया है.

गणेश ने बताया कि इसके बावजूद बैंक के कर्ज से परेशान रामा ने किसी से रुपये उधार लेकर बैंक में सोमवार को ऋण की किश्त जमा कराई थी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद दुबे ने बताया, पुलिस मामला दर्ज कर इसकी जांच कर रही है. जांच के बाद ही रामा की मौत की कारणों का खुलासा हो सकेगा.

किसानों की पुलिस के साथ झड़प

महाराष्ट्र के अहमदनगर और औरंगाबाद जिलों में बुधवार को गन्ना किसानों का आंदोलन हिंसक होने से दो किसान घायल हो गए. अधिकारियों ने जानकारी दी कि कि गन्ना उपज के लिए 3,100 रुपये प्रति टन दिए जाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और आसमान में गोलियां चलाईं.

पुलिस के अनुसार अहमदनगर और औरंगाबाद जिलों के शेवगाव और पैथान तालुकों में हुई हिंसा में दो किसान और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.

अहमदनगर के एसपी रंजनकुमार शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया, किसानों ने पत्थर फेंके जिससे स्थिति खराब हो गई और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का इस्तेमाल करना पडा.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और इसके बाद किसानों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलीबारी की गई. सूत्रों ने बताया कि घायल किसानों और पुलिसकर्मियों को स्थानीय सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और सभी की हालत खतरे से बाहर है.

छत्तीसगढ़ में किसान ने की आत्महत्या

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मुंगेली जिले के पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जिले के फास्टरपुर विकासखंड के विचारपुर गांव में मंगलवार रात 31 वर्षीय किसान विजय अंचल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसान विजय अंचल ने अपनी बाड़ी के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. बुधवार की सुबह घटना की जानकारी परिजनों को मिली तब उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी. घटना की जानकारी के बाद घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. शव को परिजनों को सौप दिया गया है.

उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. मुंगेली जिले के एसडीएम सुमित अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि विजय अक्सर बीमार रहता था. विजय को पेट दर्द की शिकायत थी. वह इसका इलाज भी करा रहा था.

अग्रवाल ने बताया कि विजय काम करने राज्य से बाहर जाता था. कुछ समय पहले ही वह लखन से लौटा था. मृतक के नाम पर कोई कृषि भूमि नहीं है. उस पर किसी तरह का कर्ज होने की बात भी सामने नहीं आई है. विजय के परिजन यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि उसने किस साहूकार से कितना कर्ज लिया था. मामले की जांच की जा रही है.

इधर विजय के परिजनों ने बताया कि विजय पिछले चार-पांच दिनों से किसी कर्ज देने वाले व्यक्ति द्वारा लगातार दबाव डालने से परेशान था. उसने मोटी ब्याज दर पर खेती-किसानी और घर खर्च के नाम पर करीब डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे.

इसके अलावा उसने अपने दादा के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड से भी करीब 85 हजार रुपये धान और गुलाबी चने की फसल बोने के लिए लिए थे. विजय के परिजनों ने बताया कि विजय कर्ज की रकम की व्यवस्था नहीं कर पाया, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली.

इधर आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि विजय के आत्महत्या मामले की जांच जिला प्रशासन द्वारा करवाई गई है. घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर द्वारा मुंगेली के अनुविभागीय दंडाधिकारी और अनुविभागीय पुलिस अधिकारी को संयुक्त रूप से जांच के लिए मृतक के गांव भेजा गया था.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों अधिकारियों द्वारा मृतक के परिवार के सदस्यों और अन्य स्थानीय लोगों से पूछताछ और छानबीन में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि विजय ने कर्ज के कारण आत्महत्या की है. यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि उसने किस व्यक्ति अथवा किस संस्था से कर्ज लिया था, लेकिन जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि मृतक और उनकी पत्नी अक्सर बीमार रहते थे.

उन्होंने बताया कि मामले की और भी अधिक गहराई से जांच की जा रही है. जांच प्रतिवेदन के अनुसार मृतक के परिवार में पत्नी और दो नाबालिक बच्चे हैं. मृतक के नाम पर कृषि भूमि नहीं है. रोजगार के लिए अक्सर हर साल उनका लखन और अन्य स्थानों में आना-जाना लगा रहता था.

अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पत्नी दुर्गेश बाई के नाम पर राशन कार्ड बना हुआ है. परिवार के सदस्यों के कथन के अनुसार विजय के दादा के नाम पर 1.069 हेक्टेयर जमीन गांव में है. इस जमीन पर वह अपने अन्य परिजनों के साथ खेती करता था.

अभी सोयाबीन की खेती एक एकड़ में की गई थी, जो अल्पवर्षा के कारण प्रभावित हुई है. इस पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत मुआवजा देने के लिए तहसीलदार द्वारा कार्रवाई की जा रही है. जिला कलेक्टर ने कहा है कि संपूर्ण मामले की गहराई से छानबीन में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

800 की तुलसी का दाम मिला 400, लगा दी आग

मध्य प्रदेश के नीमच में फसल का सही दाम न मिलने पर एक किसान ने अपनी उपज को आग लगा दी. प्रदेश की सबसे बड़ी औषधि मंडी में मंगलवार को एक किसान ने अपनी उपज का उचित दाम नहीं मिलने नाराज होकर अपनी उपज तुलसी के डंठल के ढेर को ही आग लगा दी.

निकट के मंदसौर जिले के धमनार क्षेत्र से किसान सुरेश धाकड़ अपनी उपज तुलसी के डंठल लेकर नीमच के औषधि मंडी में बेचने आया था. व्यापारियों ने किसान की उपज पर बोली लगाई और 490 रुपये प्रति क्विंटल अंतिम बोली लगी. इस दाम पर किसान अपनी उपज देने को तैयार था, लेकिन बोली लगाने के बाद व्यापारी इससे मुकर गया और 400 रुपये क्विंटल के दाम लगाए. व्यापारी द्वारा दोबारा कम भाव लगाए जाने से किसान इतना नाराज हुआ कि उसने आव देखा न ताव और अपनी उपज के ढेर को आग लगा दी.

आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक किसान की उपज का ढेर जल चुका था. सुरेश धाकड़ ने कहा कि मंडी में व्यापारी बोली लगाकर पीछे हट रहे हैं और मंडी में किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है. यहां हमारी उपज के सही भाव ही नहीं मिल रहे हैं.

कृषि उपज मंडी समिति के संचालक और किसान नेता उरांव सिंह गुर्जर ने स्वीकार किया कि सुरेश को उसकी उपज का सही मूल्य नहीं मिला और बोली लगाने के बावजूद व्यापारी उस भाव में उपज लेने से पलट गया जबकि किसान की यह उपज राम तुलसी का भाव तेजी में करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल होता है. उन्होंने कहा कि घटना से किसानों में भारी आक्रोश है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq